हरसिद्धि माता मंदिर उज्जैन
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हरसिद्धि माता मंदिर उज्जैन

जानिए उज्जैन के शक्तिपीठ हरसिद्धि माता मंदिर का पौराणिक इतिहास, धार्मिक महत्व, दर्शन और पूजा का समय, तथा मंदिर तक पहुँचने की पूरी जानकारी।

हरसिद्धि माता मंदिर के बारे में

हरसिद्धि माता मंदिर उज्जैन का एक प्रमुख शक्तिपीठ है, जहाँ मां हरसिद्धि के दर्शन के लिए देशभर से श्रद्धालु आते हैं। माना जाता है कि यहां मां भक्तों की हर इच्छा पूर्ण करती हैं और उन्हें आशीर्वाद देती हैं। मंदिर का पवित्र वातावरण और इसका धार्मिक महत्व इसे उज्जैन के प्रमुख तीर्थ स्थलों में खास स्थान दिलाता है। इस लेख में जानिए हरसिद्धि माता मंदिर उज्जैन का इतिहास, धार्मिक महत्व और यहाँ दर्शन करने की खास बातें।

हरसिद्धि माता मंदिर उज्जैन

भारत के मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में स्थित हरसिद्धि माता मंदिर एक प्राचीन शक्तिपीठ है। यह मंदिर क्षिप्रा नदी के रामघाट के पास भैरव पर्वत पर स्थित है। यह 52 शक्तिपीठों में 13वां शक्तिपीठ माना जाता है, जहां माता सती की कोहनी गिरी थी। मंदिर परिसर में 51 फीट ऊंचे दो भव्य दीप स्तंभ हैं, जिनमें लगभग 1,011 दीपक लगाए गए हैं। ऐसा कहा जाता है कि इन दीप स्तंभों की स्थापना सम्राट विक्रमादित्य द्वारा करवाई गई थी।

हरसिद्धि माता मंदिर उज्जैन का इतिहास

हरसिद्धि माता को 'मांगल-चाण्डिकी' के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इनकी साधना से सभी प्रकार की दिव्य सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं। राजा विक्रमादित्य, जो अपनी बुद्धि और पराक्रम के लिए प्रसिद्ध थे, देवी हरसिद्धि की नियमित आराधना करते थे और कहा जाता है कि उन्होंने देवी की कृपा से सभी सिद्धियां प्राप्त की थीं। यह मंदिर लगभग 2,000 वर्ष पुराना माना जाता है।

हरसिद्धि माता मंदिर उज्जैन का महत्व एवं वास्तुकला

पौराणिक कथाओं के अनुसार, राजा विक्रमादित्य हर 12 वर्ष में एक बार देवी को प्रसन्न करने हेतु अपना सिर अर्पित करते थे। 11 बार उनका मस्तक वापस आ जाता था, लेकिन 12वीं बार नहीं लौटा। इससे यह माना गया कि उनका शासन समाप्त हो चुका था। मंदिर में स्थापित मुंड को देवी वैष्णवी का स्वरूप माना जाता है और उसकी विशेष पूजा होती है।

मंदिर की वास्तुकला

हरसिद्धि मंदिर एक सुंदर चारदीवारी से घिरा हुआ है जिसमें चार प्रवेश द्वार हैं। मुख्य द्वार पूर्व दिशा की ओर है, जहां भव्य बंगले बने हुए हैं। मंदिर परिसर में एक प्राचीन बावड़ी स्थित है, जिसके अंदर एक स्तंभ और श्री यंत्र बना हुआ स्थान है। इस स्थान के पीछे मां अन्नपूर्णा की एक सुंदर प्रतिमा भी विराजमान है।

हरसिद्धि माता मंदिर उज्जैन का समय

  • मंदिर खुलने का समय: 05:00 AM - 07:00 PM
  • सुबह आरती का समय: 07:00 AM - 08:00 AM
  • संध्या आरती का समय: 06:00 PM - 07:00 PM

प्रसाद वितरण

मंदिर में देवी को देशी घी के लड्डू का भोग लगाया जाता है। श्रद्धालु अपनी श्रद्धा अनुसार इलायची दाना और बर्फी भी अर्पित करते हैं।

हरसिद्धि माता मंदिर उज्जैन कैसे पहुंचें?

हवाई मार्ग

मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा इंदौर (आईडीआर) है, जो लगभग 59 किलोमीटर दूर स्थित है। वहां से बस, टैक्सी या ऑटो के माध्यम से मंदिर आसानी से पहुंचा जा सकता है।

रेल मार्ग

हरसिद्धि माता मंदिर के निकट उज्जैन जंक्शन, विक्रम नगर और चिंतामन (मीटर गेज) प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं। इनमें से उज्जैन जंक्शन मंदिर से सिर्फ 2.6 किलोमीटर की दूरी पर है। रेलवे स्टेशन से मंदिर तक ऑटो और बस की सुविधाएं उपलब्ध हैं।

सड़क मार्ग

उज्जैन में देवास गेट और नानाखेड़ा दो प्रमुख बस स्टेशन हैं। उज्जैन बस स्टैंड से मंदिर की दूरी लगभग 3 किलोमीटर है। मध्य प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों से उज्जैन के लिए राज्य परिवहन निगम और निजी बस सेवाएं संचालित होती हैं। श्रद्धालु टैक्सी और ऑटो के माध्यम से भी मंदिर पहुंच सकते हैं।

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Published by Sri Mandir·September 10, 2025

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