2025 में आद्याकाली जयंती कब मनाई जाएगी? जानिए इस पावन अवसर की तिथि, देवी आद्याकाली की महिमा और पूजन की संपूर्ण जानकारी।
आद्याकाली जयंती देवी कालिका के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाई जाती है। यह दिन शक्ति, साहस और नारीत्व की प्रतीक माँ काली की उपासना का पर्व है, जिसमें भक्त तंत्र-साधना और विशेष पूजा करते हैं। आइये जानते हैं इसके बारे में...
भारतीय सनातन परंपरा में माँ काली को शक्ति, समय और संहार की देवी माना गया है। उनका प्रत्येक रूप एक दिव्य रहस्य, एक आंतरिक शक्ति और एक जीवन-दर्शन को अभिव्यक्त करता है। आद्याकाली जयंती वर्ष 2025 में 15 अगस्त, शुक्रवार को मनाई जाएगी। यह तिथि श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को पड़ती है। इस दिन को विशेष रूप से माँ काली के आद्य स्वरूप की आराधना के लिए जाना जाता है।
मुहूर्त | समय |
ब्रह्म मुहूर्त | 04:04 ए एम से 04:48 ए एम तक |
प्रातः सन्ध्या | 04:26 ए एम से 05:31 ए एम तक |
अभिजित मुहूर्त | 11:36 ए एम से 12:28 पी एम तक |
विजय मुहूर्त | 02:12 पी एम से 03:05 पी एम तक |
गोधूलि मुहूर्त | 06:33 पी एम से 06:55 पी एम तक |
सायाह्न सन्ध्या | 06:33 पी एम से 07:39 पी एम तक |
अमृत काल | 01:36 ए एम, अगस्त 16 से 03:06 ए एम, अगस्त 16 तक |
निशिता मुहूर्त | 11:40 पी एम से 12:24 ए एम, अगस्त 16 तक |
सर्वार्थ सिद्धि योग | 05:31 ए एम से 07:36 ए एम तक |
रवि योग | 05:31 ए एम से 07:36 ए एम तक |
"आद्य" का अर्थ होता है "प्रारंभिक" या "मूल"। आद्याकाली अर्थात वह शक्ति जो सृष्टि की उत्पत्ति से पहले विद्यमान थी और समस्त चर-अचर की जन्मदाता हैं। आद्याकाली जयंती वह पर्व है जब साधक देवी काली के उस मूल, उग्र, रक्षक, और न्यायकारी स्वरूप की पूजा करते हैं। यह पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मा की भीतरी शक्तियों को जगाने और अधर्म के विरुद्ध जागरूकता फैलाने का अवसर भी होता है।
आद्याकाली का स्वरूप अत्यंत शक्तिशाली तथा तामसी चेतना का प्रतीक है। उन्हें समय और मृत्यु की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है—जो अधर्म का नाश करते हुए सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं। इस दिन की पूजा से मनुष्यों को अंदरूनी भय, बाधाएँ और संक्रामक रोगों से मुक्ति मिलती है, साथ ही जीवन में साहस और धैर्य बढ़ता है।
यद्यपि दोनों रूप देवी काली के ही हैं, फिर भी...
आद्यकाली अधिक अंतरंग, रहस्यमयी और तांत्रिक स्वरूप से जुड़ी हैं, जबकि महाकाली का रूप व्यापक, सर्वभौम और असीमित है।
माँ काली के मंत्रों का जाप करें:
आद्याकाली जयन्ती के दिन माँ काली की उपासना करने से भक्तों को अद्भुत शक्ति, साहस और संकटमोचन कृपा प्राप्त होती है। इस दिन यदि भक्त पूर्ण श्रद्धा से कुछ विशेष उपाय करें, तो माँ का आशीर्वाद शीघ्र ही प्राप्त होता है।
यदि उपरोक्त सभी उपाय सच्चे मन और श्रद्धा से किए जाएं, तो माँ आद्याकाली की कृपा से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और आत्मबल, सुरक्षा व मानसिक शांति प्राप्त होती है।
आद्याकाली जयंती, केवल एक पर्व नहीं, बल्कि यह एक साधक की आत्मिक यात्रा की शुरुआत है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि जब-जब संसार में अंधकार बढ़ता है, तब-तब आदिशक्ति प्रकट होकर अधर्म का विनाश करती है। इस दिन की साधना, हमारे जीवन को भय से मुक्त, ऊर्जावान और दिव्य बनाती है।
यदि आप माँ काली के प्रति पूर्ण श्रद्धा और निष्ठा रखते हैं, तो यह दिन आपके लिए चमत्कारी सिद्ध हो सकता है।
जय माँ आद्याकाली
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