भगवान शिव पर क्या चढ़ाना चाहिए?
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भगवान शिव पर क्या चढ़ाना चाहिए?

क्या आप जानते हैं भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए क्या-क्या चढ़ाना चाहिए? जानिए शिव पूजा में चढ़ाई जाने वाली चीजों का महत्व और उन्हें चढ़ाने का सही तरीका।

जानें भगवान शिव पर चढ़ने वाली सामग्री के बारे में

देवों के देव महादेव को सबसे जल्दी प्रसन्न होने वला देवता माना गया है, लेकिन कुछ विशेष पूजन सामग्री ऐसी भी हैं, जिन्हें अर्पित कने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। यदि आप भी जानना चाहते हैं कि शिवलिंग पर क्या और कौन सी वस्तुएं चढ़ाने से भोलेनाथ की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है, तो इस लेख को अंत तक पढ़ें और जानें सब कुछ।

क्या चढ़ाएं भगवान शिव पर ताकि हर मनोकामना हो पूरी?

भोलेनाथ भक्तों की थोड़ी-सी भक्ति और सच्चे मन से की गई पूजा से ही प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए उन्हें भोलेनाथ और आशुतोष के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि उन्हें एक लौटा जल और बेलपत्र चढ़ा दें वे उसमें ही खुश हो जातें, परंतु भगवान शिव की पूजा में विशेष रूप से कुछ सामग्री अर्पित की जाती हैं, जिनसे उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। तो आइए जानते हैं भोलेनाथ की कुछ प्रिय सामग्री के बारे में जो उनकी पूजा में सबसे ज्यादा प्रभावशाली मानी जाती हैं और उनको अत्यधिक प्रसन्न भी करती हैं।

भगवान शिव पर क्या चढ़ाएं? सामग्री की पूरी लिस्ट देखें

शिव की शीतलता का प्रतीक जलः भगवान शिव की पूजा में जल का अत्यधिक महत्व है। जल शिवजी के शीतलता का प्रतीक है, जो समुद्र मंथन से जुड़ा हुआ है। जब भगवान शिव ने विष को पिया था, तब देवी-देवताओं ने उनके कंठ को शीतल रखने के लिए जल अर्पित किया। इसीलिए जल चढ़ाना शिव पूजा में आवश्यक माना जाता है। जल शिव के प्रेम और आशीर्वाद को प्राप्त करने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका है।

बिल्वपत्र से मिलता है विशेष फलः बिल्वपत्र को पूजा में अर्पित करने से भक्तों को एक विशेष पुण्य मिलता है। जानकारी के अनुसार, जो व्यक्ति एक बिल्वपत्र चढ़ाता है, उसे एक करोड़ कन्याओं के कन्यादान के बराबर फल प्राप्त होता है। इसलिए इसे शिव पूजा में विशेष स्थान प्राप्त है।

आंकड़े के फूलः आंकड़ा फूल शिवजी को अत्यंत प्रिय है। शास्त्रों के अनुसार, एक आंकड़े के फूल का अर्पण सोने के दान के बराबर फल देता है। इसलिए पूजा के दौरान आंकड़ा चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है।

विष को नष्ट करने वाला धतूराः धतूरा भोलेनाथ को बहुत प्रिय है। जानकारी अनुसार, जब भगवान शिव ने समुद्र मंथन के दौरान विष ग्रहण किया था, तब भांग, धतूरा और बेल जैसी औषधियों ने उनके शारीरिक कष्टों को दूर किया था। यही कारण है कि पार्वती पति भोलेनाथ को धतूरा अति प्रिय है और इसे शिवलिंग पर चढ़ाने से विशेष लाभ मिलता है।

शिव को भाता भांगः भगवान शिव को भांग बहुत पसंद है। शास्त्रों के अनुसाक, भांग का सेवन भगवान शिव ने अपनी पारलौकिक शक्ति को बढ़ाने के लिए किया था। क्योंकि वे संसार की बुराइयों और नकारात्मकताओं को अपने अंदर समाहित कर लेते हैं।

वातावरण को शुद्ध करता कर्पूरः कर्पूरगौरं करूणावतारं इस मंत्र का अर्थ है कर्पूर के समान उज्जवल और करुणा के सागर भगवान शिव। कर्पूर की महक से वातावरण शुद्ध और पवित्र होता है। यही कारण है कि यह भगवान शिव को बहुत प्रिय है। शिव पूजा में कर्पूर का उपयोग वातावरण को शुद्ध करने के लिए किया जाता है।

शुभता का प्रतीक दूधः शिवजी को दूध अर्पित करना विशेष रूप से श्रावण मास में अत्यंत शुभ माना जाता है। दूध की सफेदी और शुद्धता शिव के गुणों का प्रतीक है और इसे चढ़ाने से भक्तों को पुण्य की प्राप्ति होती है।

पूजा की अनिवार्य सामग्री अक्षत : चावल को अक्षत कहा जाता है, जिसका अर्थ है जो टूटे नहीं। यह सफेद रंग का होता है और इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। शिव पूजा में अक्षत का उपयोग अनिवार्य है। यदि किसी पूजा में कोई आवश्यक सामग्री अनुपलब्ध हो, तो उसके स्थान पर चावल चढ़ाए जाते हैं।

त्रिपुंड का प्रतीक चंदन: चंदन का उपयोग भगवान शिव के त्रिपुंड का प्रतीक है। चंदन की शीतलता और उसकी महक वातावरण को शुद्ध करती है। यही कारण है कि इसे शिव पूजा में चढ़ाना बहुत लाभकारी होता है। चंदन चढ़ाने से न केवल मान और सम्मान में वृद्धि होती है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन को सुखमय बनाता है।

तन पर लगाते भस्म: भगवान शिव भस्म (राख) का उपयोग अपने शरीर पर करते हैं, जो मृत शरीर की राख से प्राप्त होती है। इसको पवित्रता और मुक्ति का प्रतीक माना जाता है। इसे भगवान शिव अपने तन पर लगाते हैं, जो इस बात का संकेत है कि उन्होंने जीवन और मृत्यु के पार जाकर सभी प्रकार के दुखों और परेशानियों को समाप्त किया है।

आशीर्वाद प्राप्त करने का सर्वोत्तम साधन रुद्राक्ष: रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के नेत्रों से हुई थी, जब वे एक हजार वर्षों तक समाधि में लीन थे। रुद्राक्ष को शिवजी का आशीर्वाद प्राप्त करने का सर्वोत्तम साधन माना जाता है। रुद्राक्ष के वृक्ष से प्राप्त फल ही रुद्राक्ष माने जाते हैं, जो शिव भक्तों के लिए एक अमूल्य उपहार होते हैं। यह भक्तों की सुरक्षा और कल्याण के लिए विशेष रूप से प्रभावी है।

भगवान शिव की पूजा में अर्पित की जाने वाली इन सामग्रियों का अपना विशेष महत्व है। ये न केवल भक्ति का साधन हैं, बल्कि हर एक सामग्री में एक गहरा आध्यात्मिक संदेश भी छिपा हुआ है। यदि आप इन सामग्री को सही विधि से अर्पित करते हैं, तो भगवान शिव का न केवल आशीर्वाद होता है बल्कि जीवन सुखी और समृद्ध बनता है।

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Published by Sri Mandir·July 16, 2025

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