लकड़ी का सामान किस दिन खरीदना चाहिए और किस दिन नहीं
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लकड़ी का सामान किस दिन खरीदना चाहिए और किस दिन नहीं

हिंदू ज्योतिष और परंपराओं के अनुसार लकड़ी से जुड़ी वस्तुएं खरीदने के लिए कुछ खास दिन बेहद शुभ माने जाते हैं। जानिए सप्ताह के कौन-से दिन लकड़ी का सामान खरीदना उचित होता है और किन दिनों में इसे नहीं खरीदना चाहिए।

जानें लकड़ी का सामन खरीदने के शुभ दिन के बारे में

लकड़ी का सामान घर में सुंदरता ही नहीं, स्थिरता और सुख-शांति भी लाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं, इसे गलत दिन खरीदना उल्टा असर डाल सकता है? इस आर्टिकल में जानिए लकड़ी का सामान खरीदने के शुभ दिन, ताकि आपका घर हमेशा खुशियों और सकारात्मकता से भरा रहे।

लकड़ी का सामान किस दिन खरीदना चाहिए और किस दिन नहीं? जानें वजह

लकड़ी का सामान केवल घर को सजाने या उपयोग के लिए नहीं होता, बल्कि वास्तु के अनुसार यह आपके घर और जीवन में ऊर्जा संतुलन और सकारात्मकता लाने का एक प्रभावशाली माध्यम होता है। वास्तु में लकड़ी को केवल एक निर्माण सामग्री नहीं, बल्कि जीवंत तत्व माना जाता है। अगर आप सही दिशा में, सही दिन और उचित नीयत से लकड़ी का सामान खरीदते हैं, तो यह घर में सुख-शांति, समृद्धि और मानसिक संतुलन को बढ़ावा देता है।

जानें लकड़ी के सामान का महत्व और फायदे

लकड़ी का उपयोग हमारे दैनिक जीवन में कई तरीकों से किया जाता है, और यह एक महत्वपूर्ण और प्राचीन सामग्री है। यह एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो हमारे दैनिक जीवन के विभिन्न पहलुओं में भूमिका निभाता है। लकड़ी का उपयोग कई विभिन्न क्षेत्रों में होता है ।

  •  निर्माण में उपयोग :- लकड़ी का उपयोग घरों, छतों, दरवाज़ों, खिड़कियों और फर्श बनाने में किया जाता है। यह मज़बूत, टिकाऊ और प्राकृतिक सामग्री होती है। 

  •  घरेलू फर्नीचर में प्रमुख स्थान :- लकड़ी से बने फर्नीचर जैसे पलंग, कुर्सी, मेज़ और अलमारी न केवल घर की उपयोगिता बढ़ाते हैं, बल्कि उसके वातावरण में प्राकृतिक सुंदरता और आत्मीयता का एहसास भी लाते हैं। 

  • ईंधन के रूप में उपयोग:- कई स्थानों पर आज भी लकड़ी का उपयोग पारंपरिक ईंधन के रूप में किया जाता है। लकड़ी को जलाकर भोजन पकाया जाता है। सर्दियों में, लोग लकड़ी जलाकर कमरे को गर्म रखते हैं, जिससे न केवल ठंड से राहत मिलती है बल्कि एक पारिवारिक और आत्मीय माहौल भी बनता है।  

  • धार्मिक व पूजा सामग्री में उपयोग :- वास्तु में भी लकड़ी को शुद्ध और प्राकृतिक ऊर्जा का वाहक माना गया है, इसलिए इसका उपयोग कई धार्मिक व पारंपरिक अवसरों पर भी किया जाता है। पूजा की चौकी, मंदिर, और हवन-कुण्ड प्रायः लकड़ी से बनाए जाते हैं क्योंकि यह पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा के प्रतीक होते है।

