क्या आप जानते हैं कि आषाढ़ चौमासी चौदस से चातुर्मास की शुरुआत होती है? जानें 2025 में इसका धार्मिक महत्व, पूजन विधि और कैसे यह समय आध्यात्मिक साधना और संयम के लिए उत्तम माना जाता है।
आषाढ़ चौमासी चौदस हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। यह दिन विशेष रूप से चातुर्मास (चार पवित्र महीनों) की शुरुआत के ठीक पहले आता है। इसे "चौमासी चौदस" इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके बाद देवशयनी एकादशी से चातुर्मास का आरंभ होता है, जिसमें देवता योगनिद्रा में चले जाते हैं और मांगलिक कार्य वर्जित हो जाते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की शुक्ल एकादशी से लेकर श्रावण, भाद्रपद, अश्विन और कार्तिक मास की शुक्ल एकादशी तक के चार महीनों को चौमासा या चतुर्मास कहा जाता है। इन्हीं महीनों के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को चौमासी चौदस कहते हैं।
मुहूर्त | समय |
ब्रह्म मुहूर्त | 03:51 ए एम से 04:33 ए एम तक |
प्रातः सन्ध्या | 04:12 ए एम से 05:14 ए एम तक |
अभिजित मुहूर्त | कोई नहीं |
विजय मुहूर्त | 02:19 पी एम से 03:14 पी एम तक |
गोधूलि मुहूर्त | 06:51 पी एम से 07:12 पी एम तक |
सायाह्न सन्ध्या | 06:52 पी एम से 07:54 पी एम तक |
अमृत काल | 10:00 पी एम से 11:43 पी एम तक |
निशिता मुहूर्त | 11:43 पी एम से 12:24 ए एम, जुलाई 10 तक |
रवि योग | 05:14 ए एम से 04:50 ए एम, जुलाई 10 |
‘चौमासी’ शब्द ‘चार महीनों’ की अवधि से व्युत्पन्न है, जहां भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी से योग निद्रा में चले जाते हैं। इसी अवधिमें पड़ती शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को चौमासी चौदस कहते हैं। यह पर्व शिव–शक्ति मिलन, विष्णु की निद्रा, और जैन वर्षावास प्रारम्भ के स्मरण के साथ जुड़ा है
पर्व | तारीख |
देवशयनी एकादशी | 6 जुलाई 2025 |
गुरु पूर्णिमा | 10 जुलाई 2025 |
आषाढ़ पूर्णिमा | 10 जुलाई 2025 |
कर्क संक्रान्ति | 16 जुलाई 2025 |
कामिका एकादशी | 21 जुलाई 2025 |
हरियाली तीज | 27 जुलाई 2025 |
नाग पंचमी | 29 जुलाई 2025 |
श्रावण पुत्रदा एकादशी | 5 अगस्त 2025 |
वरलक्ष्मी व्रत | 8 अगस्त 2025 |
रक्षा बंधन / राखी | 9 अगस्त 2025 |
गायत्री जयंती | 9 अगस्त 2025 |
श्रावण पूर्णिमा | 9 अगस्त 2025 |
कजरी तीज | 12 अगस्त 2025 |
जन्माष्टमी (स्मार्त) | 15 अगस्त 2025 |
जन्माष्टमी (इस्कॉन) | 16 अगस्त 2025 |
सिंह संक्रान्ति | 17 अगस्त 2025 |
अजा एकादशी | 19 अगस्त 2025 |
हरतालिका तीज | 26 अगस्त 2025 |
अगस्त्य अर्घ्य | 26 अगस्त 2025 |
गणेश चतुर्थी | 27 अगस्त 2025 |
ऋषि पंचमी | 28 अगस्त 2025 |
राधा अष्टमी | 31 अगस्त 2025 |
परिवर्तिनी एकादशी | 3 सितम्बर 2025 |
ओणम | 5 सितम्बर 2025 |
गणेश विसर्जन | 6 सितम्बर 2025 |
अनंत चतुर्दशी | 6 सितम्बर 2025 |
चन्द्र ग्रहण (पूर्ण) | 7 सितम्बर 2025 |
भाद्रपद पूर्णिमा | 7 सितम्बर 2025 |
पितृपक्ष प्रारंभ | 8 सितम्बर 2025 |
विश्वकर्मा पूजा | 17 सितम्बर 2025 |
कन्या संक्रांति | 17 सितम्बर 2025 |
इन्दिरा एकादशी | 17 सितम्बर 2025 |
सर्वपितृ अमावस्या | 21 सितम्बर 2025 |
नवरात्रि प्रारंभ | 22 सितम्बर 2025 |
सूर्य ग्रहण (आंशिक) | 22 सितम्बर 2025 |
सरस्वती आवाहन | 29 सितम्बर 2025 |
सरस्वती पूजा | 30 सितम्बर 2025 |
दुर्गा अष्टमी | 30 सितम्बर 2025 |
महा नवमी | 1 अक्टूबर 2025 |
विजयादशमी / दशहरा | 2 अक्टूबर 2025 |
पापांकुशा एकादशी | 3 अक्टूबर 2025 |
कोजागर पूजा | 6 अक्टूबर 2025 |
शरद पूर्णिमा | 6 अक्टूबर 2025 |
आश्विन पूर्णिमा | 7 अक्टूबर 2025 |
करवा चौथ | 10 अक्टूबर 2025 |
अहोई अष्टमी | 13 अक्टूबर 2025 |
गोवत्स द्वादशी | 17 अक्टूबर 2025 |
तुला संक्रान्ति | 17 अक्टूबर 2025 |
रमा एकादशी | 17 अक्टूबर 2025 |
धनतेरस | 18 अक्टूबर 2025 |
काली चौदस | 19 अक्टूबर 2025 |
नरक चतुर्दशी | 20 अक्टूबर 2025 |
लक्ष्मी पूजा / दीपावली | 21 अक्टूबर 2025 |
गोवर्धन पूजा | 22 अक्टूबर 2025 |
भैया दूज | 23 अक्टूबर 2025 |
छठ पूजा | 28 अक्टूबर 2025 |
कंस वध | 1 नवम्बर 2025 |
देवउठनी एकादशी | 1 नवम्बर 2025 |
तो यह थी आषाढ़ चौमासी चौदस से जुड़ी पूरी जानकारी, हम आशा करते हैं कि इस पर्व पर आपकी शिव भक्ति और पूजा अर्चना सफल हो, और भोलेनाथ सदा आपपर अपनी कृपा बनाए रखें। ऐसे ही व्रत, त्यौहार व अन्य धार्मिक जानकारियों के लिए जुड़े रहिए 'श्री मंदिर' के साथ
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