माता को “राजराजेश्वरी बिजासन माता” के नाम से भी जाना जाता है।
.इंदौर, मध्य प्रदेश, भारत
क्लीन सिटी इंदौर, मध्यप्रदेश के एयरपोर्ट रोड के समीप पहाड़ी पर स्थित है बिजासन माता मंदिर। इस मंदिर में माता के नौ रूप विराजित है। यह मंदिर एक हजार वर्ष पुराना है। माता के दर्शन के लिए यहाँ प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। माता को “राजराजेश्वरी बिजासन माता” के नाम से भी जाना जाता है।
मंदिर का इतिहास
बिजासन माता मंदिर का निर्माण इंदौर के होलकर महाराजा शिवाजी राव होलकर ने सन 1760 में करवाया था। प्राचीन मंदिर में विजासन माता की प्रतिमा करीब 1000 साल से भी ज्यादा पुरानी है। मंदिर के निर्माण के 100 वर्ष पूरे होने पर सन 1860 में मंदिर में बहुत ही धूमधाम से उत्सव मनाया गया था। इस मंदिर का समय समय पर जीर्वोद्धार भी किया जाता रहा है।
मंदिर का महत्व
बिजासन माता मंदिर में माता की पाषाण पिंडियाँ विराजमान है। ये पिंडियां यहाँ पर कब विराजित हुयी है इसका कोई भी प्रमाण नहीं है। ऐसा माना जाता है कि ये पिंडियाँ स्वयंभू हैं। बिजासन माता संतान और सौभाग्य प्रदान करती है। इसलिए नवविवाहित जोड़े माता के दर्शन कर आशीर्वाद लेने आते है। माता सभी की मनोकामनाओं को पूर्ण करती है। ऐसा कहा जाता है कि आल्हा-उदल ने मांडू के राजा को परास्त के लिए माता से प्रार्थना की थी। तंत्र-मंत्र और अनेकों प्रकार की सिद्धियों हेतु भी यह बिजासन माता मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। इस मंदिर के पीछे एक जलाशय है। ऐसा बताया जाता है कि पहले इस जलाशय में शेर पानी पीने आता था। वह माता के मंदिर के समीप कुछ देर खड़ा रहता और बिना किसी को नुकसान पहुँचाये चला जाता था।
मंदिर की वास्तुकला
माता का यह मंदिर ऊँची पहाड़ी पर बना हुआ है। पहले यह मंदिर मिट्टी और पत्थरों से निर्मित था। इस मंदिर का सन् 1920 में मराठा शैली में जिर्णोद्धार करवाया गया। इस मंदिर में माता के अलावा आपको शिव जी, काल भैरव, हनुमान जी के भी दर्शन करने को मिलेंगे। माता का यह मंदिर ऊँची पहाड़ी पर बना हुआ है। मंदिर के पास ही एक छोटा सा तालाब है जिसमे कई रंग की मछलियां है।
मंदिर का समय
मंदिर खुलने का समय
05:30 AM - 10:30 PMशनिवार और रविवार मंदिर का समय
05:30 AM - 11:00 PMसुबह की आरती
06:00 AM - 06:30 AMरात की आरती
09:00 AM - 10:00 PMमंदिर का प्रसाद
माता को लडडू, पेड़ा, चना - चिरोंजी आदि का भोग लगाया जाता है। साथ ही फूलों की माला भी अर्पित की जाती है। माता को चुनरी भी चढ़ाई जाती है।
यात्रा विवरण
मंदिर के लिए यात्रा विवरण नीचे दिया गया है