  • मानसिक शांति में सहायक :- लकड़ी के सजावटी सामान जैसे फ़ोटो फ्रेम, शोपीस, वॉल हैंगिंग, हैंडक्राफ़्टेड मूर्तियाँ और दीवार की सजावट न केवल घर को सुंदर बनाते हैं, बल्कि वातावरण में एक प्राकृतिक और शांत ऊर्जा भी भरते हैं। वास्तु के अनुसार, लकड़ी से बनी वस्तुएं घर में संतुलन और सौहार्द्र बढ़ाती हैं, जिससे पूरे परिवार का मानसिक तनाव कम होता है और एक सकारात्मक भावना उत्पन्न होती है।

लकड़ी का सामान कब खरीदना शुभ है? जानें सही दिन और कारण

अक्सर लोग ज़रूरत के हिसाब से कभी भी फर्नीचर खरीद लेते हैं, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ विशेष दिन ही इसके लिए शुभ माने जाते हैं। फर्नीचर सिर्फ घर की शोभा नहीं बढ़ाता, बल्कि यह सकारात्मक ऊर्जा, सुख और समृद्धि भी लाता है।

  • लकड़ी से बने फर्नीचर या अन्य सामान खरीदने के लिए सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को सबसे शुभ दिन माना जाता है। ज्योतिष और वास्तु शास्त्र के अनुसार, इन दिनों खरीदी गई चीज़ें घर में खुशी, तरक्की और सकारात्मक ऊर्जा लाती हैं। सही दिन पर खरीदा गया फर्नीचर न केवल घर की शोभा बढ़ाता है, बल्कि जीवन में स्थायित्व और मानसिक संतुलन भी लाता है। 

लकड़ी का सामान किस दिन न खरीदें और क्यों?

  • कुछ दिन ऐसे भी होते हैं जिन्हें फर्नीचर या लकड़ी का सामान खरीदने के लिए अशुभ माना जाता है। इनमें खासकर मंगलवार, शनिवार और अमावस्या का दिन शामिल है। मान्यता है कि इन दिनों पर ऐसी खरीदारी करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है और मानसिक अशांति या बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए इन दिनों फर्नीचर से जुड़ी कोई भी खरीदारी करने से बचना बेहतर होता है।

लकड़ी का सामान खरीदते समय विशेष सावधानियां 

  • पंचक नक्षत्रों (धनिष्ठा से रेवती तक) के दौरान लकड़ी या फर्नीचर की खरीदारी करने से बचना चाहिए। यह समय खरीदारी करने के लिए शुभ नहीं होता है। 

  • लकड़ी का चयन करते समय उसकी गुणवत्ता और पेड़ का महत्व भी ध्यान में रखना चाहिए। फर्नीचर के लिए शुभ और टिकाऊ लकड़ियाँ मानी जाती हैं: 

       शीशम – मजबूत और शुभ मानी जाती है।

       सागौन – दीर्घकालिक उपयोग और सकारात्मक ऊर्जा के लिए श्रेष्ठ।

       चंदन – पवित्रता और सुगंध के लिए, विशेषतः मंदिरों में उपयोगी।

      अशोक, महुआ और देवदारू – शांति और संतुलन लाने वाली लकड़ियाँ मानी जाती हैं।

  • हल्के और प्राकृतिक रंग जैसे हल्का भूरा, मध्यम गहरा लकड़ी रंग शुभ माने जाते हैं। बहुत गहरे या बहुत अधिक चमकदार रंगों से  बचना चाहिए। 

  • धार्मिक उपयोग के लिए चंदन और शीशम की लकड़ी को सबसे पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा देने वाला माना जाता है।

  • घरेलू फर्नीचर के लिए, सागौन और शीशम की लकड़ी को सबसे उपयुक्त माना जाता है।

निष्कर्ष 

लकड़ी का उपयोग केवल सजावट या जरूरतों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने, मानसिक शांति देने और वातावरण को संतुलित करने में भी अहम भूमिका निभाता है। यही कारण है कि वास्तु शास्त्र में लकड़ी से बने फर्नीचर या सामान को सही दिशा में रखने और शुभ दिनों में खरीदने की सलाह दी जाती है, ताकि घर का वातावरण शांतिपूर्ण, संतुलित और खुशहाल बना रहे।

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Published by Sri Mandir·July 2, 2025

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