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गोपाल मंदिर

गोपाल मंदिर में राधा-कृष्ण की भव्य मूर्तियां स्थापित हैं। इस मंदिर को 190 साल पुराना बताया जाता है।

इंदौर, मध्य प्रदेश, भारत

भारत के मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में बड़ा बाजार चौक के बीच गोपाल मंदिर स्थित है। गोपाल मंदिर में राधा-कृष्ण की भव्य मूर्तियां स्थापित हैं। इस मंदिर को 190 साल पुराना बताया जाता है। गोपाल मंदिर परिसर में आश्रय स्थल पत्थरों, लकड़ी और लोहे से बने हैं। बीते सालों में मूल मंदिर को छोड़कर आसपास का पूरा हिस्सा काफी जर्जर हो गया था, जिसके बाद ऐतिहासिक गोपाल मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत किया गया है।

मंदिर का इतिहास

गोपाल मंदिर का निर्माण 1832 में महाराजा यशवंतराव होलकर की पत्नी कृष्णाबाई होलकर ने कराया था। वे भगवान कृष्ण की परम भक्त थीं। गोपाल मंदिर में राधा-कृष्ण की मूर्तियों के अलावा भगवान वरुण, वाराह अवतार, पद्मावती लक्ष्मी देवी की मूर्तियां भी हैं। उस समय इस मंदिर का निर्माण 80 हजार रुपये में हुआ था। मंदिर परिसर करीब सवा एकड़ में है। खास बात यह कि पूरा मंदिर पत्थरों और लकड़ियों से बना है। यहां मंदिर के अलावा आश्रय स्थल पत्थरों, लकड़ी और लोहे से बने हैं।

मंदिर का महत्व

ऐसी मान्यता है कि गोपाल मंदिर में दर्शन पूजन से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं व भक्तों की सभी मनोकामना पूरी होती है। गोपाल मंदिर में अत्यंत सौभाग्यशाली ही प्रवेश कर पाता है। मंदिर में प्रार्थना करने का सबसे अच्छा समय वसंत पंचमी के दिन होता है। गोपाल मंदिर की छत और दीवारों के प्लास्टर और जुड़ाई के लिए ईट का चूरा, चूना, मैथी दाना, उड़द की दाल, गुड़ जैसे मटेरियल इस्तेमाल किया गया है।

मंदिर की वास्तुकला

गोपाल मंदिर का मुख्य आकर्षण इसकी आकर्षक वास्तुकला है। गोपाल मंदिर एक संगमरमर सर्पिल की संरचना है, जो प्राचीन मराठा शैली की वास्तुकला में बनवाया गया है। इसमें एक बड़ा केन्द्रीय हाल है, जिसमें अस्तर की छत वाले विशाल खम्बे बने हुए हैं। सभी स्तम्भ को डिजाइन किया गया है। विशाल कांच के झूमर जब जल उठते हैं तो गोपाल मंदिर की वास्तुकला प्रणाली सभी की आंखों को चकाचौंध कर देती है। मंदिर में भगवान कृष्ण की प्रतिमा गर्भगृह में विराजित है, जो चांदी से निर्मित दरवाजों के साथ संगमरमर की आकर्षक वेदी पर विराजित की गई है। मंदिर का जीर्णोद्धार 2022 में हुआ। होल्कर काल में मंदिर के आश्रय स्थल, परिसर की दीवारों में सीमेंट उपयोग नहीं किया गया था। मंदिर के जीर्णोद्धार में हेरिटेज के सारे नॉर्म्स का पालन किया गया। छत और दीवारों के प्लास्टर और जुड़ाई के लिए सुर्खी (ईट का चूरा), चूना, मैथी दाना, उड़द की दाल, गुड़ आदि मटेरियल यूज किया गया।

मंदिर का समय

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मंदिर खुलने का समय

05:00 AM - 09:00 PM
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मंगला आरती

05:00 AM - 06:00 AM
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शृंगार आरती

07:00 AM - 08:00 AM
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बाल भोग

09:00 AM - 10:00 AM
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राज भोग

11:00 AM - 12:00 PM
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संध्या आरती का समय

07:30 PM - 08:30 PM
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शयन आरती का समय

Invalid date - 12:09 PM

मंदिर का प्रसाद

गोपाल मंदिर में कान्हा जी को मिश्री,माखन और पंचमेवे के लड्‌डू का भोग चढ़ाया जाता है। इसके अलावा भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार पेड़े, पंजीरी का भोग लगाते हैं।

यात्रा विवरण

मंदिर के लिए यात्रा विवरण नीचे दिया गया है

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