पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र
image
downloadDownload
shareShare
ShareWhatsApp

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र

क्या करें और क्या न करें पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में? जानिए जन्म, विवाह, करियर और उपायों से जुड़ी जरूरी जानकारी!

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के बारे में

नक्षत्र व्यक्ति के जीवन और निर्णयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। क्या आप जानते हैं आपका जन्म नक्षत्र क्या है? अगर नहीं, तो आज के आर्टिकल में पढ़ें पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के बारे में पूरी जानकारी। इसमें इसके स्वभाव, शुभ और अशुभ प्रभाव, करियर, स्वास्थ्य और विवाह से जुड़ी बातें शामिल हैं। पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के गुण और दोष जानकर आप अपने जीवन के महत्वपूर्ण फैसलों को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं और सही दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र क्या है?

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र वैदिक ज्योतिष का 20वां नक्षत्र है। पूर्वाषाढ़ा का अर्थ होता है विजय से पहले या अजेय, यानी जिसे हराया नहीं जा सकता। यह नक्षत्र दो तारों से मिलकर बना है और इसका चिन्ह हाथ का पंखा माना जाता है। पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र वाले लोग दृढ़ निश्चयी, आत्मविश्वासी और सच्चाई के लिए लड़ने वाले होते हैं। ये लोग कठिन परिस्थितियों में भी हार नहीं मानते।

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का ज्योतिषीय महत्व

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र को ज्योतिष में एक शक्तिशाली और प्रभावशाली नक्षत्र माना जाता है। इस नक्षत्र के तहत जन्म लेने वाले लोग अपने लक्ष्य को पाने के लिए पूरी मेहनत और लगन से काम करते हैं। इस नक्षत्र का संबंध विजय, सफलता और अजेयता से जोड़ा जाता है। पूर्वाषाढ़ा जातक जन्म से ही नेतृत्व की भावना से भरपूर होते हैं और अक्सर लोग उनसे प्रेरित होते हैं। इन लोगों की धार्मिक और दार्शनिक विषयों में भी रुचि होती है। हालांकि, कभी-कभी ये लोग जिद्दी, अहंकारी और स्वार्थी भी हो सकते हैं।

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी ग्रह कौन है?

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी ग्रह शुक्र है। यह नक्षत्र धनु राशि में आता है और इसका देवता जल देवी (अप्सरा) हैं। शुक्र ग्रह सुंदरता, प्रेम, कला और भौतिक सुखों का प्रतीक माना जाता है। इस नक्षत्र को अजेय सितारा भी कहा जाता है क्योंकि यह सफलता, साहस और आत्मविश्वास से जुड़ा हुआ है।

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जन्मे जातकों का स्वभाव और विशेषताएं

आत्मविश्वासी और निडर: इस नक्षत्र के जातक बहुत आत्मविश्वासी और निडर होते हैं। इन्हें कठिन परिस्थितियों में भी हार मानना पसंद नहीं होता।

मेहनती और उत्साही: ये लोग जो भी काम करते हैं, उसे पूरे मन और मेहनत से करते हैं। उनमें हर कार्य को रुचि और जोश के साथ करने की विशेषता होती है।

नेतृत्व क्षमता: इनमें नेतृत्व करने की अच्छी क्षमता होती है। ये दूसरों को प्रेरित करने और उनका मनोबल बढ़ाने में माहिर होते हैं।

तर्कशील और प्रभावशाली वक्ता: पूर्वाषाढ़ा जातक बहुत अच्छे तर्क-वितर्क करने वाले होते हैं। बहस या बातचीत में अपनी बातों से सामने वाले को प्रभावित करने की ताकत रखते हैं।

निर्णय में कमजोरी: ये आत्मविश्वासी होते हैं, लेकिन कई बार गलत फैसले ले लेते हैं या दूसरों के कहने में आकर नुकसान झेलते हैं।

जिद्दी और भावनात्मक : पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के पुरुष बुद्धिमान, सहज और साहसी होते हैं। वे दूसरों को जल्दी प्रभावित कर लेते हैं, लेकिन कभी-कभी जिद्दी और भावनात्मक भी हो सकते हैं।

महत्वाकांक्षी, ऊर्जावान और कर्मठ : महिलाएं महत्वाकांक्षी, ऊर्जावान और कर्मठ होती हैं। कार्यस्थल पर अच्छा प्रदर्शन करती हैं और स्पष्ट बोलने वाली होती हैं। कभी-कभी बिना सोचे बोल देती हैं जिससे दूसरों को ठेस पहुंच सकती है।

धैर्य और दीर्घकालिक सोच: ये लोग धैर्यवान होते हैं और लंबे इंतजार के बाद भी अपने लक्ष्य को पाने का साहस रखते

करियर और व्यवसाय

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जन्मे लोग बुद्धिमान, चतुर और मेहनती होते हैं। ये किसी भी क्षेत्र में सफलता पा सकते हैं, लेकिन खास तौर पर डॉक्टर, सर्जन, शिक्षक, लेखक या प्रशासनिक अधिकारी जैसे पेशे इनके लिए उपयुक्त होते हैं। ये जिस भी काम को चुनते हैं, उसमें पूरी निष्ठा से मेहनत करते हैं। पुरुष जातक अपने करियर की शुरुआत में कुछ अस्थिरता का सामना कर सकते हैं। वहीं, महिला जातक शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा करती हैं और प्रोफेसर या टीचर बनना इनके लिए फायदेमंद होता है। ये बैंकिंग और अन्य प्रतिस्पर्धी क्षेत्रों में भी सफल होती हैं। इनमें सीखने की गहरी रुचि होती है और ये कम उम्र से ही आत्म-ज्ञान और आध्यात्मिकता की ओर आकर्षित रहती हैं। पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के लोग मेहनती, लगनशील और आत्मविश्वासी होते हैं, जो अपने चुने हुए क्षेत्र में अच्छा नाम कमा सकते हैं।

