भगवान श्री राम ने किया था इस कुंड में स्नान
.गोरखपुर, उत्तरप्रदेश, भारत
प्राचीन सूरजकुंड धाम गोरखपुर शहर के उत्तर पश्चिमी हिस्से में अचिरावती और रोहिन नदी के संगम पर स्थित है। यह मंदिर पानी के एक बड़े कुंड के बीच में है और चारों तरफ से पानी से घिरा हुआ है। पौराणिक कहानियों की माने तो यह मंदिर एक विशेष स्थान है, जहां एक बार भगवान श्री राम ने विश्राम किया था और अगले दिन सुबह उठकर उन्होंने इस सरोवर में स्नान करके सूर्य देव की उपासना की थी।
मंदिर का इतिहास
गोरखपुर में स्थित सूरजकुंड धाम का इतिहास बेहद ही रोचक है। त्रेता युग में कारूपथ नाम से सुरजकुंड का वाल्मीकि रामायण में उल्लेख मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस कुंड के बीच में बने सूर्य और विष्णु मंदिर का निर्माण करीब 125 वर्ष पहले बाबा मुनेश्वर दास द्वारा करवाया गया था। यह कुंड भारत में स्थित 26 सूरजकुण्डों में से सबसे प्राचीन कुंड है।
मंदिर का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार है जो भक्त इस कुंड पर आकर भगवान सूर्य से सच्चे मन से कामना करते है, उनकी संतान प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण होती है। साथ ही सूर्य को जल चढाने से शनि दोष का प्रभाव भी कम होता है। इस धाम में सूर्य देव के रथ के सात घोड़ों की तरह यहां भी 7 कुंड हैं और इन कुंडो का पानी कभी नहीं सूखता।
मंदिर की वास्तुकला
सूरजकुंड धाम में कुंड के बीच बना एक छोटा सा मंदिर हिन्दू मंदिर निर्माणशैली पर बना हुआ है | इस मंदिर में भगवान् सूर्य और विष्णु की प्रतिमा प्रतिष्ठित है। माना जाता है की यहाँ 52 छोटे बड़े मंदिर हुआ करते परन्तु अब उनकी संख्या घाट कर 16 ही रह गई है।
मंदिर का समय
सुबह मंदिर खुलने का समय
05:00 AM - 08:00 PMसुबह की आरती का समय
07:00 AM - 08:00 AMसायंकाल आरती का समय
07:00 PM - 07:30 PMमंदिर का प्रसाद
सूरजकुंड धाम में प्रतिदिन सुबह सूर्य उपासक और भक्तजन सूर्य को जल चढ़ाने आते है। साथ ही सूर्यदेव को रोली, चावल, लड्डू, और बर्फी के रूप में मिष्ठान अर्पित करते है।
यात्रा विवरण
मंदिर के लिए यात्रा विवरण नीचे दिया गया है