भगवान राधा कृष्ण की लीला भूमि वृंदावन को सात देवताओं की प्राकट्य स्थली भी कहा जाता है।
.वृंदावन, उत्तरप्रदेश, भारत
राधा दामोदर मंदिर, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में मथुरा जिले के श्री वृंदावन धाम में स्थित है। राधा दामोदर मंदिर में गौड़ीय संप्रदाय के साथ अन्य संप्रदायों के भक्तों और अनुयाईयों का आस्था का केंद्र रहा है। भगवान राधा कृष्ण की लीला भूमि वृंदावन को सात देवताओं की प्राकट्य स्थली भी कहा जाता है। यहां चैतन्य महाप्रभु के शिष्य 6 गोस्वामियों ने अपनी भक्ति के जरिए 7 देवताओं की प्रतिमा को प्रकट किया था। इन्हीं में से एक हैं राधा दामोदर, जिनको श्रीरूप गोस्वामी ने स्थापित किया था। इसकी सेवा की जिम्मेदारी जीव गोस्वामी को दी थी। राधा दामोदर मंदिर की चार परिक्रमाएँ करने से गिरिराज गोवर्धन की परिक्रमा का फल मिलता है।
मंदिर का इतिहास
राधा दामोदर मंदिर करीब साढ़े चार सौ वर्ष पुराना है। संवत 1599 सन् 1542 की माघ शुक्ल दशमी के दिन श्रीरूप गोस्वामी ने यहाँ राधा दामोदर जी के विग्रहों की स्थापना करके, उनकी सेवा का भार जीव गोस्वामी को सौंपा। इसी मंदिर में छह गोस्वामियों, रूप गोस्वामी, सनातन गोस्वामी, भक्त रघुनाथ, जीव गोस्वामी, गोपाल भट्ट, रघुनाथ दास ने अपनी साधना स्थली बनाया। श्री रूपगोस्वामी जी सेवाकुंज के अन्तर्गत यहीं भजन कुटी में वास करते थे। यहीं पर तत्कालीन गोस्वामीगण एवं भक्तजन सम्मिलित होकर इष्टगोष्ठी करते थे और श्री रघुनाथभट्ट जी अपने मधुर कंठ से उस वैष्णव सभा में श्रीमद्भागवत की व्याख्या करते।
मंदिर का महत्व
राधा दामोदर मंदिर को इस्कॉन मन्दिर के संस्थापक प्रभुपाद महाराज ने अपने वृन्दावन प्रवास के दौरान सर्वप्रथम आराधना का केंद्र बनाया था। ऐसी मान्यता है कि राधा दामोदर मंदिर की परिक्रमा करने से उसमें विराजमान गिरिराज शिला की स्वतः परिक्रमा हो जाती है। इसकी एक किलोमीटर से भी कम की चार परिक्रमाएँ करने से श्रृद्धालु गिरिराज गोवर्धन की 25 किलोमीटर लम्बी परिक्रमा का पुण्य अर्जित कर लेता है।
मंदिर की वास्तुकला
राधा दामोदर मंदिर में राजस्थानी शैली की वास्तुकला दिखाई देती है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर राजस्थानी शैली में भव्य गेट बना है। मंदिर के केंद्र में एक खुले आंगन के साथ-साथ खूबसूरती से नक्काशीदार खंभे और एक शानदार चित्रित छत है। गर्भ गृह के सिंहासन में श्री वृन्दावनचन्द्र, श्री छैलचिकनिया, श्री राधाविनोद और श्री राधामाधव आदि विग्रह विराजमान हैं। मंदिर के पीछे श्री जीवगोस्वामी तथा श्री कृष्णदास गोस्वामी की समाधियाँ प्रतिष्ठित हैं। मंदिर के उत्तर भाग में श्रीपाद रूपगोस्वामी की भजन-कुटी और समाधि मन्दिर स्थित हैं। पास ही श्रीभूगर्भ गोस्वामी की समाधि है।
मंदिर का समय
सुबह मंदिर खुलने का समय
04:30 AM - 01:00 PMमंगला आरती का समय
04:30 AM - 05:00 AMशाम को मंदिर खुलने का समय
04:30 PM - 09:00 PMमंदिर का प्रसाद
राधा दामोदर मंदिर में श्री कृष्ण जी को फल, माखन, मिश्री, ड्राई फ्रूट्स का भोग लगाया जाता है। मंदिर में प्रभु को खीर भी चढ़ाई जाती है।
यात्रा विवरण
मंदिर के लिए यात्रा विवरण नीचे दिया गया है