राम नवमी 2025 की तिथि, पूजा विधि और महत्व जानें। इस दिन भगवान श्रीराम की पूजा कर पाएं सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद
राम नवमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आता है। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं, मंदिरों में राम जन्मोत्सव मनाया जाता है, भजन-कीर्तन होते हैं और रामचरितमानस का पाठ किया जाता है।
भक्तों, जय श्री राम! राम नवमी की बहुत-बहुत शुभकामनाओं के साथ 'श्री मंदिर' पर आपका स्वागत है। जैसा कि आप जानते ही हैं, कि चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। रघुकुल नंदन भगवान श्री रामचंद्र के जन्मदिवस को रामनवमी के रूप में आज भी बहुत ही आस्था और भक्ति-भावना के साथ मनाया जाता है। इस दिन सिर्फ अयोध्या में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में भगवान राम के भक्तों का सैलाब उमड़ता है।
मुहूर्त | समय |
ब्रह्म मुहूर्त | 04:13 AM से 04:58 AM तक |
प्रातः सन्ध्या | 04:36 AM से 05:44 AM तक |
अभिजित मुहूर्त | 11:35 AM से 12:26 PM तक |
विजय मुहूर्त | 02:06 PM से 02:56 PM तक |
गोधूलि मुहूर्त | 06:15 PM से 06:38 PM तक |
सायाह्न सन्ध्या | 06:17 PM से 07:25 PM तक |
अमृत काल | 11:46 PM से 01:26 PM तक |
निशिता मुहूर्त | 06 अप्रैल, 11:37 PM से 04 अप्रैल 12:23 AM तक |
मुहूर्त | समय |
रवि पुष्य योग | पूरे दिन |
सर्वार्थ सिद्धि योग | पूरे दिन |
रवि योग | पूरे दिन |
राम नवमी पर यदि आप अयोध्या की सरयू नदी में स्नान कर सकते हैं, तो अति उत्तम है। अन्यथा इस दिन किसी पवित्र नदी, सरोवर या तालाब में अवश्य स्नान करें। ऐसा करने से जन्म जन्मांतर के पापकर्म नष्ट हो जाते हैं। इस दिन राम रक्षा स्तोत्र, रामायण, बजंरग बाण आदि का पाठ अवश्य करना या सुनना अति उत्तम होता है। ऐसा करने से श्री राम चंद्र हर विपत्ति से सदैव आपकी रक्षा करेंगे।
इस पावन अवसर पर राम नाम का स्मरण करें, भक्ति और श्रद्धा के साथ व्रत एवं पूजन करें, और प्रभु श्री राम के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लें। हमारी कामना है कि भगवान श्री राम की कृपा से यह राम नवमी आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आए। जय श्री राम
सिया वर रामचंद्र की जय!
श्री मंदिर के सभी पाठकों का हार्दिक स्वागत है। भगवान श्री राम ने राज-घराने में जन्म लिया लेकिन उन्होंने आदर्श, धैर्य, निष्ठा, त्याग एवं मर्यादा का एक ऐसा अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया कि उनके नाम के साथ मर्यादा पुर्षोत्तम शब्द सदा-सदा के लिए जुड़ गया।
आज के इस खास लेख में हम करोड़ों भक्तों के हृदय में विराजमान मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के जन्मदिवस से जुड़ी धार्मिक जानकारी आपसे साझा करने जा रहे हैं।
भक्तों, पौराणिक ग्रंथों के अनुसार चैत्र माह की नवरात्रि की नवमी को भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। सदियों से यह दिन प्रभु के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। वैदिक समय गणना के अनुसार, भगवान श्री राम का जन्म लगभग दस लाख वर्ष पहले त्रेता युग में हुआ था।
हिन्दू धर्म में राम भक्तों के लिये राम नवमी का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन भक्त जन भगवान श्री राम को समर्पित पूजा - अनुष्ठान करते हैं। साथ ही इस दिन उपवास एवं हवन का भी विशेष महत्व है। पूजा-पाठ के दौरान इस दिन महाकाव्य रामायण का पाठ और श्रवण करना भी अत्यंत फलदायी माना जाता है।
माना जाता है कि जो भी व्यक्ति रामनवमी के व्रत का पालन करता है, उसके समस्त पाप भस्मीभूत होकर नष्ट हो जाते हैं। साथ ही यह अद्भुत व्रत जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति का मार्ग माना जाता है।
इसके अतिरिक्त भारत के कुछ स्थानों पर, विशेषकर उत्तर भारत में, यह दिन चैत्र नवरात्रि के अन्तिम दिन के साथ मनाया जाता है। चूँकि इस दिन चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों के उत्सव का समापन भी किया जाता है। इसीलिये चैत्र माह की नवरात्रि पूजा को राम नवरात्रि के रूप में भी जाना जाता है।
हम आशा करते हैं राम नवमी की पावन तिथि पर आप सभी को राम-सिया का आशीर्वाद प्राप्त हो और आपका जीवन सफल एवं समृद्ध बनें। आप सभी राम नवमी की अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के लिए श्री मंदिर के साथ बनें रहें।
सनातन धर्म के महत्वपूर्ण पर्वों में राम नवमी भी एक विशेष स्थान रखती है। इस दिन भगवान राम ने अयोध्या के राजा दशरथ के घर जन्म लिया था। राम नवमी के दिन भक्तों द्वारा अत्यंत श्रद्धा एवं उत्साह से भगवान राम की पूजा-अर्चना एवं व्रत रखने का विधान है। आज के इस विशेष लेख में हम आपके लिए राम नवमी की पूजा-विधि लेकर आये हैं।
इस प्रकार आपकी राम नवमी की पूजा सम्पन्न होती है। इस पर्व की अधिक जानकारी के लिए श्री मंदिर के अन्य लेख एवं वीडियो अवश्य देखें।
जो मनुष्य पूरे विधि विधान से श्री राम जी की पूजा-अर्चना करता है। उसके सुख - सौभाग्य में वृद्धि होती है साथ ही वह समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति भी होती है। पूजा के दौरान यदि आप इन मन्त्रों एवं आरती के साथ भगवान राम का ध्यान करेंगे तो निश्चित ही आपकी पूजा पूर्ण रूप से सफल होगी।
मंत्र का लाभ - इस मंत्र का जाप आरोग्य एवं आर्थिक संपन्नता प्रदान करता है। साथ ही व्यक्ति को गृह-क्लेश से भी मुक्त करता है।
मंत्र का लाभ - यह अद्भुत मंत्र समस्त संकटों को हरने वाला एवं ऋद्धि-सिद्धि प्रदाता माना गया है।
मंत्र का लाभ - यह मंत्र स्वयं में संपूर्ण माना जाता है। इसके जाप मात्र से मनुष्य प्रभु कृपा का अधिकारी बन जाता है। इसे कही भी, कभी भी, कोई भी जप सकता है।
श्री रामचन्द्र कृपालु भजमन हरण भवभय दारुणं
नवकंज लोचन कंजमुख करकंज पदकंजारुणम्।।
कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।
पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।
भजु दीनबंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।
रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।
सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।।
इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।
मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्।।
मनु जाहिं राचेउ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों।
करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।।
एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली।
तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली।।
जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।
मंजुल मंगल मूल बाम अंग फरकन लगे।।
हम आशा करते हैं कि राम नवमी पर रामजी की विशेष कृपा आपके जीवन में सौभाग्य एवं सुख - समृद्धि लेकर आये।
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