चावल अन्न का मुख्य स्रोत माना जाता है। इसे शुभ दिन पर खरीदने से घर में समृद्धि और शांति बनी रहती है। जानिए सप्ताह के वो शुभ और अशुभ दिन जब चावल खरीदना चाहिए या टालना चाहिए।
चावल घर की रसोई का मूल है, और इसे सही दिन खरीदना बहुत मायने रखता है। मान्यता है कि शुभ दिन पर खरीदा गया चावल घर में हमेशा अन्नपूर्णा का आशीर्वाद बनाए रखता है। इस आर्टिकल में जानिए चावल खरीदने के शुभ और अशुभ दिनों के बारे में।
क्या आपने कभी सोचा है कि घर में चावल लाना भी आपके जीवन में समृद्धि या संकट ला सकता है? जी हां, ज्योतिष के अनुसार खाने की हर वस्तु केवल भूख मिटाने का साधन नहीं है बल्कि यह शुभ या अशुभ परिणाम भी ला सकता है। विशेष रूप से चावल जिसे देवी अन्नपूर्णा और मां लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है, इसलिए चावल की खरीदारी का समय बहुत महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि अगर चावल सही दिन खरीदा जाए तो घर में सुख शांति और लक्ष्मी जी का वास होता है वही गलत दिन पर चावल खरीदने से आर्थिक हानि और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है।
तो चलिए इस लेख में जानते हैं कि चावल खरीदने के लिए कौन सा दिन शुभ होता है, किन दिनों में चावल नहीं खरीदना चाहिए और इसे खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
सोमवार: ज्योतिष शास्त्र में सोमवार को चंद्रमा का दिन माना गया है और चावल का संबंध चंद्रमा से होता है। ऐसे में सोमवार को चावल खरीदना बहुत ही शुभ और फलदायक माना जाता है। इस दिन चावल खरीदने से मानसिक शांति, घर में प्रेम, और लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
गुरुवार: गुरुवार गुरु बृहस्पति को समर्पित होता है जो ज्ञान धर्म और समृद्धि के कारक हैं। मान्यता है कि गुरुवार को चावल खरीदने से घर में धन और समृद्धि का आगमन होता है।
पूर्णिमा: किसी भी महीने की पूर्णिमा तिथि को चावल खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन खरीदा गया चावल घर में सुख शांति और देवी लक्ष्मी की कृपा लाता है।
व्रत या पर्व वाले दिन: वृत्तीय त्यौहार वाले दिन जैसे अक्षय तृतीया नवरात्रि या दीपावली के समय चावल खरीदना बहुत ही शुभ होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इससे देवी अन्नपूर्णा और देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
शनिवार: शनिवार के दिन चावल खरीदने से बचना चाहिए। यह दिन शनि को समर्पित होता है, ऐसे में मान्यता है कि इस दिन चावल खरीदने से घर में दरिद्रता, मानसिक तनाव और धन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
रविवार: सूर्य भगवान को समर्पित रविवार के दिन भी चावल की खरीदारी करना अशुभ परिणाम ला सकता है। मान्यता है कि इससे परिवार में कलह और नकारात्मकता बढ़ सकती है।
अमावस्या: अमावस्या पितरों को समर्पित तिथि मानी जाती है। इस दिन भी चावल की खरीदारी करना निषेध माना गया है। कहा जाता है कि इस दिन चावल खरीदने से पितृ दोष और आर्थिक संकट बढ़ सकता है।
चतुर्थी अष्टमी या एकादशी: चतुर्थी, अष्टमी या एकादशी जैसी तिथियां उपवास और संयम के लिए होती हैं। इन दिनों में अन्न, विशेष कर चावल खरीदने से बचना चाहिए, क्योंकि यह धार्मिक रूप से अनुचित माना जाता है।
टूटे या काले दाने वाला चावल ना खरीदें। ध्यान रखें कि चावल साफ-सुथरा और पूरे दाने वाला हो, वरना यह नकारात्मक ऊर्जा और दुर्भाग्य को आकर्षित कर सकता है।
चावल खरीदते समय अपने मन में देवी अन्नपूर्णा या माता लक्ष्मी का ध्यान करें। इससे वह अन्न आपको शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रखता है।
मान्यता है कि चावल खरीद कर घर लाने पर उसमें से कुछ चावल यदि मंदिर में या किसी जरूरतमंद को दान किया जाए, तो इससे पुण्य और समृद्धि बढ़ती है।
चावल सहित अधिकतर अन्न रात में खरीदना अशुभ माना गया है। इसलिए इस बात का भी ध्यान रखें। मान्यता है कि रात में चावल खरीदने से घर में तनाव, रोग और आलस्य बढ़ सकता है।
सोमवार, गुरुवार और पूर्णिमा जैसे दिन चावल खरीदने के लिए शुभ माने जाते हैं, जबकि शनिवार, रविवार और अमावस्या को इससे बचने की सलाह दी जाती है। आपके घर में माता लक्ष्मी और अन्नपूर्णा की कृपा से सदा धन-धान्य भरा रहे, इसलिए जब भी आप चावल खरीदें तो शुभ और अशुभ दिनों का ध्यान जरूर रखें।
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