जीवन में उद्देश्य एवं स्थिरता प्राप्ति के लिए गुरु पूर्णिमा ज्योतिर्लिंग विशेष 1008 दक्षिणामूर्ति मूल मंत्र जाप एवं हवन व ओंकारेश्वर रुद्राभिषेक
जीवन में उद्देश्य एवं स्थिरता प्राप्ति के लिए गुरु पूर्णिमा ज्योतिर्लिंग विशेष 1008 दक्षिणामूर्ति मूल मंत्र जाप एवं हवन व ओंकारेश्वर रुद्राभिषेक
जीवन में उद्देश्य एवं स्थिरता प्राप्ति के लिए गुरु पूर्णिमा ज्योतिर्लिंग विशेष 1008 दक्षिणामूर्ति मूल मंत्र जाप एवं हवन व ओंकारेश्वर रुद्राभिषेक
जीवन में उद्देश्य एवं स्थिरता प्राप्ति के लिए गुरु पूर्णिमा ज्योतिर्लिंग विशेष 1008 दक्षिणामूर्ति मूल मंत्र जाप एवं हवन व ओंकारेश्वर रुद्राभिषेक
जीवन में उद्देश्य एवं स्थिरता प्राप्ति के लिए गुरु पूर्णिमा ज्योतिर्लिंग विशेष 1008 दक्षिणामूर्ति मूल मंत्र जाप एवं हवन व ओंकारेश्वर रुद्राभिषेक
जीवन में उद्देश्य एवं स्थिरता प्राप्ति के लिए गुरु पूर्णिमा ज्योतिर्लिंग विशेष 1008 दक्षिणामूर्ति मूल मंत्र जाप एवं हवन व ओंकारेश्वर रुद्राभिषेक
जीवन में उद्देश्य एवं स्थिरता प्राप्ति के लिए गुरु पूर्णिमा ज्योतिर्लिंग विशेष 1008 दक्षिणामूर्ति मूल मंत्र जाप एवं हवन व ओंकारेश्वर रुद्राभिषेक
पूर्णिमा काशी विशेष

1008 दक्षिणामूर्ति मूल मंत्र जाप एवं हवन व ओंकारेश्वर रुद्राभिषेक

जीवन में उद्देश्य एवं स्थिरता प्राप्ति के लिए
temple venue
श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर , खंडवा, मध्य प्रदेश
pooja date
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

जीवन में उद्देश्य एवं स्थिरता प्राप्ति के लिए गुरु पूर्णिमा ज्योतिर्लिंग विशेष 1008 दक्षिणामूर्ति मूल मंत्र जाप एवं हवन व ओंकारेश्वर रुद्राभिषेक

गुरु पूर्णिमा का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्त्व रखता है, क्योंकि इस दिन गुरु की पूजा की जाती है और उनके प्रति श्रद्धा प्रकट की जाती है। इसलिए इस दिन भगवान शिव के गुरु स्वरुप जिन्हें दक्षिणामूर्ति के नाम से जाना जाता है, उनकी पूजा का विधान है। दक्षिणामूर्ति अर्थात् दक्षिण की ओर मुख किये हुए भगवान शिव जो गुरु के रूप में पूजित हैं। इस दिन दक्षिणामूर्ति मंत्र का जाप और हवन करने से व्यक्ति को ज्ञान, बुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है। वहीं हिंदू धर्म में 12 ज्योतिर्लिंगों का भी विशेष महत्व है, जिनमें ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग है, मान्यता है कि इनके दर्शन मात्र से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में उद्देश्य एवं स्थिरता की प्राप्ति होती है।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में दक्षिणामूर्ति की पूजा करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलते हैं। भगवान दक्षिणामूर्ति के रूप में शिवजी को ज्ञान और शिक्षा का दाता माना जाता है। उनकी पूजा से विद्यार्थी, शिक्षक, और ज्ञान के साधक सभी को अपनी शिक्षा और अध्ययन में उत्कृष्टता प्राप्त होती है। वहीं ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में रुद्राभिषेक का भी अत्यधिक महत्व है। रुद्राभिषेक भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे सरल माध्यम है। ओंकारेश्वर में रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि, और आरोग्य का वास होता है। गुरु पूर्णिमा के दिन 1008 दक्षिणामूर्ति मूल मंत्र जाप एवं हवन व ओंकारेश्वर रुद्राभिषेक करने से गुरु तत्व की शक्ति का आशीर्वाद मिलता है, जो जीवन में अज्ञानता और अंधकार को दूर कर ज्ञान और प्रकाश की ओर अग्रसर करता है। जो भक्तों को उद्देश्यों की प्राप्ति में मददगार होता है और जीवन में स्थिरता लाता है। इसलिए गुरु पूर्णिमा के दिन ज्योतिर्लिंग में होने वाली इस विशेष पूजा में श्री मंदिर के माध्यम से भाग लें।

