बदन दर्द का आयुर्वेदिक इलाज

बदन दर्द का आयुर्वेदिक इलाज

जाने बदन दर्द घरेलु उपचार


बदन दर्द, बहुत ही आम समस्या या बीमारी है। हालांकि, कभी-कभी ये बहुत ही भयावह रूप ले लेती है। बदन दर्द किसी अन्य बीमारी के लक्षण भी सकती है। वैसे ये ज्यादातर थकान, बहुत ज्यादा काम के अलावा असंतुलित आहार या शरीर में प्रोटीन या विटामिन की कमी के कारण होता है। बदन दर्द कोई बहुत बड़ी बीमारी नहीं है, इसलिए घरेलू उपचार के साथ आयुर्वेद के माध्यम से बदन दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है।

बदन दर्द के उपचार के लिए आयुर्वेद में बृहती, अरंडी, इलायची, यष्टिमधु यानी मुलेठी, कंटकारी, बाला, कपिकच्छु, पुनर्नवादि मंडूर, आनंद भैरव रस और वसंत कुसुमाकर जैसी औषधि और जड़ी बूटियों का उपयोग किया जाता है।

क्या है बदन दर्द और क्यों होता है ?

आम तौर पर वात यानी विकार बढ़ने से शरीर के कुछ हिस्सों में दर्द होने लगता है। ये कभी कभी ज्यादा काम या थकान के कारण होता है तो कभी ये कुछ अन्य बीमारियों के कारण होता है। बदन दर्द का एक सबसे प्रमुख कारण बुखार को माना गया है। इसके अलावा संधिवात यानी ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण मांसपेशियों में दर्द के साथ-साथ जोड़ों में तेज दर्द होता है। कई बार आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया के कारण भी बदन दर्द होता है।

बदन दर्द के कारण

अक्सर लोगों के सो कर उठने के बाद शरीर में दर्द की शिकायत होती है। इसके पीछे स्ट्रेस, डिहाइड्रेशन, कोल्ड या फ्लू, विटामिन-डी की कमी, निमोनिया, क्रोनिक फटीग सिंड्रोम या अर्थराइटिस हो सकता है। जिन्हें हम आसानी से कुछ घरेलू या आयुर्वेदिक उपचार से ठीक कर सकते हैं।

बदन दर्द का इलाज

बदन दर्द का उपचार शरीर के दर्द कर रहे अंग के हिसाब से किया जाता है। वैसे बदन दर्द में ज्यादातर पीठ और पैर की मांसपेशियों में दर्द होता है। कई बार सिर्फ हाथ या पैर में दर्द होता है। कई बार अकेले पीठ की मांसपेशियों में दर्द होता है। ऐसे में सभी का अलग-अलग तरीके से भी इलाज होता है। हालांकि कुछ उपाय ऐसे हैं जो पूरे बदन दर्द में काम करता है। थेरेपी भी इन्हीं उपायों में एक है, जो शरीर के हर हिस्से के दर्द को दूर करता है। तो आइए जानते हैं, कुछ विशेष घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार के बारे में जिनकी मदद से बदन दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है।

थेरेपी

तेल से शरीर की मालिश

थेरेपी में कई तरह की जड़ी-बूटियों से बने तेल का इस्तेमाल किया जाता है। इस तेल से शरीर की मालिश की जाती है, जिससे बदन दर्द में राहत मिलता है। थेरेपी को बदन दर्द का सबसे प्रभावी इलाज माना गया है। यह वात को शांत कर मांसपेशियों और जोड़ों को राहत पहुंची है। इससे शरीर का ब्लड सर्कुलेशन भी सही होता है, जिससे शरीर में ताजगी आती है।

अरंडी

अरंडी शरीर में सूजन और दर्द में आराम दिलाता है। इसका उपयोग सिरदर्द, बुखार और ज्वाइंट पेन से आराम के लिए किया जाता है। वात विकार की वजह से होने वाले बदन दर्द में इसका उपयोग किया जाता है। अरंडी के तेल से मालिश करने से दर्द में राहत मिलती है।

अनानास

अनानास में ब्रोमलेन नामक एक एंजाइम पाया जाता है, जो बदन दर्द को दूर करने में सहायक होता है। यह गठिया और जोड़ों के दर्द को भी दूर करता है। अनानास से पाचन क्रिया में सुधार होता है। जिससे शरीर के में उत्पन्न विकार दूर होते हैं, शरीर स्वस्थ रहता है।

