निर्भयता एवं नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए गुप्त नवरात्रि सप्तमी विशेष कालरात्रि तंत्र युक्त हवन और काल भैरव अष्टकम पाठ
निर्भयता एवं नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए गुप्त नवरात्रि सप्तमी विशेष कालरात्रि तंत्र युक्त हवन और काल भैरव अष्टकम पाठ
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निर्भयता एवं नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए गुप्त नवरात्रि सप्तमी विशेष कालरात्रि तंत्र युक्त हवन और काल भैरव अष्टकम पाठ
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निर्भयता एवं नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए गुप्त नवरात्रि सप्तमी विशेष कालरात्रि तंत्र युक्त हवन और काल भैरव अष्टकम पाठ
गुप्त नवरात्रि सप्तमी विशेष

कालरात्रि तंत्र युक्त हवन और काल भैरव अष्टकम पाठ

निर्भयता एवं नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए
temple venue
कालीमठ मंदिर एवं काल भैरव मंदिर, रुद्रप्रयाग, काशी
pooja date
12 जुलाई, शुक्रवार, आषाढ़ शुक्ल सप्तमी
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पूरे विधि द्वारा पूजा होगी
मंदिर के सर्वश्रेष्ठ पंडितजी आपकी पूजा करेंगे
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विशेष मंत्र द्वारा कृपा मिलेगी
भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष मंत्र शेयर किया जाएगा
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आशीर्वाद बॉक्स
पूजा के बाद आशीर्वाद बॉक्स आपके घर पर पहुँचाया जाएगा

निर्भयता एवं नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए गुप्त नवरात्रि सप्तमी विशेष कालरात्रि तंत्र युक्त हवन और काल भैरव अष्टकम पाठ

हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष से गुप्त नवरात्रि आरंभ होता है। इस दौरान 10 महाविद्याओं की पूजा के अलावा तांत्रिक सिद्धियां भी की जाती है। गुप्त नवरात्रि विशेषकर शक्ति साधना, तांत्रिक क्रियाएं, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्व रखती है। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में तंत्र साधना करने से सामान्य नवरात्रि की तुलना में कई गुना ज्यादा फल मिलता है। तंत्र शास्त्र में भगवान भैरव एवं मां काली को अत्यंत शक्तिशाली एवं महत्वपूर्ण बताया गया है। माना जाता है कि इस दौरान देवी कालरात्रि एवं काल भैरव काल से साधक की रक्षा करते हैं। वहीं इनकी साधना से सभी प्रकार की ऊपरी बाधा और तंत्र बाधा का नाश होता है। मान्यता है कि देवी मां के आशीष पाने से पहले भगवान भैरव की पूजा करना भी अनिवार्य है। पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान शिव देवी के 51 शक्तिपीठों की स्थापना कर रहे थे तब असुरों को इस बात का भय सताने लगा कि यदि पृथ्वी पर इन शक्तिपीठों की स्थापना हुई तो असुरों का विनाश हो जाएगा।

जिस कारण सभी असुर इन शक्तिपीठों को खंडित करने के लिए आगे बढ़ने लगे, इस बात को जानकर भगवान शिव ने इन शक्तिपीठों की रक्षा का दायित्व अपने भैरव अवतार को सौंपा। तभी से यह माना जाता है कि भगवान भैरव से अनुमति के बाद ही कोई भी भक्त देवी मां के दर्शन एवं आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है। गुप्त नवरात्री के सातवें दिन माँ कालरात्रि की पूजा की जाती है, इसलिए इस शुभ अवसर देवी मां का आशीष पाने के लिए काल भैरव की पूजा भी कराई जाएगी। रूद्रप्रयाग के कालीमठ मंदिर एवं काशी के काल भैरव मंदिर में कालरात्रि तंत्र युक्त हवन और काल भैरव अष्टकम पाठ किया जाएगा श्री मंदिर के माध्यम से इस संयुक्त पूजा में भाग लें और मां कालरात्रि के साथ भगवान भैरव से निर्भयता एवं नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा का आशीष पाएं।

पूजा लाभ

puja benefits
निर्भयता प्राप्ति के लिए
जिस प्रकार माँ महाकाली को भय पर विजय प्राप्ति के लिए पूजा जाता है, ठीक उसी प्रकार, भगवान भैरव को अपार शक्ति एवं साहस प्राप्ति के लिए पूजनीय माना गया है। माँ काली एवं भगवान भैरव दोनों ही निर्भयता का प्रतीक हैं, जो आपको आंतरिक एवं बाह्य डर का सामना करने और उस पर नियंत्रण पाने के लिए प्रेरित करते हैं। गुप्त नवरात्रि के शुभ दिन पर मां महाकाली के साथ काल भैरव की इस विशेष पूजा को करने से व्यक्ति जीवन की चुनौतियों का सामना से बिना किसी भय के साथ साहसपूर्वक करता है।
puja benefits
नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए
देवी काली एवं भगवान भैरव भक्तों को नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा का आशीष देते हैं। मां काली सभी बुरी एवं नकारात्मक शक्तियों के विनाश के लिए जानी जाती है। वहीं काल भैरव नकरात्मक शक्तियों को आसपास भटकने भी नहीं देते। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस शुभ दिन पर जो भी भक्त देवी काली और काल भैरव की आराधना सच्चे दिल से करते हैं उनके जीवन में किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जाएं एवं बुरी शक्तियां टिक नहीं पाती हैं।
puja benefits
बाधाओं से सुरक्षा के लिए
माँ काली एवं काल भैरव की विशेष पूजा बाधाओं व चुनौतियों को कम करने में मददगार होती है, जिससे व्यक्ति को करियर, आर्थिक, रिश्ते समेत जीवन के सभी पहलुओं में आगे बढ़ने में मदद मिलती है। गुप्त नवरात्रि के शुभ दिन पर इस विशेष पूजा को करने से बाधाएं दूर होती हैं और मां काली एवं काल भैरव सफलता व समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करते हैं।

