जानिए शीतला माता मंदिर का इतिहास, दर्शन का समय, धार्मिक महत्व और वहां कैसे पहुँचें।
शीतला माता मंदिर, इंदौर में स्थित एक प्रमुख हिन्दू तीर्थ स्थल है, जो देवी शीतला को समर्पित है। यह मंदिर विशेष रूप से शीतला अष्टमी के अवसर पर भक्तों द्वारा पूजा और अनुष्ठानों के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर का वातावरण शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक है, जो श्रद्धालुओं को मानसिक शांति प्रदान करता है। आइये जानते हैं इसके बारे में
इंदौर से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर, मानपुर के रामपुरिया बुजुर्ग गांव में स्थित है शीतला माता मंदिर। यह मंदिर एक प्राचीन गुफा के भीतर स्थित है और चारों ओर से प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा हुआ है। मंदिर से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर शीतला माता जलप्रपात भी स्थित है, जिससे भक्त पूजा के साथ-साथ प्रकृति का आनंद भी लेते हैं। शीतला माता का यह मंदिर “शीतला माता वाटरफॉल” के नाम से भी जाना जाता है।
शीतला माता मंदिर का इतिहास हजारों वर्ष पुराना माना जाता है। मंदिर की स्थापना को लेकर कोई सटीक प्रमाण उपलब्ध नहीं है, लेकिन ऐसा कहा जाता है कि माता की प्रतिमा स्वयंभू है और लगभग 1000 साल पुरानी है। एक अन्य मान्यता के अनुसार, इस मंदिर का जीर्णोद्धार 1857 में किया गया था।
यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है। मान्यता है कि माता शेर पर सवार होकर स्वयं दर्शन के लिए आती हैं। माता अपने भक्तों के कष्टों को दूर करती हैं और चेचक जैसे रोगों से भी बचाव करती हैं। मंदिर के निकट तीन प्राकृतिक गुफाएं हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि होल्कर काल में पिंडारी यहीं छिपे थे। स्कंद पुराण में शीतला माता को चेचक रोग की देवी माना गया है।
यह मंदिर एक प्राकृतिक गुफा में स्थित है, इसलिए इसका कोई पारंपरिक निर्माण कार्य नहीं हुआ है। गुफा के भीतर शीतला माता सिंदूरी रंग में पाषाण स्वरूप में विराजित हैं। गुफा के प्रवेश में ही माता के दर्शन होते हैं। मंदिर के भीतर भगवान शिव की पिंडी और नंदी की मूर्ति भी स्थापित है। माना जाता है कि शिव का यह रूप नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर जैसा ही है।
शीतला माता मंदिर हर दिन सुबह 8:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है।
मंदिर में माता को चना, चिरौंजी, लड्डू और पुष्प अर्पित किए जाते हैं। श्रद्धालु माता को चुनरी भी चढ़ाते हैं।
सबसे नजदीकी एयरपोर्ट इंदौर का देवी अहिल्याबाई होल्कर एयरपोर्ट है। यहां से टैक्सी द्वारा मंदिर तक पहुँचा जा सकता है।
इंदौर रेलवे स्टेशन सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। यहां से आप ऑटो, टैक्सी या बस से मंदिर जा सकते हैं।
इंदौर शहर सड़क मार्ग से देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा है। आप बस, टैक्सी या अपने निजी वाहन से भी मंदिर तक आसानी से पहुँच सकते हैं।
शीतला माता मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य से भी भरपूर है। यहां आने वाले भक्तों को आध्यात्मिक शांति और प्राकृतिक आनंद दोनों का अनुभव होता है।
Did you like this article?
बाँके बिहारी मंदिर वृंदावन का इतिहास, दर्शन और आरती के समय, वास्तुकला और मंदिर तक पहुँचने का मार्ग जानिए। यह मंदिर श्रीकृष्ण भक्तों के लिए अत्यंत पावन स्थल है।
वेणी माधव मंदिर प्रयागराज का इतिहास, दर्शन और आरती का समय, वास्तुकला और मंदिर तक पहुँचने का मार्ग जानिए। यह मंदिर भगवान विष्णु के भक्तों के लिए अत्यंत पावन स्थल है।
कालभैरव मंदिर उज्जैन का इतिहास, दर्शन और आरती का समय, वास्तुकला और मंदिर तक पहुँचने का मार्ग जानिए। यह मंदिर उज्जैन के रक्षक देवता कालभैरव को समर्पित एक रहस्यमयी और पवित्र स्थल है।