पूजा लाभ

puja benefits
जीवन में उद्देश्य प्राप्ति के लिए
दक्षिणामूर्ति भगवान शिव का ज्ञान स्वरूप है, और उनके मूल मंत्र का जाप करने से साधक को ज्ञान, विवेक और आत्मबोध की प्राप्ति होती है। यह मंत्र जाप मानसिक शांति और जीवन के उद्देश्यों को स्पष्ट करने में सहायक होता है। ओंकारेश्वर रुद्राभिषेक, जो ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग पर किया जाता है, भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक शक्तिशाली उपाय है। इस अनुष्ठान के साथ हवन करने से व्यक्ति को आंतरिक शुद्धि, बाधाओं का निवारण और अपने जीवन के उद्देश्यों को प्राप्त करने में सहायता मिलती है।
puja benefits
स्थिरता प्राप्ति के लिए
दक्षिणामूर्ति भगवान शिव का ज्ञान और शिक्षा का प्रतीक रूप है। उनके मूल मंत्र का जाप व्यक्ति को मानसिक शांति, स्थिरता और आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है। वहीं, ओंकारेश्वर रुद्राभिषेक से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन की सभी बाधाओं को दूर कर स्थिरता और समृद्धि लाती है। गुरु पूर्णिमा के दिन इस अनुष्ठान से साधक को आध्यात्मिक उन्नति, आत्म-साक्षात्कार और जीवन में संतुलन मिलता है, जिससे जीवन खुशहाल और सफल रहता है।
puja benefits
बुद्धि और ज्ञान प्राप्त करने के लिए
दक्षिणामूर्ति आदियोगी का एक दक्षिणमुखी रूप है जिसे आदि गुरु या पहला गुरु माना जाता है। भगवान शिव के इस रूप की पूजा करने से न केवल आध्यात्मिकता की प्राप्ति होती है, बल्कि ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति भी होती है। यही कारण है कि इन्हें बुद्धि, विवेक व ज्ञान की अभिवृद्धि करने वाले जगद्गुरु माना गया है। वहीं ओंकारेश्वर रुद्राभिषेक में, भगवान शिव का रुद्र रूप में अभिषेक किया जाता है, जिससे साधक को शुद्धि, शांति और ज्ञान की प्राप्ति होती है। यह अनुष्ठान व्यक्ति के जीवन में संतुलन, समृद्धि, और आध्यात्मिक उन्नति लाता है।

पूजा प्रक्रिया

Number-0

पूजा चयन करें

नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
Number-1

अर्पण जोड़ें

गौ सेवा, दीप दान, वस्त्र दान एवं अन्न दान जैसे अन्य सेवाओं के साथ अपने पूजा अनुभव को बेहतर बनाएं।
Number-2

संकल्प विवरण दर्ज करें

संकल्प के लिए अपना नाम एवं गोत्र भरें।
Number-3

पूजा के दिन अपडेट पाएं

हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा का लाइव अपडेट्स प्राप्त करें।
Number-4

पूजा वीडियो एवं प्रसाद

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें।

श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर , खंडवा, मध्य प्रदेश

श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर , खंडवा, मध्य प्रदेश
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से चौथा ज्योतिर्लिंग है श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, इन्हें स्वयंभू लिंग माना जाता है। यह मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के बीच मन्धाता या शिवपुरी नाम के द्वीप पर स्थित है। यहां ज्योतिर्लिंग दो स्वरूप में मौजूद है। जिनमें से एक को ममलेश्वर के नाम से और दूसरे को ओंकारेश्वर नाम से जाना जाता है। ममलेश्वर नर्मदा के दक्षिण तट पर ओंकारेश्वर से थोड़ी दूर स्थित है। अलग होते हुए भी इनकी गणना एक ही की जाती है। ओमकार का उच्चारण सर्वप्रथम स्रष्टिकर्ता ब्रह्मा के मुख से हुआ था। वेद पाठ का प्रारंभ भी ॐ के बिना नहीं होता है। मान्यता है कि मां नर्मदा भी यहां स्वयं ॐ के आकार में बहती हैं। शास्त्रों के अनुसार ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है। पुराणों में स्कन्द पुराण, शिवपुराण व वायुपुराण में ओम्कारेश्वर क्षेत्र की महिमा का उल्लेख है।

पौराणिक कथा के अनुसार भोलेनाथ तीनों लोकों के भ्रमण के बाद यहां रात्रि में शयन के लिए आते हैं। कहते हैं पृथ्वी पर ये एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां शिव-पार्वती रोज चौसर पांसे खेलते हैं। रात्रि में शयन आरती के बाद यहां प्रतिदिन चौपड़ बिछाए जाते हैं और गर्भग्रह बंद कर दिया जाता है। आश्चर्य की बात है कि जिस मंदिर के भीतर रात के समय परिंदा भी पर नहीं मार पाता है वहां हर दिन चौपड़ बिखरे पाए जाते हैं। यह तथ्य इस मंदिर के धार्मिक महत्व को और बढा देता है यही कारण है कि सभी तीर्थों के दर्शन पश्चात ओंकारेश्वर के दर्शन व पूजन विशेष महत्व है। तीर्थ यात्री सभी तीर्थों का जल लाकर ओमकारेश्वर में अर्पित करते हैं, तभी सारे तीर्थ पूर्ण माने जाते हैं अन्यथा वे अधूरे ही माने जाते हैं।

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
महाशिवरात्रि 4 प्रहर अभिषेक
8 March 2023
दिव्य महाकाली मध्यरात्रि तांत्रोक्त यज्ञ
7 May 2023
शनि शांति यज्ञ और तिल तेल अभिषेक
4 May 2023

कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

क्या कहते हैं श्रद्धालु?
User review
User Image

जय राज यादव

दिल्ली
User review
User Image

रमेश चंद्र भट्ट

नागपुर
User review
User Image

अपर्णा मॉल

पुरी
User review
User Image

शिवराज डोभी

आगरा
User review
User Image

मुकुल राज

लखनऊ

भक्तों का अनुभव

जिन भक्तों ने हमारे साथ पूजा बुक की उनका अनुभव जाने
Rakesh Saini

Rakesh Saini

25 November, 2024

starstarstarstarstar

very good


BRAJESH KHANDELWAL

BRAJESH KHANDELWAL

25 November, 2024

starstarstarstarstar

good experience


आराधना पंढरीनाथ मोरे

आराधना पंढरीनाथ मोरे

25 November, 2024

starstarstarstarstar

आप श्री मंदिर का और सभी ब्राह्मण देवतावो का धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏🙏

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों