अभिजीत नक्षत्र
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अभिजीत नक्षत्र

क्या करें और क्या न करें अभिजीत नक्षत्र में? जानिए इसके प्रभाव, स्वभाव और जीवन में भूमिका से जुड़ी जरूरी बातें।

अभिजीत नक्षत्र के बारे में

इस नक्षत्र से प्रभावित लोग आत्मविश्वासी, नेतृत्व क्षमता से भरपूर और निर्णय में दृढ़ होते हैं। यदि आप जानना चाहते हैं कि अभिजीत नक्षत्र का ज्योतिषीय महत्व क्या है, यह जीवन को कैसे प्रभावित करता है, और इसका शुभ समय कब होता है, तो पूरा आर्टिकल जरुर पढ़ें।

अभिजीत नक्षत्र क्या है?

ज्योतिष में कुल 27 नक्षत्र माने जाते हैं, लेकिन इनके अतिरिक्त एक विशेष नक्षत्र है जिसे अभिजीत नक्षत्र कहा जाता है। यह नक्षत्र सामान्य नक्षत्रों की सूची में नहीं आता, फिर भी इसका महत्व अत्यंत शुभ और विशेष माना गया है।

अभिजीत’ का अर्थ होता है ‘सदा विजय प्राप्त करने वाला, जिसे कोई हरा न सके’। यह नक्षत्र शुभता व सफलता का प्रतीक है। इसे भगवान विष्णु का स्वरूप माना गया है और यह ऐसा समय है जब बिना किसी विशेष मुहूर्त के भी कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। इसी कारण से इसे ‘अभिजीत मुहूर्त’ कहा जाता है।

हर दिन अपराह्न काल (दोपहर) के आसपास कुछ समय ऐसा आता है जिसे अभिजीत मुहूर्त कहते हैं और यह समय सभी कार्यों के लिए सबसे शुभ माना गया है।

अभिजीत नक्षत्र का स्थान एवं ज्योतिषीय महत्व

ज्योतिष के अनुसार, अभिजीत नक्षत्र की शुरुआत उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के अंतिम 10 अंशों से होती है और यह श्रवण नक्षत्र के पहले चरण के प्रारंभिक 3 अंश 20 कला तक फैला होता है। इसका कुल विस्तार लगभग 13 अंश 20 कला माना जाता है।

यह नक्षत्र मकर राशि के अंतर्गत आता है और काल पुरुष की कुंडली में इसे दसवें भाव से जोड़ा जाता है, जो कर्म, समाज में प्रतिष्ठा और नेतृत्व का प्रतीक है। इस नक्षत्र का संबंध धर्म, न्याय, विवेक और सत्य के मार्ग से होता है।

अभिजीत नक्षत्र पंचांग में भले ही मुख्य 27 नक्षत्रों में नहीं गिना जाता, परंतु जब कोई शुभ मुहूर्त नहीं मिल रहा हो तब अभिजीत काल को देखकर कार्य करना बेहद शुभ माना जाता है।

अभिजीत नक्षत्र का स्वामी ग्रह कौन सा है?

ज्यादातर नक्षत्रों का कोई न कोई स्वामी ग्रह होता है, जैसे चंद्रमा, मंगल, शनि आदि। लेकिन अभिजीत नक्षत्र का कोई भौतिक ग्रह स्वामी नहीं होता। इस नक्षत्र का आध्यात्मिक स्वामी भगवान विष्णु को माना जाता है।

इस नक्षत्र का स्थान मकर राशि में होने के कारण शनि ग्रह का प्रभाव भी इस पर कुछ हद तक देखा जाता है। परंतु इसकी प्रधानता भगवान विष्णु की मानी जाती है, इसलिए अभिजीत नक्षत्र में विष्णु मंत्रों का जाप अत्यंत शुभ माना जाता है।

अभिजीत नक्षत्र में जन्मे जातकों का स्वभाव और विशेषताएं

इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग विशेष गुणों से युक्त होते हैं। इनका स्वभाव शांत, सौम्य और विनम्र होता है। ये लोग सत्य के मार्ग पर चलने वाले, धर्म में आस्था रखने वाले और दूसरों की सहायता के लिए सदैव तैयार रहने वाले होते हैं।

अभिजीत नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति आत्मविश्वासी होते हैं और किसी भी परिस्थिति में धैर्य नहीं खोते। इनके अंदर नेतृत्व करने की क्षमता होती है, और ये समाज के लिए कुछ सकारात्मक करने की इच्छा रखते हैं।

इनका जीवन उद्देश्यपूर्ण होता है, और ये अक्सर नीति, न्याय, धर्म या शिक्षा के क्षेत्र में दूसरों का मार्गदर्शन करते हैं। इनकी वाणी में मधुरता और सोच में स्पष्टता होती है।