अदरक

अदरक को प्राकृतिक दर्द निवारक दवा माना गया है। अदरक दर्द भगाने की सबसे कारगर दवा है। कई शोध के मुताबिक अदरक में दर्द मिटाने के प्राकृतिक गुण पाए जाते हैं। यह बिना किसी साइड इफेक्ट के दर्द निवारक दवा की तरह काम करता है। अदरक का रस मांसपेशियों की सूजन को कम करने में मदद करता है। दर्द वाली जगह पर अदरक का रस मिलाकर या अदरक का पेस्ट लगाने से दर्द से राहत मिलती है।

मैग्नीशियम

बदन दर्द का एक कारण शरीर में मैग्नीशियम की कमी भी है। ऐसे में अगर शरीर में सही मात्रा में मैग्नीशियम हो तो बदन दर्द से छुटकारा मिल सकता है। इसके लिए गुड़, काजू, पालक, कद्दू बीज, अलसी तिल बीज, आदि का सेवन करना चाहिए। शरीर में मैग्नीशियम का स्तर कम होने से मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन होने लगती है।

सेब का सिरका

सेब का सिरका स्वास्थ्य के लिए बहुत ही उपयोगी होता है। यह वजन घटाने के साथ ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा यह ब्लड शुगर को भी स्थिर करता है। इसमें पोटेशियम की उच्च मात्रा होने के कारण ये मांसपेशियों में ऐंठन को कम करता है।

तुलसी

बदन और मांसपेशियों के दर्द को दूर करने में तुलसी बहुत कारगर है। तुलसी में वात विकार को खत्म करने के प्राकृतिक गुण होते हैं। तुलसी के रस को सरसों के तेल में मिलाकर दर्द वाले स्थान पर लगाने से तुरंत लाभ मिलता है।

लाल मिर्च

लाल मिर्च में कैप्सेसिन नामक पदार्थ पाया जाता है, जो अर्थराइटिस, जोड़ों और बदन दर्द में राहत पहुंचाता है। इसके लिए एक चौथाई या आधा टेबल स्पून लाल मिर्च पाउडर को जैतून के गर्म तेल या नारियल के तेल में मिलाकर दर्द वाले स्थान पर लगाएं। इससे दर्द में तुरंत लाभ मिलता है। हालांकि थोड़ा जलन हो सकता है, अगर जलन असहनीय हो जाए तो इसे तुरंत साफ पानी से धो लें और डॉक्टर से संपर्क करें।

हल्दी

हल्दी को दर्द निवारक के रूप में जाना जाता है। हल्दी में करक्यूमिन नामक एक खास तत्व पाया जाता है। ये तत्व दर्द और सूजन में काफी फायदेमंद होता है। इसके लिए एक ग्लास दूध में आधा चम्मच हल्दी डाल 5 मिनट तक हल्की आंच पर गर्म कर इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पी लें। यह मांसपेशियों के साथ बदन दर्द में राहत दिलाता है।

सावधानियां

बदन दर्द कई बार कई परिस्थितियों में होता है। ऐसे में हमें यह भी ध्यान रखना है कि दर्द शरीर के किस हिस्से में हो रहा है, और क्यों हो रहा है। घरेलू उपाय को करने से पहले हमेशा किसी जानकार से इसके बारे में पूछ लें, और अगर संभव हो तो किसी विशेषज्ञ की निगरानी में ही प्रयोग करें। साथ ही इस दौरान खानपान का विशेष ख्याल रखना चाहिए।

Disclaimer: यह लेख सामान्य रूप से उपलब्ध जानकारी के आधार पर है। अगर इन घरेलू उपायों के बाद किसी तरह की परेशानी महसूस करते हैं, तो इसे बिल्कुल न करें और तुरंत अपने नजदीकी डॉक्टर से सम्पर्क करें। कोशिश करें कि ये सभी उपाय किसी जानकार शख्स के देख-रेख में करें।

श्री मंदिर द्वारा आयोजित आने वाली पूजाएँ

देखें आज का पंचांग

slide
कैसा रहेगा आपका आज का दिन?
कैसा रहेगा आपका आज का दिन?

अभी डाउनलॉड करें श्री मंदिर एप

करें ईश्वर की भक्ति कहीं भी, कभी भी।

Play StoreApp Store
srimandir devotees