अन्नपूर्णा मंदिर, इंदौर का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जहाँ देवी अन्नपूर्णा के साथ-साथ भगवान शिव, काल भैरव और हनुमान जी की भी मूर्तियाँ हैं। मंदिर की भव्य प्रवेश द्वार, कलात्मक गुम्बद और शांत वातावरण इसे विशेष बनाते हैं।
अन्नपूर्णा मंदिर इंदौर का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो देवी अन्नपूर्णा को समर्पित है। यह मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला और विशाल प्रवेश द्वार के लिए जाना जाता है। मान्यता है कि यहाँ दर्शन करने से जीवन में समृद्धि और अन्न की कभी कमी नहीं होती।
मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में स्थित अन्नपूर्णा मंदिर, मां अन्नपूर्णा को समर्पित एक प्रसिद्ध और ऐतिहासिक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर 3200 वर्ग फुट क्षेत्र में फैला हुआ है और इसकी ऊंचाई 100 फुट से भी अधिक है। यह मंदिर न केवल भक्तों के लिए श्रद्धा का केंद्र है, बल्कि प्राचीन भारतीय वास्तुकला, कला और हिंदू परंपरा में रुचि रखने वाले लोगों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है।
अन्नपूर्णा मंदिर की स्थापना वर्ष 1959 में ब्रह्मलीन स्वामी प्रभानंद गिरी महाराज द्वारा की गई थी। स्वामी प्रभानंद जी का जन्म 14 जनवरी 1911 को आंध्र प्रदेश के नंदी कुटकुट स्थान पर हुआ था। 15 वर्ष की आयु में उन्होंने संन्यास ग्रहण कर लिया और कठोर साधना करते हुए गुजरात के गिरनार पर्वत पर भगवती अम्बिका के दर्शन प्राप्त किए। वहां से इंदौर आकर उन्होंने अन्नपूर्णा मंदिर की स्थापना की। 22 फरवरी 1959 को भक्तों के सहयोग से मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई।
मां अन्नपूर्णा को भोजन की देवी माना जाता है। यहां आने वाले भक्त श्रद्धापूर्वक अन्न दान और भोग अर्पित करते हैं। मंदिर के माध्यम से बच्चों को धार्मिक शिक्षा देने हेतु अन्नपूर्णा विद्यालय और वेद-वेदांग विद्यालय भी संचालित किए जाते हैं। आसपास के गरीब बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च मंदिर ट्रस्ट द्वारा उठाया जाता है। मंदिर में तीनों देवियों का प्रतिदिन तीन बार श्रृंगार किया जाता है। जो श्रद्धालु श्रृंगार कराना चाहते हैं, उन्हें एक दिन पहले पुजारी से संपर्क कर श्रृंगार सामग्री और साड़ी देनी होती है।
मंदिर की वास्तुकला
इस मंदिर की स्थापत्य शैली 9वीं शताब्दी की इंडो-आर्यन और द्रविड़ वास्तुकला का समन्वय है। इसकी वास्तुकला मदुरै के प्रसिद्ध मीनाक्षी मंदिर से प्रेरित प्रतीत होती है। मंदिर का मुख्य द्वार चार विशाल हाथियों की भव्य मूर्तियों से सुसज्जित है। मंदिर परिसर में अन्नपूर्णा माता के अतिरिक्त भगवान शिव, हनुमान और कालभैरव के भी मंदिर हैं। मंदिर की बाहरी दीवारों पर कृष्ण लीला और पौराणिक कथाओं को चित्रित किया गया है। मंदिर में मां अन्नपूर्णा की तीन फुट ऊंची संगमरमर की प्रतिमा विराजमान है।
मंदिर खुलने का समय (सुबह): 05:00 AM - 12:00 PM
मंदिर खुलने का समय (दोपहर बाद): 02:00 PM - 10:00 PM
प्रातः श्रृंगार: 05:00 AM
प्रातः आरती: 07:00 AM - 08:00 AM
दूसरा श्रृंगार: 11:00 AM
भोग का समय: 12:00 PM
तीसरा श्रृंगार: 05:00 PM
संध्या आरती: 07:00 PM - 08:00 PM
अन्नपूर्णा मंदिर, इंदौर का प्रसाद
मां अन्नपूर्णा को ड्राई फ्रूट्स, फल, लड्डू, खीर और अन्न का भोग लगाया जाता है। भक्त यहां श्रद्धा से माता को अन्न अर्पित करते हैं।
हवाई मार्ग
निकटतम एयरपोर्ट देवी अहिल्या बाई होलकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, इंदौर है, जो मंदिर से लगभग 8 किलोमीटर दूर है। यहां से बस या ऑटो द्वारा मंदिर पहुँचना सुविधाजनक है।
रेल मार्ग
निकटतम रेलवे स्टेशन इंदौर रेलवे स्टेशन है, जो मंदिर से लगभग 6 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां से बस, ऑटो या कैब द्वारा मंदिर पहुँचा जा सकता है।
सड़क मार्ग
मंदिर सरवटे बस स्टैंड से लगभग 5.5 किलोमीटर की दूरी पर है। इंदौर मध्यप्रदेश के सभी प्रमुख शहरों से राज्य परिवहन और निजी बस सेवाओं द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
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