भोजेश्वर महादेव मंदिर, भोजपुर भोपाल
image
downloadDownload
shareShare
ShareWhatsApp

भोजेश्वर महादेव मंदिर, भोजपुर भोपाल

भोपाल के निकट भोजपुर में स्थित भोजेश्वर महादेव मंदिर का विशाल शिवलिंग और अधूरी लेकिन अद्वितीय वास्तुकला इसे खास बनाती है। जानिए राजा भोज से जुड़ी इसकी पौराणिक कथा और दर्शन से जुड़ी बातें।

भोजेश्वर महादेव मंदिर के बारे में

भोजेश्वर महादेव मंदिर भोपाल के पास भोजपुर में स्थित एक ऐतिहासिक शिव मंदिर है, जिसे राजा भोज ने बनवाया था। यहाँ विशाल शिवलिंग स्थापित है, जिसे देश के सबसे बड़े एकाश्म शिवलिंगों में गिना जाता है। यह मंदिर अपनी भव्यता और धार्मिक महत्व के कारण भक्तों और पर्यटकों के लिए खास आकर्षण है।

भोजेश्वर महादेव मंदिर भोजपुर, भोपाल

भोजेश्वर मंदिर मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 30 किलोमीटर दूर भोजपुर नामक स्थान पर एक पहाड़ी पर स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे भोजेश्वर मंदिर या भोजपुर मंदिर के नाम से जाना जाता है। मंदिर की सबसे अनोखी बात यह है कि यह आज तक अधूरा है, फिर भी इसकी भव्यता और विशाल शिवलिंग इसे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्रदान करती है। मंदिर के गर्भगृह में स्थित विशालकाय शिवलिंग तक पहुंचने के लिए पुजारी को सीढ़ी लगानी पड़ती है।

भोजेश्वर महादेव मंदिर भोजपुर का इतिहास

इस मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में परमार वंश के प्रतापी राजा राजा भोजदेव द्वारा कराया गया था। कहा जाता है कि एक रोग से ग्रस्त राजा भोज को नौ नदियों और 19 तालाबों का पानी पीने की सलाह दी गई थी। राजा भोज ने बेतवा नदी पर एक बांध बनवाकर जल संसाधनों को जोड़ा और ठीक होने के बाद यह भव्य मंदिर बनवाने का निश्चय किया। एक मान्यता यह भी है कि मंदिर को एक ही दिन में बनाने का प्रयास किया गया था, लेकिन सूर्योदय होते ही निर्माण कार्य रोक दिया गया। एक अन्य कथा के अनुसार, मंदिर का आरंभिक निर्माण महाभारत काल में पांडवों द्वारा किया गया था। अज्ञातवास के दौरान भीम ने माता कुंती के स्नान और शिव उपासना के लिए यहाँ शिवलिंग की स्थापना की थी।

भोजेश्वर महादेव मंदिर भोजपुर का महत्व एवं वास्तुकला

भोजेश्वर मंदिर का शिवलिंग न केवल विशाल है बल्कि यह विश्व के सबसे प्राचीन और बड़े शिवलिंगों में से एक माना जाता है। इस कारण इसे उत्तर भारत का सोमनाथ भी कहा जाता है। माना जाता है कि माता कुंती स्वयं यहाँ भगवान शिव की आराधना करती थीं। शिवलिंग की ऊँचाई अधिक होने के कारण श्रद्धालु उस पर सीधे जलाभिषेक नहीं कर पाते, और विशेष चढ़ाई की व्यवस्था से पूजा की जाती है।

