गठिया से ऐसे पाएं छुटकारा
आजकल हर कोई बहुत ही व्यस्त जीवन जी रहा है। जिसके कारण खानपान पर इसका असर पड़ रहा है। सही और हेल्दी खानपान की कमी के कारण लोग तमाम तरह की बीमारियों से जूझ रहे हैं। इसमें गठिया यानी आर्थराइटिस भी एक बीमारी है, जो भागदौड़ भरी दिनचर्या और सही खान-पान के कारण होती है।
यह हड्डियों के जोड़ों की बीमारी है। एक ही जगह पर बैठकर देर तक काम करने के कारण जोड़ों में अकड़न आ जाती है। जिससे इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। आर्थराइटिस वैसे तो किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन कहते हैं कि इसका खतरा बढ़ते उम्र के साथ और बढ़ जाता है।
गठिया यूरिक एसिड बढ़ने के कारण होने वाली ऐसी बीमारी है। गठिया की समस्या सबसे पहले पैर में आती है। जिसके बाद ये शरीर के जोड़ों को प्रभावित करता है। इसमें कोहनी, घुटने, हाथों की अंगुलियों के जोड़ों और टिशू शामिल है। आयुर्वेद में गठिया को वातरक्त कहते हैं यानी वात और रक्त के दूषित होने से होने वाले रोग।
क्यों होता है अर्थराइटिस?
आर्थराइटिस से पीड़ित होने के पीछे जीवनशैली और आहार की बड़ी भूमिका होती है। गठिया का सबसे मुख्य कारण अनुचित आहार यानी अनहेल्दी खाना है। अधिक मात्रा में मांस, मछली, मसालेदार भोजन, शराब और फ्रुक्टोज युक्त खान-पान के कारण अर्थराइटिस की समस्या आती है। कई बार ये मोटापे के कारण भी होता है।
अर्थराइटिस के लक्षण और बचाव के उपाय:
जोड़ों में दर्द के साथ और भी अर्थराइटिस के कई लक्षण होते हैं। इसमें पैर के अंगूठे में लालिमा के साथ सूजन, पीड़ित को दर्द के साथ तेज बुखार भी रह सकता है। अर्थराइटिस से बचने के लिए सबसे पहले जीवन शैली के साथ आहार में बदलाव की जरूरत होती है। ये यूरिक एसिड के बढ़ने से होने वाली बीमारी है।
लहसुन से अर्थराइटिस का इलाज
लहसुन की दो से तीन कलियों को नियमित रूप से गर्म पानी के साथ सेवन करने से गठिया रोग जड़ से खत्म हो जाता है।
मेथी से अर्थराइटिस का इलाज
अर्थराइटिस में मेथी बहुत ही लाभदायक है। मेथी के बीज को आधे गिलास पानी में रात भर भिगो कर सुबह इस पानी के पीने से जोड़ों में आई सूजन कम होती है।
अजवाइन से अर्थराइटिस का इलाज
अजवाइन गठिया रोग में बहुत ही फायदेमंद होता है। एक गिलास पानी में आधा चम्मच अजवाइन और थोड़ा अदरक डालकर उबालकर सुबह-शाम पीने से लाभ मिलता है।
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