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लाभ पञ्चमी 2025

लाभ पंचमी 2025 कब है? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि, माँ लक्ष्मी की कृपा से पाएं समृद्धि और सफलता!

लाभ पञ्चमी के बारे में

लाभ पञ्चमी गुजरात के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पञ्चमी तिथि को मनाया जाता है। इसे लाखेनी पञ्चमी, ज्ञान पञ्चमी और सौभाग्य पञ्चमी भी कहते हैं।

लाभ पञ्चमी कब है?

  • लाभ पञ्चमी 26 अक्टूबर 2025, रविवार को है।
  • प्रातःकाल लाभ पञ्चमी पूजा मुहूर्त - 06:02 ए एम से 09:48 ए एम
  • अवधि - 03 घण्टे 46 मिनट्स
  • पञ्चमी तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर 26, 2025 को 03:48 ए एम बजे
  • पञ्चमी तिथि समाप्त - अक्टूबर 27, 2025 को 06:04 ए एम बजे

इस दिन के अन्य शुभ मुहूर्त

मुहूर्त

समय

ब्रह्म मुहूर्त

04:21 ए एम से 05:11 ए एम

प्रातः सन्ध्या

04:46 ए एम से 06:02 ए एम

अभिजित मुहूर्त

11:19 ए एम से 12:04 पी एम

विजय मुहूर्त

01:35 पी एम से 02:20 पी एम

गोधूलि मुहूर्त

05:21 पी एम से 05:47 पी एम

सायाह्न सन्ध्या

05:21 पी एम से 06:37 पी एम

सर्वार्थ सिद्धि योग

10:46 ए एम से 06:03 ए एम, अक्टूबर 27

निशिता मुहूर्त

11:17 पी एम से 12:07 ए एम, अक्टूबर 27

क्या है लाभ पंचमी?

लाभ पञ्चमी गुजरात और अन्य पश्चिमी भारतीय राज्यों के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पञ्चमी तिथि को मनाया जाता है। इसे लाखेनी पञ्चमी, ज्ञान पञ्चमी और सौभाग्य पञ्चमी भी कहा जाता है। लाभ पञ्चमी मुख्य रूप से व्यापारियों और परिवारों के लिए शुभ कार्यों की शुरुआत का दिन माना जाता है।

लाभ पञ्चमी क्यों मनाते हैं?

  • लाभ पञ्चमी का दिन गुजराती नव वर्ष में कामकाज की शुरुआत और व्यापार में वृद्धि के लिए विशेष रूप से मनाया जाता है।
  • व्यापारियों के लिए: कार्यालय या दुकानों के सामने स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर गणेश-लक्ष्मी पूजा करना शुभ माना जाता है।
  • परिवारों के लिए: घर में लक्ष्मी-गणेश, और विवाहितों के लिए पार्वती-शिव की पूजा की जाती है।
  • शिक्षा व नई शुरुआत: इस दिन शिक्षा, व्यापार या किसी नए कार्य का शुभारंभ किया जा सकता है।

लाभ पञ्चमी का महत्व

लाभ पञ्चमी का दिन गुजराती नव वर्ष में कामकाज का पहला दिन माना जाता है। इस दिन दिवाली के उत्सव का समापन होता है और लोग पुनः काम पर जाने लगते हैं।

व्यवसायी इस दिन अपने कार्यालयों या दुकानों के सामने स्वास्तिक का चिन्ह बनाते हैं और लक्ष्मी-गणेश की पूजा करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यवसाय में वृद्धि होती है।

लाभ पञ्चमी पर किसकी पूजा होती है?

