जानिए लक्ष्मी नारायण मंदिर का इतिहास, दर्शन व आरती का समय और कैसे पहुँचें।
लक्ष्मी नारायण मंदिर हरिद्वार का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है। यह मंदिर श्रद्धा और भक्ति के लिए जाना जाता है और यहाँ दर्शन करने से सुख, समृद्धि और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। इस लेख में जानिए लक्ष्मी नारायण मंदिर हरिद्वार का इतिहास, धार्मिक महत्व और यहाँ दर्शन की खास बातें।
जानिए लक्ष्मी नारायण मंदिर का इतिहास, दर्शन व आरती का समय और कैसे पहुँचें।
लक्ष्मी नारायण मंदिर हरिद्वार का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है। यह मंदिर श्रद्धा और भक्ति के लिए जाना जाता है और यहाँ दर्शन करने से सुख, समृद्धि और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। इस लेख में जानिए लक्ष्मी नारायण मंदिर हरिद्वार का इतिहास, धार्मिक महत्व और यहाँ दर्शन की खास बातें।
हरिद्वार में स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर एक अत्यंत पवित्र और श्रद्धा का केंद्र है। यह मंदिर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है और हरिद्वार शहर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर निरंजनी अखाड़ा मार्ग, देवपुरा, हरिद्वार में स्थित है। इसकी वास्तुकला कुरुक्षेत्र के समय के मंदिरों से मिलती-जुलती है और इसे देखने हर वर्ष हजारों श्रद्धालु आते हैं।
मंदिर का इतिहास
लक्ष्मी नारायण मंदिर की स्थापना श्रद्धेय संत श्री श्री कुमार स्वामी (गुरुदेव) द्वारा की गई थी। वर्ष 2001 में उन्होंने धार्मिक संगठन भगवान श्री लक्ष्मी नारायण धाम की स्थापना की, जिससे इस पवित्र मंदिर का निर्माण संभव हो सका। इस मंदिर की परिकल्पना गुरुदेव ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी ने की और इसे उनके पुत्र भाईश्री मनदीप नागपाल जी के नेतृत्व में मूर्त रूप मिला।
यह मंदिर तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक उन्नति और शांति का स्थान है। मंदिर में आने वाले लोगों के लिए गेस्ट हाउस की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं, जिससे उनका ठहराव सुखद और शांतिपूर्ण होता है। मंदिर का मुख्य दृश्य प्रतिष्ठित श्री यंत्र को दर्शाता है, जो दिव्य ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रतीक है। प्रत्येक अमावस्या और पूर्णिमा पर यहाँ विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है, जिसमें सैकड़ों भक्त शामिल होते हैं।
मंदिर की वास्तुकला
लक्ष्मी नारायण मंदिर वास्तुकला की दृष्टि से अत्यंत प्रभावशाली है। यह मंदिर एक ऊंचे स्थान पर स्थित है जहाँ तक सीढ़ियों के माध्यम से पहुँचा जा सकता है। मुख्य कक्ष में भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियाँ स्थापित हैं। साथ ही मंदिर में हनुमान जी और गरुड़ जी की भी प्रतिमाएं विराजमान हैं। मंदिर में बनी झरोखियाँ और खुला वातावरण भक्तों को आंतरिक शांति और सुकून प्रदान करता है। मंदिर परिसर में भंडार गृह और कई अन्य कक्ष भी निर्मित हैं।
लक्ष्मी नारायण मंदिर का प्रसाद
लक्ष्मी नारायण मंदिर में माखन-मिश्री, परमाल, चना-चिरौंजी का भोग अर्पित किया जाता है। साथ ही भगवान को पीली वस्तुएं जैसे पुष्प व वस्त्र अर्पित किए जाते हैं।
विमान: निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है। यहाँ से हरिद्वार तक टैक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं।
रेलगाड़ी: मंदिर हरिद्वार जंक्शन रेलवे स्टेशन से लगभग 0.36 किलोमीटर दूर है। स्टेशन से मंदिर तक ऑटो या टैक्सी से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
सड़क: हरिद्वार बस स्टैंड मंदिर से लगभग 11 किलोमीटर दूर है। बस स्टैंड से ऑटो या टैक्सी द्वारा मंदिर पहुँचना सरल है।
यह मंदिर आस्था, शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र है, जहाँ जाकर श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना करते हैं।
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