
जानिए रघुनाथ मंदिर का इतिहास, दर्शन व आरती का समय और कैसे पहुँचें।
रघुनाथ मंदिर ऋषिकेश का एक प्राचीन और प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो भगवान श्रीराम को समर्पित है। यह मंदिर अपनी शांतिपूर्ण वातावरण और भक्ति रस से भरपूर है। माना जाता है कि यहाँ दर्शन और पूजा करने से भक्तों को मन की शांति, सुख और समृद्धि प्राप्त होती है। इस लेख में जानिए रघुनाथ मंदिर ऋषिकेश का इतिहास, धार्मिक महत्व और दर्शन की खास बातें।
हिमालय की तलहटी में बसा ऋषिकेश एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो अपनी शांत प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक वातावरण के लिए जाना जाता है। यह नगर अनेक मंदिरों और आश्रमों का घर है, जो हर साल हजारों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है। इन्हीं मंदिरों में से एक है रघुनाथ मंदिर, जो भगवान राम और माता सीता को समर्पित है। यह मंदिर त्रिवेणी घाट के समीप स्थित है और इसके पास ही स्थित है ऋषिकुंड, एक पवित्र जलाशय।
मंदिर का इतिहास
रघुनाथ मंदिर का निर्माण 17वीं शताब्दी में टेहरी रियासत के महाराजा प्रताप शाह द्वारा कराया गया था। यह ऋषिकेश के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है। मंदिर के पास बना ऋषिकुंड एक विशेष आकर्षण है, जिसमें यमुना नदी का जल है। किंवदंती के अनुसार, ऋषि कुब्ज की तपस्या से प्रसन्न होकर यमुना देवी ने इस कुंड को जल से भर दिया। आश्चर्य की बात यह है कि इस कुंड का जल कभी कम या अधिक नहीं होता और यह सदैव स्वच्छ बना रहता है।
पौराणिक मान्यता है कि भगवान राम वनवास के समय इस स्थान पर आए थे और इस कुंड में स्नान किया था। ऋषि कुब्ज ने भी इसी स्थान पर तपस्या की थी और यमुना को यहाँ अवतरित होने के लिए आमंत्रित किया था। श्रद्धालु यहाँ आकर भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की पूजा करते हैं। मंदिर में नियमित रूप से पूजा, आरती और धार्मिक अनुष्ठान होते हैं, जिनमें बड़ी संख्या में भक्त भाग लेते हैं। यह स्थान ध्यान और आत्मिक शांति के लिए अत्यंत उपयुक्त है।
मंदिर की वास्तुकला
रघुनाथ मंदिर की वास्तुकला उत्तर और दक्षिण भारतीय शैलियों का मिश्रण है। इसमें एक गर्भगृह, एक बड़ा सभा कक्ष और कई छोटे-छोटे मंदिर शामिल हैं जो विभिन्न देवी-देवताओं को समर्पित हैं। मुख्य मूर्ति भगवान राम की है, जो काले पत्थर की बनी हुई है और भव्य आभूषणों से सुसज्जित है। इनके साथ माता सीता और लक्ष्मण की मूर्तियाँ भी विराजमान हैं। इसके अलावा मंदिर में भगवान शिव, हनुमान और गणेश की मूर्तियाँ भी स्थापित हैं। मंदिर की दीवारों और स्तंभों पर रामायण के दृश्यों की सुंदर नक्काशी की गई है। एक सुंदर पुष्पवाटिका (बगीचा) भी मंदिर परिसर का हिस्सा है, जो यहाँ के वातावरण को और अधिक शांतिपूर्ण बनाता है।
मंदिर हर दिन सुबह 6:00 बजे से रात 8:00 बजे तक खुला रहता है।
रघुनाथ मंदिर का प्रसाद
भगवान को फल, फूल, मेवा, मिठाई, चना और चिरौंजी का भोग लगाया जाता है।
वायु मार्ग: सबसे निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है, जो मंदिर से लगभग 17 किमी दूर है। यहाँ से टैक्सी या ऑटो से मंदिर पहुँचा जा सकता है।
रेल मार्ग: सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है, जो मंदिर से केवल 2 किमी दूर है। यहाँ से ऑटो द्वारा 5 मिनट में मंदिर पहुँचा जा सकता है।
सड़क मार्ग: ऋषिकेश बस स्टैंड से मंदिर की दूरी लगभग 2 किमी है। स्थानीय साधनों से मात्र 6 मिनट में मंदिर पहुँचा जा सकता है।
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