प्रयागराज में घूमने की जगह जानना चाहते हैं? जानिए संगम तट, बड़े हनुमान मंदिर, अक्षयवट और अन्य पावन स्थलों के बारे में, जो इस शहर को खास बनाते हैं।
प्रयागराज एक प्रमुख धार्मिक नगर है, जहाँ संगम, अक्षयवट, हनुमान मंदिर, अलोपी देवी मंदिर और भारद्वाज आश्रम जैसे तीर्थ स्थल हैं। कुंभ मेले का आयोजन इसे विशेष बनाता है। यहाँ आकर आध्यात्मिक शांति की अनुभूति होती है। आइये जानते हैं ऐसे ही कुछ स्थलों के बारे में...
प्रयागराज, जिसे पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था, भारत के सबसे पवित्र शहरों में से एक है। यह त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का मिलन स्थल) के लिए प्रसिद्ध है और हर साल लाखों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है। इस शहर में कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल हैं, जिनमें मंदिरों का विशेष महत्व है। यदि आप प्रयागराज की यात्रा कर रहे हैं, तो यहां के प्रमुख मंदिरों को देखना न भूलें। इस आर्टिकल में हम प्रयागराज के 6 सबसे प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानेंगे, जो न सिर्फ आस्था का केंद्र हैं बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का स्थान हैं।
मुख्य तथ्य
विस्तार से जानिए: अक्षयवट मंदिर प्रयागराज के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। यह प्राचीन वट वृक्ष (बरगद का पेड़) प्रयागराज किले के अंदर स्थित है और हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इस वृक्ष की जड़ें पाताल लोक तक जाती हैं और यह कभी नष्ट नहीं होता। यहां आने वाले भक्त इस वृक्ष की पूजा करते हैं और इसके नीचे बैठकर मंत्र जाप करते हैं।
मुख्य तथ्य
विस्तार से जानिए: लेटे हनुमान जी का मंदिर प्रयागराज का एक अनोखा मंदिर है, जहां भगवान हनुमान की प्रतिमा लेटी हुई मुद्रा में विराजमान है। यह मंदिर संगम के निकट स्थित है और यहां आने वाले भक्तों का मानना है कि इस मंदिर में मन्नत मांगने से हनुमान जी उनकी इच्छा पूरी करते हैं। मंदिर का शांत वातावरण और आध्यात्मिक ऊर्जा इसे एक विशेष स्थान बनाती है।
मुख्य तथ्य
विस्तार से जानिए: मनकामेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और प्रयागराज के प्रमुख शिव मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का नाम "मनकामेश्वर" इसलिए पड़ा क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है। मंदिर की वास्तुकला साधारण लेकिन आकर्षक है और यहां शिवरात्रि के अवसर पर विशाल मेले का आयोजन होता है।
मुख्य तथ्य
विस्तार से जानिए: अलोपी देवी मंदिर एक रहस्यमयी मंदिर है, जहां देवी की कोई मूर्ति नहीं है, बल्कि एक पालकी (डोली) की पूजा की जाती है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह वह स्थान है जहां देवी सती का अंतिम अंग गिरा था। इस मंदिर में आने वाले भक्तों का विश्वास है कि यहां मां दुर्गा की कृपा से सभी संकट दूर हो जाते हैं।
मुख्य तथ्य
विस्तार से जानिए: नाग वासुकी मंदिर प्रयागराज का एक प्रसिद्ध मंदिर है, जो नाग देवता वासुकी को समर्पित है। यहां आने वाले भक्तों का मानना है कि इस मंदिर में पूजा करने से नाग दोष से मुक्ति मिलती है और सर्प भय दूर होता है। मंदिर में एक विशाल नाग की मूर्ति स्थापित है, जिसके दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।
मुख्य तथ्य
विस्तार से जानिए: शंकर विमान मंडपम प्रयागराज का एक अनूठा मंदिर है, जिसे दक्षिण भारतीय शैली में बनाया गया है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसका निर्माण तमिलनाडु के कांची मठ द्वारा करवाया गया था। मंदिर की वास्तुकला और शांत वातावरण इसे एक खास स्थान बनाते हैं। यहां आकर भक्त दक्षिण भारतीय रीति-रिवाजों से भगवान शिव की आराधना करते हैं।
प्रयागराज में घूमने के लिए कई धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल हैं, लेकिन यहां के मंदिरों का अपना ही एक अलग महत्व है। चाहे वह अक्षयवट हो, लेटे हनुमान जी का मंदिर हो या फिर मनकामेश्वर मंदिर, हर जगह की एक अलग कहानी और आस्था है। अगर आप प्रयागराज जा रहे हैं, तो इन मंदिरों के दर्शन जरूर करें और इस पवित्र शहर की अध्यात्मिक उर्जा को महसूस करें।
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