ज्योतिषशास्त्र में कहा गया है कि जब शनि और चंद्रमा एक साथ सक्रिय होते हैं, तो विष योग नामक स्थिति बनती है। चंद्रमा मन, भावनाओं और मानसिक स्थिरता का प्रतीक माना जाता है, जबकि शनि अनुशासन, परीक्षाओं और गहरी चिंतनशील ऊर्जा से जुड़ा ग्रह माना गया है। इनके एक साथ आने पर व्यक्ति के मन में भारीपन, बेचैनी, अनिश्चितता और भावनात्मक दबाव बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। कई लोग इस समय जीवन में उलझनें, अनचाहे विलंब या मानसिक थकान का अनुभव करते हैं।
🕉️ जानें सोमवार और शनि नक्षत्र के विशेष संयोजन का महत्व
सोमवार भगवान शिव का प्रिय दिन माना गया है, और इसे मन को शांत करने और भावनाओं को संतुलित रखने के लिए विशेष समझा जाता है। जब यही दिन शनि नक्षत्र के प्रभाव के साथ आता है, तो मन से जुड़ी ऊर्जा अधिक संवेदनशील हो सकती है। पारंपरिक मान्यता है कि ऐसे समय में भगवान शिव की उपासना मानसिक स्थिरता, धैर्य और आंतरिक स्पष्टता की तलाश के लिए विशेष मानी जाती है।
🌙 चंद्रमौलेश्वर शिव, महादेव का वह रुप जो करते हैं मन, चंद्र और शांति का दिव्य संतुलन स्थापित
भगवान शिव का चंद्रमौलेश्वर स्वरूप इस बात का प्रतीक है कि वे मन के स्तर पर होने वाली उलझनों और भावनात्मक उतार–चढ़ाव को शांत करने की क्षमता का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके मस्तक पर स्थित चंद्रमा मन पर नियंत्रण, शांति और ठहराव का संकेत देता है। विष योग जैसी स्थिति में इस स्वरूप की उपासना को मन के बोझ और अंदर की अस्थिरता को समझने का एक आध्यात्मिक माध्यम माना जाता है।
🔥 विष योग शांति और ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का महत्व
यह विशेष आयोजन पवित्र ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में किया जाएगा, जिसे आदि शिव ऊर्जा और दिव्य ध्वनि 'ॐ' के प्रतीक के रूप में पूज्य माना गया है। नर्मदा तट पर स्थित यह ज्योतिर्लिंग मन की शुद्धि, भावनाओं के संतुलन और ध्यान की गहराई के लिए अनुकूल वातावरण से जुड़ा माना जाता है। विष योग के दौरान ओंकारेश्वर में चंद्रमौलेश्वर शिव की उपासना मन को केंद्रित करने, भावनात्मक स्थिरता की तलाश करने और भीतर की उलझनों को समझने का एक पारंपरिक माध्यम मानी गई है।
📅 08 दिसंबर 2025 का विशेष दिन
इस दिन पौष कृष्ण चतुर्थी तिथि में शनि और चंद्रमा का प्रभाव सक्रिय रहेगा। इसलिए इस दिन शिव साधना को मानसिक शांति और आंतरिक संतुलन की भावना के लिए बेहद प्रभावी माना गया है। यदि आप मानसिक दबाव, चिंता, उलझन या लगातार भावनात्मक थकान का अनुभव कर रहे हैं, तो श्री मंदिर के माध्यम से इस आयोजन में भाग लेकर मानसिक संतुलन और शांति की कामना कर सकते हैं।