शंकर विमान मंडपम प्रयागराज
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शंकर विमान मंडपम प्रयागराज

जानिए शंकर विमान मंडपम प्रयागराज का इतिहास, दर्शन समय, वास्तुकला और कैसे पहुँचें।

शंकर विमान मंडपम के बारे में

शंकर विमान मंडपम प्रयागराज का एक भव्य मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर अपनी अनोखी दक्षिण भारतीय शैली की वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। मान्यता है कि यहाँ दर्शन और पूजा करने से भक्तों को जीवन में शांति, शक्ति और आध्यात्मिक उत्थान की प्राप्ति होती है।

शंकर विमान मंडपम, प्रयागराज

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर में स्थित शंकर विमान मंडपम एक भव्य तीन मंजिला मंदिर है, जो त्रिवेणी संगम के उत्तर में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे आदि शंकराचार्य की स्मृति में निर्मित किया गया था। प्रथम तल पर कामाक्षी देवी, द्वितीय तल पर भगवान विष्णु के बालाजी स्वरूप, तथा तृतीय तल पर योग सहस्त्र लिंग की एक ही पत्थर में बनी अद्भुत प्रतिमा स्थित है। एक ही पत्थर में एक हजार शिवलिंग और रुद्राक्षों से बना मंडप भी यहां दर्शनीय है। भक्त यहां पूजन-अर्चना कर अपनी मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना करते हैं।

शंकर विमान मंडपम, प्रयागराज का इतिहास

शंकर विमान मंडपम की नींव 1969 में रखी गई थी और यह मंदिर 17 मार्च 1986 को श्रद्धालुओं के लिए खोला गया। इस मंदिर के निर्माण में करीब 16 वर्ष लगे। मंदिर का निर्माण कांची कामकोटि पीठ के 69वें पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी जयेंद्र सरस्वती द्वारा अपनी गुरु की इच्छा पूर्ति के लिए कराया गया। मंदिर की देखरेख की जिम्मेदारी कांची कामकोटि मठ द्वारा की जाती है। मंदिर के ऊपरी दो तल से त्रिवेणी संगम का अद्भुत दृश्य दिखाई देता है, जिसे देखने के लिए श्रद्धालु विशेष रूप से आते हैं।

शंकर विमान मंडपम का महत्व एवं वास्तुकला

चार खंडों में विभाजित यह मंदिर 130 फीट ऊंचा है। यहां स्थित हैं

  • कुमारिल भट्ट

  • जगद्गुरु शंकराचार्य

  • कामाक्षी देवी (51 शक्तिपीठों में एक)

  • योग सहस्त्र लिंग (108 शिवलिंग सहित)

प्रत्येक तल पर प्रमुख मूर्तियों के कक्ष के बाहर काले पत्थर के द्वारपाल की मूर्तियां लगी हैं, जिन पर तमिल और हिंदी में "श्री द्वारपाल" लिखा है। दीवारों और छतों पर बनी रामायण और शिव कथाओं की मूर्तिकला मंदिर को विशेष बनाती है।

शंकर विमान मंडपम की वास्तुकला

यह मंदिर द्रविड़ शैली में बना है और इसकी बनावट पूरी तरह दक्षिण भारतीय वास्तुकला पर आधारित है। मंदिर का प्रवेश द्वार 16 विशाल खंभों पर आधारित है। इसका मुख्य गुंबद "विमान" कहलाता है, जो सीढ़ीनुमा पिरामिड के आकार में ऊपर की ओर ज्यामितीय रूप से उभरता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, इसलिए इसे "शंकर विमान मंडपम" कहा जाता है। मंदिर की चार मंजिला बनावट इसे प्रयागराज के अन्य मंदिरों से अलग बनाती है।

शंकर विमान मंडपम, प्रयागराज का समय

  • मंदिर खुलने का समय (सुबह): 06:00 AM - 01:00 PM

  • मंदिर खुलने का समय (शाम): 04:00 PM - 08:00 PM

शंकर विमान मंडपम, प्रयागराज का प्रसाद

श्रद्धालु भगवान शिव को फल, ड्राई फ्रूट्स, लड्डू, पेड़ा, भांग, धतूरा, बेलपत्र और दूध अर्पित करते हैं।

शंकर विमान मंडपम, प्रयागराज कैसे पहुँचे?

हवाई मार्ग

निकटतम हवाई अड्डा बमरौली हवाई अड्डा, प्रयागराज है, जो मंदिर से लगभग 17 किलोमीटर दूर स्थित है। एयरपोर्ट से मंदिर तक बस सेवा उपलब्ध है।

रेल मार्ग

निकटतम रेलवे स्टेशन प्रयागराज जंक्शन है, जो मंदिर से लगभग 8 किलोमीटर दूर है। यहां से मंदिर तक बस और ऑटो रिक्शा द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।

सड़क मार्ग

श्रद्धालु सड़क मार्ग से निजी वाहन, टैक्सी या बस द्वारा मंदिर तक पहुंच सकते हैं। उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों से प्रयागराज के लिए राज्य परिवहन निगम की नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं। इसके अलावा कई निजी बस सेवाएं भी प्रयागराज के लिए संचालित होती हैं।

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Published by Sri Mandir·September 16, 2025

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