जानिए अयोध्या के पवित्र श्री नागेश्वर नाथ मंदिर का इतिहास, धार्मिक विशेषता, दर्शन और पूजा का समय, तथा वहाँ पहुँचने का संपूर्ण मार्ग।
नागेश्वर नाथ मंदिर अयोध्या का एक प्राचीन और प्रसिद्ध शिव मंदिर है, जिसे भगवान राम के पुत्र कुश द्वारा स्थापित माना जाता है। यह मंदिर अपनी पौराणिक मान्यता और आध्यात्मिक महत्व के कारण श्रद्धालुओं के लिए विशेष आस्था का केंद्र है। यहाँ भोलेनाथ के दर्शन से भक्तों को शांति और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। इस लेख में जानिए नागेश्वर नाथ मंदिर अयोध्या का इतिहास, धार्मिक महत्व और यहाँ दर्शन करने की खास बातें।
श्री नागेश्वर नाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है, जो उत्तर प्रदेश के अयोध्या नगर में राम की पौड़ी के निकट स्थित है। इस मंदिर का निर्माण श्रीराम के पुत्र कुश ने कराया था। पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार सरयू नदी में स्नान करते समय कुश का बाजूबंद जल में गिर गया जिसे एक नागकन्या ने वापस लौटाया। वह नागकन्या शिवभक्त थी और कुश पर मोहित हो गई थी। कुश ने उसके सम्मान में यह मंदिर बनवाया।
यह मंदिर अत्यंत प्राचीन माना जाता है। मान्यता है कि श्रीराम के पुत्र कुश ने इसकी स्थापना की थी। कालांतर में 1750 ईस्वी में नवाब सफदरजंग के मंत्री नवल राय ने इसका जीर्णोद्धार कराया। इसके बाद प्रसिद्ध धार्मिक आयोजक श्री गुलशन कुमार ने मंदिर के पुनर्निर्माण का कार्य प्रारंभ किया।
श्री नागेश्वर नाथ मंदिर शिव भक्तों के लिए अत्यंत पूजनीय है। शिव को नागों का देवता माना जाता है, और यह मंदिर उन्हीं की महिमा का प्रतीक है। मंदिर में स्थापित ज्योतिर्लिंग पर चांदी का विशाल नाग बना हुआ है। इसके पीछे देवी पार्वती की मूर्ति स्थापित है। यह मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से भक्तों के समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
मंदिर की वास्तुकला
श्री नागेश्वर नाथ मंदिर हेमाड़पंथी शैली में निर्मित है। यह भव्य मंदिर लगभग 60,000 वर्ग फुट क्षेत्र में फैला हुआ है। मंदिर के सामने एक विशाल गलियारा है तथा मंडप के चारों ओर आठ सुंदर स्तंभ बने हैं। मंदिर परिसर में भगवान शिव की 80 फीट ऊंची प्रतिमा भी स्थापित है, जो श्रद्धालुओं का मुख्य आकर्षण है।
सुबह मंदिर खुलने का समय: 05:00 AM - 12:00 PM सुबह की आरती का समय: 06:00 AM - 07:00 AM शाम को मंदिर खुलने का समय: 05:00 PM - 09:00 PM संध्या आरती का समय: 06:45 PM - 07:15 PM
नागेश्वर नाथ मंदिर अयोध्या का प्रसाद
मंदिर में भगवान शिव को जल, दूध, दही, शहद, घी, चंदन, पुष्प और बिल्वपत्र अर्पित किए जाते हैं। बिल्वपत्र को माता पार्वती का प्रतीक माना जाता है, इस कारण इसे शिव को अर्पित करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। मान्यता है कि इन पदार्थों से भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
हवाई मार्ग
निकटतम हवाई अड्डा
लखनऊ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (152 किमी)
गोरखपुर हवाई अड्डा (158 किमी)
प्रयागराज हवाई अड्डा (172 किमी)
वाराणसी हवाई अड्डा (224 किमी)
रेल मार्ग
फैजाबाद रेलवे स्टेशन: लखनऊ (128 किमी), गोरखपुर (171 किमी), प्रयागराज (157 किमी), वाराणसी (196 किमी)
अयोध्या रेलवे स्टेशन: लखनऊ (135 किमी), गोरखपुर (164 किमी), प्रयागराज (164 किमी), वाराणसी (189 किमी)
सड़क मार्ग
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बस सेवाएं 24 घंटे उपलब्ध हैं।
फैजाबाद से दूरी: लखनऊ (152 किमी), गोरखपुर (158 किमी), प्रयागराज (172 किमी), वाराणसी (224 किमी)
अयोध्या से दूरी: लखनऊ (172 किमी), गोरखपुर (138 किमी), प्रयागराज (192 किमी), वाराणसी (244 किमी)
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