जानिए वृंदावन के पवित्र श्री राधा वल्लभ मंदिर का पौराणिक इतिहास, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व, पूजा व दर्शन का समय, तथा मंदिर तक पहुँचने का रास्ता।
श्री राधा वल्लभ मंदिर वृंदावन का प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर है, जो राधा रानी और श्रीकृष्ण को समर्पित है। यह मंदिर अपनी भक्ति परंपरा और अद्भुत स्थापत्य कला के लिए विशेष महत्व रखता है। मान्यता है कि यहाँ दर्शन करने से भक्तों को प्रेम, भक्ति और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। इस लेख में जानिए श्री राधा वल्लभ मंदिर वृंदावन का इतिहास, धार्मिक महत्व और यहाँ दर्शन की खास बातें।
राधा वल्लभ मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के वृंदावन शहर में स्थित एक ऐतिहासिक और प्रमुख वैष्णव मंदिर है। इसे राधा वल्लभलाल जी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर श्री कृष्ण को समर्पित है, जिन्हें यहाँ राधा वल्लभ के रूप में पूजा जाता है। श्रीकृष्ण के साथ देवी राधा की उपस्थिति का प्रतीक स्वरूप एक मुकुट मंदिर में स्थापित है। यह मंदिर राधा वल्लभ संप्रदाय का प्रमुख केंद्र है और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है।
इस मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी में संत हित हरिवंश महाप्रभु के मार्गदर्शन में हुआ। इसे वर्ष 1585 में उनके पुत्र श्री वनचंद्र के शिष्य सुंदरदास भटनागर ने बनवाया था। इतिहास में उल्लेख है कि प्रारंभ में राजा मान सिंह मंदिर का निर्माण करना चाहते थे, परंतु एक अफवाह के कारण कि जो इस मंदिर का निर्माण करेगा, उसकी एक वर्ष में मृत्यु हो जाएगी, उन्होंने यह निर्णय टाल दिया। बाद में सुंदरदास भटनागर ने इसका निर्माण पूर्ण करवाया और अफवाह के अनुसार निर्माण पूर्ण होने के एक वर्ष के भीतर उनकी मृत्यु हो गई।
ऐसी मान्यता है कि राधा वल्लभ मंदिर में प्रभु केवल उसी भक्त को दर्शन देते हैं जो निष्कपट होकर, सच्चे मन और प्रेमभाव से मंदिर में प्रवेश करता है। जिनके हृदय में सच्ची भक्ति नहीं होती, उन्हें प्रभु के दर्शन सहज रूप से नहीं होते। यह मंदिर भक्तों के आत्मिक शुद्धिकरण का केंद्र माना जाता है।
मंदिर की वास्तुकला
राधा वल्लभ मंदिर वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर के निकट स्थित है। यह मंदिर अपनी भव्यता और अद्वितीय स्थापत्य शैली के लिए प्रसिद्ध है। इसका निर्माण लाल सैंडस्टोन से हुआ है, जिसे उस समय केवल राजमहलों और किलों के लिए प्रयोग किया जाता था। यह हिंदू और मुगल स्थापत्य शैलियों का सुंदर संगम है। मंदिर की दीवारें 10 फीट मोटी हैं और यह दो चरणों में निर्मित हुआ है। इसका बाहरी और आंतरिक स्वरूप श्रद्धालुओं को एक राजसी अनुभूति कराता है।
सुबह मंदिर खुलने का समय: 05:00 AM - 12:00 PM मंगला आरती का समय: 05:30 AM - 06:00 AM शाम मंदिर खुलने का समय: 06:00 PM - 09:00 PM
राधा वल्लभ मंदिर वृंदावन का प्रसाद
राधा वल्लभ मंदिर में भगवान को माखन, मिश्री, पेड़ा, बर्फी और पुष्पों से भोग अर्पित किया जाता है। यह प्रसाद भक्तों में श्रद्धा और आनंद का संचार करता है।
निकटतम हवाई अड्डा
दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा मंदिर से लगभग 170 किलोमीटर दूर स्थित है। हवाई अड्डे से वृंदावन तक टैक्सी, बस या अन्य स्थानीय परिवहन की सुविधा उपलब्ध है।
रेलवे स्टेशन
मथुरा कैंट रेलवे स्टेशन इस मंदिर का निकटतम प्रमुख रेलवे स्टेशन है, जो मंदिर से लगभग 13 किलोमीटर दूर है। यहाँ से ऑटो या कैब द्वारा मंदिर पहुँचा जा सकता है।
सड़क मार्ग
वृंदावन सड़क मार्ग द्वारा भी सुगमता से पहुँचा जा सकता है। यमुना एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्ग NH 44 के माध्यम से दिल्ली से वृंदावन लगभग 3 घंटे में पहुँचा जा सकता है। उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम तथा निजी बस ऑपरेटरों द्वारा मथुरा और वृंदावन के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं।
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