जानिए इंदौर के प्रसिद्ध दत्ता मंदिर का आध्यात्मिक महत्व, पूजा विधि, दर्शन समय और यात्रा से जुड़ी अहम जानकारी।
दत्ता मंदिर इंदौर का प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो भगवान दत्तात्रेय को समर्पित है। यह मंदिर अपनी पवित्रता और आध्यात्मिक वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। मान्यता है कि यहाँ श्रद्धापूर्वक दर्शन करने से भक्तों को ज्ञान, शांति और जीवन में संतुलन की प्राप्ति होती है।
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में कृष्णपुरा छत्री के समीप, कान्ह (खान) नदी के किनारे स्थित दत्ता मंदिर, भगवान दत्तात्रेय को समर्पित एक अत्यंत पवित्र और ऐतिहासिक मंदिर है। भगवान दत्तात्रेय को हिन्दू धर्म में त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु और महेश का संयुक्त स्वरूप माना गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, वे विष्णु के छठे अवतार और गुरु तत्व के साक्षात स्वरूप माने जाते हैं, इसलिए इन्हें श्रद्धापूर्वक श्री गुरुदेवदत्त भी कहा जाता है।
दत्ता मंदिर का इतिहास 700 वर्ष पुराना है, जो कि इंदौर नगर की स्थापना से पहले का है। होलकर राजवंश के संस्थापक मल्हारराव होलकर के मालवा आने से पूर्व ही यह मंदिर विद्यमान था। माता अहिल्याबाई होलकर स्वयं इस मंदिर में दर्शन के लिए आया करती थीं। मंदिर का जीर्णोद्धार वर्ष 1896 में किया गया था। ऐसी भी मान्यता है कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने पुत्र सहित औरंगजेब से बचने के लिए कुछ समय इस मंदिर में संन्यासी के रूप में बिताया था।
भगवान दत्तात्रेय की आराधना से भक्तों को तीनों ईश्वरीय शक्तियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान दत्तात्रेय की कृपा से जीवन की समस्त बाधाएं और कष्ट दूर हो जाते हैं। हर गुरुवार और विशेष रूप से दत्त जयंती के अवसर पर यहां भक्तों की अपार भीड़ उमड़ती है। श्रद्धालु इस मंदिर में अपनी कामनाओं की पूर्ति हेतु दर्शन के लिए आते हैं, और विश्वास किया जाता है कि भगवान उनकी मनोकामनाएं अवश्य पूरी करते हैं।
मंदिर की वास्तुकला
दत्ता मंदिर की वास्तुकला में लकड़ी का प्रमुख रूप से प्रयोग किया गया है, जो इसे पारंपरिक और आकर्षक स्वरूप देता है। मंदिर में भगवान दत्तात्रेय की पाषाण प्रतिमा स्थित है जिसमें उनके तीन मुख और छह भुजाएं हैं, जो त्रिदेवों के स्वरूप को दर्शाता है। प्रतिमा के पीछे एक गाय और सामने चार कुत्ते भी दर्शाए गए हैं, जो चार वेदों और धर्म के रक्षक तत्वों का प्रतीक हैं। मंदिर परिसर में एक गूलर का वृक्ष भी है, जिसे पवित्र माना जाता है।
सुबह मंदिर खुलने का समय: 10:00 AM - 12:00 PM
सायंकाल मंदिर खुलने का समय: 05:00 PM - 09:00 PM
दत्ता मंदिर, इंदौर का प्रसाद
इस मंदिर में भगवान को गुड़, चना और केले का भोग लगाया जाता है। भक्तजन श्रद्धापूर्वक फूलों की माला और प्रसाद अर्पण करते हैं।
हवाई मार्ग
निकटतम हवाई अड्डा देवी अहिल्याबाई होलकर एयरपोर्ट, इंदौर है। यहां से दत्ता मंदिर तक ऑटो या टैक्सी से बहुत आसानी से पहुंचा जा सकता है।
रेल मार्ग
इंदौर का प्रमुख रेलवे स्टेशन इंदौर जंक्शन है, जहां से दत्ता मंदिर तक पहुंचने के लिए ऑटो-रिक्शा या कैब की सुविधा उपलब्ध है।
सड़क मार्ग
इंदौर शहर सड़क मार्ग से मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों के शहरों से भली-भांति जुड़ा हुआ है। राज्य परिवहन बसों और निजी बस सेवाओं के माध्यम से इंदौर बस स्टैंड तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। बस स्टैंड से मंदिर तक ऑटो या रिक्शा से सरलता से जाया जा सकता है।
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