बिना देवी-देवताओं की मूर्तियों वाला मंदिर
.वाराणसी, उत्तरप्रदेश, भारत
भारत माता मंदिर वाराणसी उत्तर प्रदेश के काशी विद्यापीठ के परिसर में स्थित है। यह मंदिर वाराणसी के सबसे ज्यादा देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। यह मंदिर भारत माता को समर्पित है। आपको जान कर आश्चर्य होगा कि भारत माता के इस मंदिर में आपको देवी देवताओं की प्रतिमाएं नहीं दिखेंगी। बल्कि आपको यहाँ पर अविभाजित भारत का विशाल मानचित्र मिलेगा।
मंदिर का इतिहास
भारत माता मंदिर को बाबू शिव प्रसाद गुप्ता ने बनवाया था। इस मंदिर का यह अनूठा शिल्प, बाबू शिव प्रसाद गुप्ता द्वारा तैयार किया था। उन्होंने इसे गणितीय सूत्रों के आधार पर तैयार किया था। इस भारत माता मंदिर का निर्माण दुर्गा प्रसाद खत्री की देखरेख में हुआ। जिसको 25 शिल्पकारों और 30 मजदूरों ने निर्मित किया। यह मंदिर 6 साल के लंबे समय में बन कर तैयार हुआ था। इस मंदिर के एक कोने में इनके नाम भी लिखे हुए है। इस मंदिर का उद्घाटन 25 अक्टूबर 1936 में बापू ने किया था।
मंदिर का महत्व
गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मानचित्र में दर्शाये गए जल निकायों को पानी से भर दिया जाता है और भूमि वाले भागों को फूलों से सजा दिया जाता है। इस मंदिर की लंबाई और चौड़ाई 31 फुट 2 इंच और 30 फुट 2 इंच है। इस मंदिर में 11 गुना 11 इंच के पत्थर के 762 टुकड़ों से मानचित्र को बनाया गया है। जो किसी अजूबे से कम नहीं है। इस मंदिर में आप जूते चप्पल पहनकर नहीं जा सकते है।
मंदिर की वास्तुकला
भारत माता मंदिर की संरचना संगमरमर से बनी हुई हैं। यहाँ पर संगमरमर से बनी हुई भारत माता की मूर्ति है। जो कि अखंड भारत को दर्शाती है। संगमरमर से ही बना हुआ भारत का मानचित्र भी है। यह नक्शा आजादी से पूर्व के अखंड भारत को प्रदर्शित करता है। इस मानचित्र में पहाड़ियाँ, मैदान, महासागर सभी को बहुत ही अच्छी तरह से दर्शाया गया है। साथ ही अक्षांश और देशांतर भी आपको इसमें दिखाई देंगे। यह नक्शा इतना अद्भुत है कि पर्यटक इसे देखकर आश्चर्य चकित हो जाते है। सम्पूर्ण मंदिर की संरचना पांच अलग-अलग स्तंभों पर टिकी है। ये पांच स्तम्भ प्रकृति के 5 तत्वों वायु, जल,अग्नि,आकाश और पृथ्वी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
मंदिर का समय
सुबह मंदिर खुलने का समय
06:00 AM - 11:59 AMसायंकाल आरती का समय
01:00 PM - 07:00 PMयात्रा विवरण
मंदिर के लिए यात्रा विवरण नीचे दिया गया है