विवाह जीवन

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र वाले लोग अपने वैवाहिक जीवन में सामंजस्य, प्रेम और स्थिरता बनाए रखते हैं, जिससे उनका जीवन सुखी और संतुलित रहता है। पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जन्मी महिलाओं का वैवाहिक जीवन आमतौर पर सुखद और मधुर होता है। ये अपने पति के साथ एक गहरा और समझदारी भरा रिश्ता बनाती हैं। समय के साथ-साथ उनका आपसी प्यार और विश्वास और भी मजबूत होता जाता है। पति का स्वभाव भी इनके लिए अनुकूल होता है। वो इन्हें समझने वाला, मिलनसार और सहयोगी होता है। हालांकि, बच्चों को लेकर कुछ मिश्रित अनुभव हो सकते हैं। इनके दांपत्य जीवन में छोटी-मोटी परेशानियां आ सकती हैं, लेकिन समझदारी और धैर्य से सब ठीक हो जाता है। 

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के लिए उपाय और शुभ मंत्र

इस नक्षत्र में जन्मे लोगों को जीवन में कई बार संघर्ष और अस्थिरता का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कुछ विशेष उपाय और मंत्र इनकी सहायता कर सकते हैं। पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जन्मे लोग अगर नियमित रूप से इन उपायों और मंत्रों का पालन करें, तो जीवन में स्थिरता, सफलता और सुख-शांति प्राप्त कर सकते हैं।

करियर में सफलता के लिए उपाय: यदि करियर में रुकावटें आ रही हों, तो मिट्टी के बर्तन में पानी भरकर किसी मंदिर में चढ़ाएं या किसी ब्राह्मण को दान करें। यह उपाय विशेष रूप से तब लाभकारी होता है जब पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र शुक्रवार को पड़ता है।

आर्थिक तंगी से छुटकारे के लिए: यदि आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं, तो महालक्ष्मी की पूजा करें और ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः मंत्र का 108 बार जाप करने से आर्थिक लाभ मिल सकता है।

जल देवता वरुण की कृपा पाने हेतु: पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का संबंध जल देवता वरुण से है, इसलिए जल से जुड़ी चीजों का दान करें और वरुण मंत्र ॐ वरुणाय नमः का जाप करें। यह मंत्र शांति, संतुलन और मानसिक स्पष्टता लाने में सहायक होता है। यदि पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र शुक्रवार को आता है, तो यह अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन पूजा, मंत्र जाप और दान करने से कई गुना फल प्राप्त होता है। हालांकि, किसी भी तरह के उपायों और मंत्रों को क्रियान्वित करने से पहले किसी जानकार और विशेषज्ञ पंडित से इसकी जानकारी जरूर लेनी चाहिए।

इस नक्षत्र में क्या करें और क्या न करें?

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति बुद्धिमान, साहसी और आत्मविश्वासी होते हैं। यह नक्षत्र शुक्र ग्रह और जल तत्व से जुड़ा होता है, इसलिए इसमें कुछ कार्य बहुत शुभ माने जाते हैं जबकि कुछ कार्यों से परहेज़ करना चाहिए। यदि सही दिशा में काम किया जाए तो यह नक्षत्र जीवन में सफलता दिला सकता है।

 क्या करें 

  1. नए संबंध बनाएं: विवाह, प्रेम या दोस्ती की शुरुआत के लिए यह समय शुभ माना जाता है।

  2. लंबी यात्रा करें: इस नक्षत्र में लंबी दूरी की यात्राएं शुभ और लाभदायक हो सकती हैं।

  3. व्यापार की शुरुआत या विस्तार: कोई नया व्यवसाय शुरू करना या पहले से चल रहे व्यापार का विस्तार करना अच्छा रहेगा।

  4. शैक्षणिक गतिविधियों की शुरुआत: पढ़ाई शुरू करना, कोई कोर्स जॉइन करना या परीक्षा की तैयारी इस समय से की जा सकती है।

  5. नई परियोजनाएं शुरू करें: नया प्रोजेक्ट या कार्य शुरू करने के लिए यह नक्षत्र उत्तम होता है।

क्या न करें 

  1. विवाद में न पड़ें: किसी भी प्रकार के झगड़े या बहस से दूर रहें।

  2. महत्वपूर्ण निर्णय टालें: कोई बड़ा फैसला जैसे नौकरी छोड़ना या निवेश से बचें।

  3. संपत्ति से जुड़े कार्य न करें: जमीन-जायदाद की खरीद-फरोख्त या उससे जुड़े कागजात पर साइन करने से बचें।

  4. धार्मिक कार्य न करें: धार्मिक अनुष्ठान, पूजा या व्रत आदि ना करें।

  5. जल्दबाज़ी में निर्णय न लें: इस नक्षत्र में भावनात्मक होकर कोई भी निर्णय न लें, वरना नुकसान हो सकता है। वहीं, सटीक सलाह और गहन जानकारी के लिए किसी योग्य ज्योतिषाचार्य या पंडित से मार्गदर्शन अवश्य लें, ताकि आपको सही दिशा मिल सके और आपके जीवन में सुख, शांति और शुभता बनी रहे।

divider
Published by Sri Mandir·June 19, 2025

Did you like this article?

srimandir-logo

श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

Address:
Firstprinciple AppsForBharat Private Limited 435, 1st Floor 17th Cross, 19th Main Rd, above Axis Bank, Sector 4, HSR Layout, Bengaluru, Karnataka 560102
Play StoreApp Store

हमे फॉलो करें

facebookinstagramtwitterwhatsapp

© 2025 SriMandir, Inc. All rights reserved.