लाभ पञ्चमी पर मुख्य रूप से भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और माता पार्वती की पूजा की जाती है।

  • गणेश जी: बाधाओं और विघ्नों को दूर करने के लिए।
  • माता लक्ष्मी: घर और व्यवसाय में धन-समृद्धि के लिए।
  • माता पार्वती और भगवान शिव: विवाहितों के लिए परिवार की सुख-समृद्धि और सौभाग्य के लिए।
  • व्यापारी वर्ग में इस दिन अपना व्यवसाय स्थल, दुकानों और कार्यालय में पूजा करके शुभारंभ किया जाता है।

लाभ पञ्चमी पूजा की सामग्री लिस्ट

  • स्वच्छ कपड़ा और चौकी/थाल
  • दीपक (घी का या तेल का)
  • मिट्टी का दीपक या मौली
  • धूप और अगरबत्ती
  • लाल या पीला वस्त्र (पूजा स्थल पर रखने के लिए)
  • फूल (सफेद, पीला या लाल)
  • पत्ते (अमरूद, तुलसी)
  • सिंदूर, हल्दी, कुमकुम
  • चावल और हल्दी-चूरा
  • मिठाई, फल और नैवेद्य (भोग)
  • पानी और गंगाजल
  • दीपावली व्रत के लिए लक्ष्मी यंत्र या चित्र
  • स्वास्तिक चिह्न बनाने के लिए रंग या हल्दी
  • पूजा के लिए कलम/नई किताब (व्यापारी वर्ग के लिए)

लाभ पञ्चमी की पूजा कैसे करें?

स्नान और स्वच्छता

  • प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थल को साफ करें।

पूजा स्थान तैयार करें

  • चौकी पर स्वच्छ कपड़ा बिछाएं। ऊपर गणेश जी, माता लक्ष्मी और माता पार्वती की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

स्वास्तिक और दीपक

  • चौकी या कार्यालय की चौखट पर स्वास्तिक चिन्ह बनाएं और दीपक जलाएँ।

फूल और नैवेद्य अर्पित करें

  • फूल, हल्दी, सिंदूर और नैवेद्य (मिठाई, फल) अर्पित करें।

मंत्र और जाप

  • गणेश जी के लिए: “ॐ गं गणपतये नमः”
  • माता लक्ष्मी के लिए: “ॐ महालक्ष्म्यै नमः”
  • माता पार्वती के लिए: “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सरस्वत्यै नमः”
  • इन मंत्रों का जाप 11, 21 या 108 बार करें।

आरती और दीप प्रज्वलन

  • सभी देवताओं की आरती करें और घर या कार्यालय के चारों कोनों में दीपक जलाएं।

दान और पुण्य कार्य

  • पूजा के बाद जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या पैसे दान करें। यह पुण्य के लिए विशेष शुभ माना जाता है।

लाभ पञ्चमी पूजा करने के लाभ

व्यवसाय और आर्थिक समृद्धि

  • इस दिन गणेश जी और माता लक्ष्मी की पूजा से व्यापार, नौकरी या व्यवसाय में लाभ और तरक्की होती है।

सौभाग्य और परिवारिक सुख

  • माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा से विवाहितों के परिवार में सुख, सौभाग्य और समृद्धि बनी रहती है।

बाधाओं और विघ्नों का नाश

  • गणेश पूजन से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं, कठिनाइयां और नकारात्मकताएं दूर होती हैं।

ज्ञान और बुद्धि की वृद्धि

  • माता सरस्वती का स्मरण और मंत्र जाप करने से ज्ञान, विवेक और निर्णय क्षमता में वृद्धि होती है।

पुण्य और धार्मिक लाभ

  • दान और पूजा से पुण्य की प्राप्ति होती है, और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।

लाभ पञ्चमी के दिन क्या करें

लाभ पञ्चमी के दिन प्रातः काल स्नान करके गणेश जी और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। शादी-शुदा लोगों को इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।

यदि आप व्यापार या शिक्षा के क्षेत्र में कुछ नया करना चाहते हैं तो यह दिन सबसे शुभ रहेगा। इस दिन दान करने और दीन-दुखियों की मदद करने का भी विशेष महत्व है।

तो यह थी लाभ पञ्चमी से जुड़ी विशेष जानकारी। ऐसे ही व्रत, पर्व और त्योहारों से की जानकारी के लिए आप जुड़े रहिए श्री मंदिर के साथ।

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Published by Sri Mandir·October 16, 2025

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