हिंदू शास्त्रों के अनुसार बर्तन खरीदना घर की लक्ष्मी और समृद्धि से जुड़ा होता है। जानिए सप्ताह के कौन-से दिन बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है और किन दिनों में इससे बचना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार बर्तन खरीदने के लिए शुक्रवार और सोमवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है। ये दिन सुख, समृद्धि और सौभाग्य से जुड़े होते हैं। विशेष रूप से चांदी या स्टील के बर्तन इन दिनों खरीदने से घर में लक्ष्मी का वास होता है और पारिवारिक सुख में वृद्धि होती है।
हमारे घरों में इस्तेमाल होने वाले बर्तन सिर्फ खाना बनाने या परोसने का माध्यम नहीं हैं, बल्कि वास्तु शास्त्र में इनका गहरा महत्व बताया गया है। माना जाता है कि बर्तनों का सीधा संबंध घर की समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा से होता है। सही दिन पर बर्तन खरीदना घर में धन-धान्य की वृद्धि और सुख-शांति लाता है, जबकि गलत दिन की गई खरीदारी नकारात्मकता और आर्थिक परेशानियों का कारण बन सकती है। इसलिए, अपनी रसोई और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए यह जानना जरूरी है कि बर्तन कब खरीदें और कब नहीं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, बर्तन घर की खुशहाली और संपन्नता के प्रतीक होते हैं। इन्हें सिर्फ धातु के टुकड़े नहीं, बल्कि ऊर्जा के वाहक के रूप में देखा जाता है।
समृद्धि का प्रतीक: रसोई घर को अन्नपूर्णा देवी का स्थान माना जाता है, और बर्तन वहीं के महत्वपूर्ण अवयव हैं। साफ-सुथरे और पूर्ण बर्तन समृद्धि और बरकत को दर्शाते हैं। सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह: सही धातु और सही दिशा में रखे गए बर्तन घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। ये भोजन को भी ऊर्जावान बनाते हैं, जिससे खाने वाले का स्वास्थ्य और मन प्रभावित होता है। माँ लक्ष्मी का वास: रसोई घर को धन-धान्य का स्रोत माना जाता है और माँ लक्ष्मी की कृपा यहीं से बरसती है। नए और शुभ मुहूर्त में खरीदे गए बर्तन माँ लक्ष्मी को आकर्षित करते हैं। नकारात्मकता का निवारण: वास्तु दोष या नकारात्मक ऊर्जा को बर्तनों के माध्यम से भी दूर किया जा सकता है। टूटे-फूटे या पुराने बर्तनों को हटाना शुभ माना जाता है।
वास्तु शास्त्र और ज्योतिष के अनुसार, कुछ विशेष दिन बर्तन खरीदने के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं, जो घर में धन आगमन और सुख-शांति लाते हैं:
गुरुवार: यह दिन भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति को समर्पित है। बृहस्पति ग्रह धन, समृद्धि और ज्ञान का कारक है। गुरुवार को बर्तन खरीदना आर्थिक उन्नति और भाग्य वृद्धि के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है, विशेषकर पीतल के बर्तन। शुक्रवार: यह दिन माँ लक्ष्मी को समर्पित है। शुक्रवार को नए बर्तन खरीदने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती। यह समृद्धि को आकर्षित करने वाला दिन है। पुष्य नक्षत्र: ज्योतिष में पुष्य नक्षत्र को 'नक्षत्रों का राजा' कहा जाता है। इस नक्षत्र में कोई भी नई चीज खरीदना, विशेषकर धातु से संबंधित वस्तुएँ, अक्षय फल देता है। पुष्य नक्षत्र में खरीदे गए बर्तन घर में स्थायी बरकत और संपन्नता लाते हैं। धनतेरस: धनतेरस का दिन नए बर्तन खरीदने के लिए सबसे शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन सोना, चाँदी और नए बर्तन खरीदना समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि करता है। मान्यता है कि इस दिन खरीदे गए बर्तनों से धन तेरह गुना बढ़ता है। अक्षय तृतीया: यह दिन भी खरीदारी, विशेषकर सोने-चाँदी और बर्तनों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन की गई खरीदारी का क्षय नहीं होता और वह बढ़ती रहती है।
कुछ दिन ऐसे होते हैं जब बर्तन खरीदने से बचना चाहिए, क्योंकि इन दिनों में की गई खरीदारी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है या धन हानि का कारण बन सकती है:
मंगलवार: यह दिन मंगल ग्रह को समर्पित है, जिसे उग्र माना जाता है। मंगलवार को बर्तन खरीदना खर्चों में वृद्धि या घर में अशांति ला सकता है। इस दिन लोहे के बर्तन खरीदने से भी बचना चाहिए। शनिवार: यह दिन शनिदेव को समर्पित है। शनिवार को लोहे या धारदार वस्तुएँ (जैसे चाकू, कैंची) खरीदने से बचना चाहिए। इस दिन बर्तन खरीदने से आर्थिक नुकसान या स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ आ सकती हैं। अमावस्या तिथि: यह तिथि शुभ कार्यों के लिए वर्जित मानी जाती है। अमावस्या को खरीदे गए बर्तन धन की कमी या नकारात्मक ऊर्जा ला सकते हैं। ग्रहण काल: सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण के दौरान कोई भी नई खरीदारी करने से बचना चाहिए। ग्रहण काल में खरीदी गई वस्तुएँ अशुभ फल दे सकती हैं। रसोई के लिए रविवार: कुछ मान्यताओं के अनुसार रविवार को रसोई के लिए विशेष रूप से बर्तन खरीदने से बचना चाहिए, क्योंकि यह अग्नि तत्व का दिन है।
स्वच्छता: हमेशा साफ और नए बर्तन खरीदें। जंग लगे या टूटे-फूटे बर्तन घर में न रखें। धातु का चुनाव: स्टील, पीतल, तांबा, चाँदी जैसी शुभ धातुओं के बर्तनों को प्राथमिकता दें। प्लास्टिक या बहुत हल्के धातु के बर्तनों का कम उपयोग करें। उपयोग से पहले: नए बर्तन घर लाने के बाद उन्हें तुरंत उपयोग न करें। पहले उन्हें पानी से धोकर शुद्ध कर लें। कुछ लोग उनमें अनाज या चावल भरकर रखते हैं, जिसे शुभ माना जाता है। स्थान: रसोई में बर्तनों को व्यवस्थित और साफ-सुथरा रखें। खुले या बिखरे हुए बर्तन नकारात्मक ऊर्जा फैलाते हैं। आवाज: यदि बर्तन खरीदते समय या घर में गिरने पर तेज और कर्कश ध्वनि करें, तो ऐसे बर्तनों से बचें। मधुर ध्वनि वाले बर्तन शुभ माने जाते हैं।
अपने घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मकता बनाए रखने के लिए बर्तन खरीदते समय शुभ-अशुभ दिनों का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। गुरुवार, शुक्रवार और धनतेरस जैसे दिन नए बर्तन खरीदने के लिए श्रेष्ठ माने जाते हैं, जबकि मंगलवार और शनिवार को इससे बचना चाहिए। इन वास्तु नियमों का पालन कर आप अपने घर में धन और खुशहाली को आमंत्रित कर सकते हैं।
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