मंदिर की वास्तुकला

मंदिर 17 फुट ऊंचे एक चबूतरे पर निर्मित है और इसका कुल माप 106 फुट लंबा व 77 फुट चौड़ा है। गर्भगृह में स्थित शिवलिंग की ऊंचाई 22 फुट (आधार सहित) और व्यास 7.5 फुट है। यह शिवलिंग एक ही बलुआ पत्थर से निर्मित है। गर्भगृह की अधूरी छत 40 फुट ऊंचे चार विशाल स्तंभों पर टिकी है, जिन पर शिव-पार्वती, लक्ष्मी-नारायण, सीता-राम और ब्रह्मा-सावित्री की उकेरी गई मूर्तियाँ हैं। मंदिर का प्रवेश द्वार भारत के सबसे बड़े मंदिर द्वारों में से एक है। यहाँ स्थित छत गुंबदाकार है, जो दर्शाती है कि भारत में गुंबद निर्माण इस्लामी स्थापत्य से पहले से प्रचलन में था। मंदिर के पीछे एक ढलान है, जिससे यह अनुमान लगाया जाता है कि भारी पत्थरों को मंदिर तक पहुँचाने के लिए इसका प्रयोग किया गया होगा। मंदिर परिसर में आचार्य माटूंगा का समाधि स्थल भी स्थित है।

भोजेश्वर महादेव मंदिर भोजपुर मंदिर का समय

मंदिर खुलने का समय: 06:00 AM - 07:00 PM

भोजेश्वर महादेव मंदिर भोजपुर का प्रसाद

भक्त भगवान शिव को जल, दूध, घी, शहद और दही अर्पित करते हैं। विशेष पर्वों पर बेलपत्र, फूल, नारियल व पूजन सामग्री भी चढ़ाई जाती है।

भोजेश्वर महादेव मंदिर भोजपुर कैसे पहुँचें?

हवाई मार्ग

निकटतम हवाई अड्डा राजा भोज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, भोपाल है। यह मंदिर से लगभग 43 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ से टैक्सी या बस के माध्यम से मंदिर पहुँचना सरल है।

रेल मार्ग

निकटतम रेलवे स्टेशन हबीबगंज है, जो मंदिर से लगभग 23 किलोमीटर दूर है। स्टेशन से टैक्सी या ऑटो के माध्यम से मंदिर जाया जा सकता है।

सड़क मार्ग

भोपाल शहर देश के सभी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। भोपाल-होशंगाबाद रोड के माध्यम से आप अपने निजी वाहन या बस के जरिए भोजपुर मंदिर तक पहुँच सकते हैं।

divider
Published by Sri Mandir·September 16, 2025

Did you like this article?

आपके लिए लोकप्रिय लेख

और पढ़ेंright_arrow
Card Image

वीरभद्र मंदिर ऋषिकेश

वीरभद्र मंदिर ऋषिकेश का प्राचीन इतिहास, दर्शन और आरती का समय, वास्तुकला और मंदिर तक पहुँचने का मार्ग जानिए। भगवान शिव के रौद्र अवतार वीरभद्र को समर्पित यह मंदिर एक सिद्धपीठ है और धार्मिक आस्था का केंद्र है।

right_arrow
Card Image

भारत माता मंदिर इंदौर

भारत माता मंदिर इंदौर का इतिहास, दर्शन का समय, वास्तुकला और मंदिर तक पहुँचने का मार्ग जानिए। यह मंदिर राष्ट्रभक्ति की भावना को समर्पित एक अनूठा तीर्थ स्थल है।

right_arrow
Card Image

खटलापुरा मंदिर भोपाल

भोपाल के छोटे तालाब के किनारे स्थित खटलापुरा मंदिर का इतिहास, धार्मिक महत्व, दर्शन का समय और वहाँ तक पहुँचने की पूरी जानकारी जानिए। यह मंदिर श्रीराम भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है।

right_arrow
srimandir-logo

श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

हमारा पता

फर्स्टप्रिंसिपल ऐप्सफॉरभारत प्रा. लि. 435, 1st फ्लोर 17वीं क्रॉस, 19वीं मेन रोड, एक्सिस बैंक के ऊपर, सेक्टर 4, एचएसआर लेआउट, बेंगलुरु, कर्नाटका 560102
YoutubeInstagramLinkedinWhatsappTwitterFacebook