पूजा प्रक्रिया

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कालीमठ मंदिर एवं काल भैरव मंदिर, रुद्रप्रयाग, काशी

कालीमठ मंदिर एवं काल भैरव मंदिर, रुद्रप्रयाग, काशी
रुद्रप्रयाग के कालीमठ शहर में स्थित कालीमठ मंदिर मां काली को समर्पित है, जो उग्र देवी के रूप में विराजमान हैं। यहां मां काली अपने भक्तों की रक्षा करती हैं और बुरी शक्तियों का विनाश करती हैं। यह एकमात्र ऐसा स्थान है जहां मां काली अपनी बहनों लक्ष्मी और सरस्वती के साथ विराजित हैं। मान्यता है कि यहां देवी-देवताओं ने शुंभ-निशुंभ और रक्तबीज राक्षसों से मुक्ति पाने के लिए मां भगवती की तपस्या की थी। तब मां भगवती 12 वर्ष की बालिका के रूप में प्रकट हुईं, कालीशिला में स्थित 64 यंत्रों से शक्ति प्राप्त की और असुरों का संहार किया।

कालीमठ मंदिर की खासियत यह है कि इसमें कोई मूर्ति नहीं है। मंदिर में एक कुंड है, जो चांदी के बोर्ड या श्रीयंत्र से ढका हुआ है। भक्त इस कुंड की पूजा करते हैं। आधी रात को मुख्य पुजारी ही पूजा करते हैं।

वहीं महादेव की नगरी काशी में,भैरव बाबा के बिना कुछ भी नहीं होता है। पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार ब्रह्माजी और विष्णुजी के बीच सबसे महान होने को लेकर बहस छिड़ी। ब्रह्माजी के शिवजी की आलोचना करने पर शिवजी ने क्रोधित होकर काल भैरव को जन्म दिया। काल भैरव ने ब्रह्माजी के पांचवें मुख को काट दिया, जो उनके हाथ से अलग नहीं हो रहा था। शिवजी ने काल भैरव को तीनों लोकों का भ्रमण करने को कहा, ताकि वे ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्त हो सकें। काशी में काल भैरव के हाथ से ब्रह्माजी का मुख अलग हुआ और उन्हें मुक्ति मिली। इसके बाद शिवजी ने काल भैरव को काशी का कोतवाल बनाया। मान्यता है कि बाबा कालभैरव की अराधना से सारा दुख, नजर बाधा, विकार और कष्ट दूर होते हैं।

पूजा का चयन करें

व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं
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पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

पार्टनर पूजा

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पारिवारिक पूजा

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पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
कालीमठ मंदिर एवं काल भैरव मंदिर में मां कालरात्रि व भैरव बाबा को फल, मिठाई और सूखे मेवे का भोग चढ़ाया जाएगा।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं
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पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
कालीमठ मंदिर एवं काल भैरव मंदिर में मां कालरात्रि व भैरव को पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे से युक्त भोग अर्पित किया जाएगा
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

रिव्यूज़ और रेटिंग

जानिए प्रिय भक्तों का श्री मंदिर के बारे में क्या कहना है!
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अच्युतम नायर

बेंगलुरु
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रमेश चंद्र भट्ट

नागपुर
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अपर्णा मॉल

पुरी
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शिवराज डोभी

आगरा
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मुकुल राज

लखनऊ

भक्तों का अनुभव

जिन भक्तों ने हमारे साथ पूजा बुक की उनका अनुभव जाने
तीश मोड़

तीश मोड़

17 February, 2025

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बहुत ही अतुलनीय कार्य है आपका भगवन आपको ऐसे ही कार्य करने की ताक़त दे


Ramesh Tripathi

Ramesh Tripathi

17 February, 2025

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Hame vishwas hai ki Puja poorn vishwas aur aastha se hui hogi avm hame Prabhu ka Aasirwad prapt hoga apne pariwar ke liye.Jai Bholenath sahai rehna Hamesha.🙏🏽🕉️🌼


S JAREENA BEGUM

S JAREENA BEGUM

16 February, 2025

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Namaste guruji ap ku bhuth,bahut, dhanyawad guruji,, ap ki sevaiya acche hai Ghar bhite Puja karwana, bhuth bhuth accha hai ,,meri mano kamna Puri hone baad mai mai ap se spark karungi

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों

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