जानिए वृन्दावन स्थित प्राचीन मदन मोहन मंदिर की कथा, धार्मिक महत्ता, दर्शन समय और मंदिर तक पहुँचने की पूरी जानकारी। यह मंदिर श्रीचैतन्य महाप्रभु से जुड़ा हुआ एक ऐतिहासिक स्थल है।
मथुरा के वृंदावन में स्थित मदन मोहन मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर यमुना नदी के किनारे ऊँचाई पर बना है और यहां से वृंदावन का सुंदर दृश्य दिखाई देता है। इस लेख में आप जानेंगे मंदिर का इतिहास, इसकी खासियतें, पूजा का समय और इसे कृष्ण भक्तों के लिए खास क्यों माना जाता है।
मदन मोहन मंदिर उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले की पावन नगरी वृन्दावन में स्थित है। यह मंदिर वैष्णव संप्रदाय के प्राचीन सप्तदेवालयों में प्रथम स्थान पर आता है। यह मंदिर "श्री राधा मदन मोहन मंदिर" नाम से भी जाना जाता है। औरंगजेब के काल में इस मंदिर की मूल प्रतिमा को सुरक्षित रखने के लिए राजस्थान के करौली स्थानांतरित कर दिया गया था।
मदन मोहन मंदिर का इतिहास लगभग पाँच हजार वर्ष पुराना माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसका मूल निर्माण भगवान श्रीकृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ द्वारा कराया गया था। ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार, 15वीं या 16वीं शताब्दी में मुल्तान के एक व्यापारी रामदास कपूर ने सनातन गोस्वामी की देखरेख में इसका निर्माण करवाया था। चैतन्य महाप्रभु के वृन्दावन आगमन के पश्चात उनके अनुयायी इस क्षेत्र में श्रीकृष्ण की लीलास्थलियों की खोज में लग गए। सनातन गोस्वामी द्वारा एक बालक "मदन मोहन" को यमुना तट से लाने और साधना के माध्यम से उस बालक की सेवा का प्रसंग इस मंदिर की स्थापना की कथा में महत्वपूर्ण है। एक बार एक व्यापारी की नाव यमुना में फंस गई, तब सनातन गोस्वामी की कृपा और भगवान की इच्छा से वह नाव चलने लगी। इसके उपरांत व्यापारी द्वारा मंदिर का निर्माण कराया गया।
मदन मोहन मंदिर विशेष रूप से अपनी मजबूती और धार्मिक आस्था के लिए प्रसिद्ध है। औरंगजेब ने इसे नष्ट करने का प्रयास किया, परंतु वह असफल रहा। वृन्दावन के अन्य मंदिरों में प्रतिदिन आरती होती है, परंतु इस मंदिर में केवल कार्तिक माह में आरती होती है। यहां पर भगवान कृष्ण की उपासना विशिष्ट आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है। यह मंदिर सनातन गोस्वामी की भक्ति और साधना का प्रतीक भी है।
यह मंदिर उत्तर भारतीय स्थापत्य शैली में लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है। मंदिर यमुना नदी से 50 फीट ऊंचाई पर स्थित है, और इसकी नींव यमुना में 70 फीट नीचे तक है। मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियों का प्रयोग किया जाता है। गर्भगृह में भगवान कृष्ण, राधा रानी और ललिता सखी की प्रतिमाएं स्थापित हैं।
सुबह: 06:00 AM - 11:00 AM शाम: 05:00 PM - 05:30 PM
सुबह: 07:00 AM - 12:00 PM शाम: 04:00 PM - 08:00 PM
मंदिर का प्रसाद
मदन मोहन मंदिर में भगवान कृष्ण को उनके प्रिय व्यंजन "अंगा कड़ी" का भोग अर्पित किया जाता है। इसके साथ-साथ पुष्प भी चढ़ाए जाते हैं। भक्तगण श्रद्धा से प्रसाद ग्रहण करते हैं और मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करते हैं।
निकटतम हवाई अड्डा
आगरा एयरपोर्ट, जहां से टैक्सी या बस द्वारा मथुरा पहुंचा जा सकता है।
रेलवे स्टेशन
मथुरा जंक्शन, जहां से मंदिर तक ऑटो या टैक्सी द्वारा पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग
मथुरा बस स्टैंड से मंदिर तक आसानी से ऑटो मिल जाते हैं। निजी वाहन से भी मथुरा पहुंचना सुविधाजनक है।
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