जानिए वृंदावन के प्रसिद्ध राधा श्याम सुंदर मंदिर का पौराणिक इतिहास, भक्ति परंपरा में इसका स्थान, दर्शन और पूजा का समय, तथा मंदिर तक पहुँचने का मार्ग।
राधा श्याम सुंदर मंदिर वृंदावन का प्राचीन और भव्य मंदिर है, जो श्री राधा रानी और भगवान श्याम सुंदर को समर्पित है। मान्यता है कि यहाँ दर्शन करने से भक्तों को प्रेम, भक्ति और शांति का आशीर्वाद मिलता है। इस लेख में जानिए राधा श्याम सुंदर मंदिर वृंदावन का इतिहास, महत्व और दर्शन की खास बातें।
राधा श्याम सुंदर मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा जिले में स्थित है। यह मंदिर वृंदावन धाम के लोई बाजार क्षेत्र में सेवा कुंज के निकट स्थित है। यह मंदिर गौड़ीय वैष्णव संप्रदाय के सात प्रमुख मंदिरों में से एक है और इसकी विशेष महत्ता है। गौड़ीय परंपरा के श्रद्धालु इसे अत्यंत पावन स्थल मानते हैं।
मंदिर की स्थापना 1580 ईस्वी में हुई थी जब भरतपुर राज्य के राजा को अपने खजाने में श्री राधारानी की एक सुंदर मूर्ति प्राप्त हुई। इस मूर्ति को राजा ने श्री श्यामानंद प्रभु के आश्रम में ले जाकर वसंत पंचमी के दिन श्री श्यामसुंदर के साथ उनका दिव्य विवाह सम्पन्न कराया। इसके बाद राजा ने युगल देवताओं के लिए एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाया। मंदिर में प्रतिष्ठित श्री श्यामसुंदर की मूर्ति राधारानी के हृदय से प्रकट मानी जाती है, जो इसे एक अनोखी और विशेष पहचान देती है।
यह मंदिर श्री श्यामानंद प्रभु की भक्ति का जीवंत प्रतीक है। ऐसा कहा जाता है कि स्वयं श्री राधारानी की उन पर विशेष कृपा थी। गौड़ीय वैष्णव परंपरा के अनेक आचार्य इस मंदिर में दर्शन हेतु पधारते हैं। मंदिर में दर्शन से समस्त पापों का नाश होता है और श्रद्धालु की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। विशेष रूप से वसंत पंचमी के दिन यहाँ भव्य उत्सव होता है, जिसे देखने हजारों श्रद्धालु आते हैं।
मंदिर की वास्तुकला
राधा श्याम सुंदर मंदिर में राजस्थानी कला की प्रभावशाली झलक देखने को मिलती है। मंदिर के भीतर एक विशाल खुला प्रांगण है, जिसमें संगमरमर का मंच बना हुआ है। मंदिर में तीन अलग-अलग युगल मूर्ति सेट हैं: श्री लाला लाली, श्री राधा कुंजबिहारी, और श्री राधा श्यामसुंदर। मंदिर के एक ओर वृंदा देवी की भी मूर्ति स्थापित है। मुख्य सिंहासन पर गौड़ीय संप्रदाय के महान आचार्य बलदेव विद्याभूषण द्वारा प्रतिष्ठित विग्रह विराजमान हैं।
राधा श्याम सुंदर मंदिर वृंदावन का प्रसाद
मंदिर में भगवान को माखन, मिश्री, पेड़े और पंजीरी का भोग अर्पित किया जाता है। श्रद्धालु अपनी भक्ति और श्रद्धा के अनुसार अन्न, फल तथा अन्य सामग्री भी अर्पित करते हैं।
हवाई मार्ग
दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, वृंदावन का निकटतम एयरपोर्ट है। वहाँ से कैब या टैक्सी के माध्यम से मंदिर तक आसानी से पहुँचा जा सकता है।
रेल मार्ग
निकटतम रेलवे स्टेशन मथुरा कैंट है, जो वृंदावन से कुछ ही दूरी पर स्थित है। स्टेशन से बस, ऑटो और कैब की सुविधा उपलब्ध है।
सड़क मार्ग
दिल्ली से वृंदावन की दूरी लगभग 185 किलोमीटर है और यात्रा में लगभग 3 घंटे का समय लगता है। श्रद्धालु यमुना एक्सप्रेसवे या राष्ट्रीय राजमार्ग 44 के माध्यम से आसानी से मंदिर पहुँच सकते हैं। उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों से नियमित सरकारी व निजी बस सेवाएं मथुरा और वृंदावन के लिए उपलब्ध हैं।
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