अभिजीत नक्षत्र में जन्मे लोगों का करियर और व्यवसाय

  • अभिजीत नक्षत्र के जातक मेहनती और कर्मशील होते हैं। ये जिस भी क्षेत्र में जाते हैं, वहाँ अनुशासन और समर्पण से काम करते हैं। इनका मन स्थिर होता है और ये निर्णय लेने में कुशल होते हैं।

  • ये लोग प्रशासन, नीति निर्माण, शिक्षा, न्याय, और धार्मिक या सामाजिक सेवा जैसे क्षेत्रों में विशेष सफलता प्राप्त करते हैं। इन्हें नेतृत्व करने की प्राकृतिक क्षमता प्राप्त होती है, जिससे ये दूसरों को भी प्रेरित करते हैं।

  • इनके लिए सरकारी सेवा, अध्यापन, धर्म प्रचार, काउंसलिंग, और परामर्श जैसे व्यवसाय विशेष रूप से अनुकूल रहते हैं।

विवाह जीवन 

वैवाहिक जीवन की बात करें तो अभिजीत नक्षत्र के जातक अपने जीवनसाथी के प्रति निष्ठावान और ज़िम्मेदार होते हैं। ये पारिवारिक मूल्यों को समझते हैं और अपने कर्तव्यों का पालन पूरी श्रद्धा से करते हैं।

हालांकि इनका स्वभाव कभी-कभी अधिक अनुशासित और गंभीर हो सकता है, जिससे जीवनसाथी को भावनात्मक जुड़ाव में थोड़ी कमी महसूस हो सकती है। लेकिन अगर बातचीत और समझ बनी रहे तो यह विवाह संबंध मजबूत और आदर्श होता है।

यदि जीवनसाथी भी आध्यात्मिक या संयमी स्वभाव का हो तो दांपत्य जीवन अत्यंत संतुलित और शांतिपूर्ण होता है।

अभिजीत नक्षत्र के लिए उपाय व शुभ मंत्र 

इस नक्षत्र की सकारात्मक ऊर्जा को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए कुछ उपाय और मंत्रों का नियमित रूप से पालन करना लाभकारी होता है।

उपाय 

  • हर गुरुवार भगवान विष्णु की पूजा करें और उन्हें पीले फूल अर्पित करें।

  • विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें, विशेषकर बुधवार और गुरुवार को।

  • तुलसी के पौधे की सेवा करें और प्रतिदिन जल अर्पित करें।

  • शनिवार को काले तिल, काला कपड़ा या लोहा दान करें जिससे शनि का प्रभाव संतुलित रहे।

  • प्रातःकाल सूर्य को तांबे के लोटे से जल अर्पित करें और सूर्य मंत्र का जाप करें।

शुभ मंत्र 

  • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

  • ॐ विष्णवे नमः

इन मंत्रों का प्रतिदिन 108 बार जप करने से आत्मबल, मानसिक स्थिरता और शुभ फल की प्राप्ति होती है।

अभिजीत नक्षत्र में क्या करें, क्या न करें?

क्या करें

  • जब अन्य किसी मुहूर्त का अभाव हो, तब अभिजीत मुहूर्त में कार्य करना अत्यंत शुभ माना जाता है। विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यवसाय या किसी अन्य शुभ अनुष्ठान की शुरुआत के लिए यह समय विशेष फलदायी होता है।

  • अभिजीत नक्षत्र आत्मचिंतन और साधना के लिए श्रेष्ठ होता है। इस समय यदि आप भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप, ध्यान करें, तो मानसिक शांति और भगवान की कृपा प्राप्त होती है।

  • यदि आप किसी निर्णय को लेकर दुविधा में हैं, तो अभिजीत मुहूर्त में निर्णय लें। यह समय मन को स्थिर करता है, जिससे आपका निर्णय सही होने की संभावना बढ़ती है।

  • जरूरतमंदों की सहायता करना, वस्त्र या अन्न दान करना, गायों की सेवा करना, ये सब अभिजीत मुहूर्त में करने से पुण्य कई गुना बढ़ जाता है।

क्या न करें

  • यह समय पवित्र और दिव्य होता है, इसलिए किसी को अपशब्द कहना या अपमान करना नकारात्मक परिणाम ला सकता है।

  • अभिजीत नक्षत्र शांति और संतुलन का प्रतीक है। ऐसे में इस समय क्रोध या घमंड करने से शुभ फल नष्ट हो सकते हैं।

  • झूठ बोलना, धोखा देना, या कोई भी अधार्मिक काम करना इस समय वर्जित माना गया है। ऐसा करने से दुर्भाग्य बढ़ सकता है।

  • इस समय की सकारात्मक ऊर्जा को बर्बाद न करें। इसे आलस्य या नकारात्मक बातें करके न गवाएं।

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Published by Sri Mandir·June 20, 2025

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