क्या आप चाहते हैं भगवान मुरुगन की कृपा से जीवन में साहस और विजय प्राप्त हो? जानिए उन्हें चढ़ाई जाने वाली प्रमुख चीजें और पूजा की सही विधि।
भगवान मुरुगन की पूजा में खास सामग्री चढ़ाने का बड़ा महत्व है। सही सामग्री और विधि से पूजा करने पर भगवान मुरुगन जल्दी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को साहस, शक्ति और सफलता का आशीर्वाद देते हैं। इस आर्टिकल में जानिए कौन-कौन सी चीजें चढ़ानी चाहिए?
भगवान कार्तिकेय, जिन्हें स्कंद, मुरुगन, कुमारस्वामी और सुब्रमण्यम जैसे नामों से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म के एक प्रमुख देवता हैं। वे भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र तथा भगवान गणेश के बड़े भाई हैं। उन्हें युद्ध, बुद्धि, साहस और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। विशेष रूप से दक्षिण भारत में भगवान कार्तिकेय को अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा जाता है, जहाँ उन्हें रक्षक देवता के रूप में भी मान्यता प्राप्त है।
ये सभी विशेषताएं उन्हें एक शक्तिशाली, तेजस्वी और प्रेरणादायक देवता के रूप में प्रतिष्ठित करती हैं।
तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में भगवान मुरुगन (कार्तिकेय) की पूजा अत्यंत व्यापक रूप से होती है। तमिल संस्कृति में उन्हें "तमिल कदवुल" (तमिल देवता) भी कहा जाता है। पालानी, तिरुचेंदूर, स्वामीमलई जैसे स्थान उनके प्रमुख तीर्थस्थलों में गिने जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि भगवान कार्तिकेय की पूजा श्रद्धा और विधि-विधान से की जाए, तो व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। उनकी कृपा से रोग, शत्रुओं की बाधा, मानसिक तनाव और दरिद्रता से मुक्ति मिलती है। साथ ही, आत्मबल, बुद्धिबल और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
**ॐ तत्पुरुषाय विधमहे महा सैन्याय धीमहि तन्नो स्कंदः प्रचोदयात।**
अर्थ: इस मंत्र का जाप शत्रु बाधाओं से रक्षा करता है और साहस बढ़ाता है।
**ॐ श्री स्कन्दाय नमः**
अर्थ: यह मंत्र जीवन में सफलता और मनोकामना पूर्ति के लिए उपयोगी है।
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