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Krishna Stuti

क्या जीवन में प्रेम की कमी, भ्रम या मानसिक तनाव है? कृष्ण स्तुति से पाएं भगवान श्रीकृष्ण की कृपा, शांति और आनंद – जानिए इसका पाठ और दिव्य प्रभाव।

कृष्ण स्तुति के बारे में

कृष्ण स्तुति भगवान श्रीकृष्ण की दिव्यता, लीला, और करुणा का गुणगान करने वाली भक्तिपूर्ण प्रार्थना है। यह स्तुति उनके प्रेम, ज्ञान, और धर्म की भावना को व्यक्त करती है। कृष्ण स्तुति का पाठ करने से मन को शांति, भक्ति में स्थिरता और जीवन में आनंद की अनुभूति होती है।

कृष्ण स्तुति

मनुष्य के जीवन में जब मन अशांत हो, बाधाएं घेर लें और रास्ता सूझता न हो, तब केवल एक नाम जीवन में प्रकाश भरता है और वो नाम है श्रीकृष्ण। मुरलीधर, वासुदेव, गोविंद, माखनचोर, उनके हर नाम में शक्ति और मिठास दोनों छिपी है। कृष्ण स्तुति, यानी श्रीकृष्ण की महिमा का गायन, केवल शब्दों का पाठ नहीं है, यह आत्मा की पुकार है जो सीधे उनके चरणों में पहुंचती है।

रोजाना कृष्ण स्तुति का पाठ करने से न सिर्फ मानसिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन की जटिलताओं में भी सहज समाधान मिलने लगता है। यह लेख आपको बताएगा कृष्ण स्तुति का पाठ कैसे करें और इसके चमत्कारी लाभ क्या हैं।

कृष्ण स्तुति पाठ

नम: श्रीकृष्णचन्द्राय परिपूर्णतमाय च ।

असंख्याण्डाधिपतये गोलोकपतये नम: ॥१॥

श्रीराधापतये तुभ्यं व्रजाधीशाय ते नम:।

नम: श्रीनन्दपुत्राय यशोदानन्दनाय च ॥२॥

देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते ।

यदूत्तम जगन्नाथ पाहि मां पुरुषोत्तम ॥३॥

वाणी सदा ते गुणवर्णने स्यात्।

कर्णौ कथायां ममदोश्च कर्मणि ।

मन: सदा त्वच्चरणारविन्दयो।

र्दृशौ स्फुरद्धामविशेषदर्शने ॥४॥

॥ इति श्रीगर्गसंहितायां मथुराखण्डे अक्रूरकृतश्रीकृष्णस्तुतिः ॥

कृष्ण स्तुति पाठ विधि

  • कृष्ण स्तुति का पाठ करना सरल है, लेकिन यदि इसे विधिपूर्वक किया जाए, तो इसका प्रभाव और गहरा होता है।
  • स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। यह बाहरी शुद्धि मन की आंतरिक शुद्धि को भी बल देती है।
  • घर के पूजन स्थल पर उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख कर बैठें। यह दिशाएं सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह के लिए उपयुक्त मानी जाती हैं।
  • श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र के समक्ष दीपक और अगरबत्ती जलाएं। तुलसी पत्र और पीले पुष्प अर्पित करें।
  • ध्यानपूर्वक श्रीकृष्ण का ध्यान करें: उनके माखनचोर रूप को, रासलीला को या अर्जुन को गीता का ज्ञान देते स्वरूप को अपने मन में बैठाएं।
  • कृष्ण स्तुति का पाठ करें। शुद्ध उच्चारण और मन की एकाग्रता का विशेष ध्यान रखें।
  • पाठ के बाद कम से कम 11 बार ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें।
  • भोग में माखन, मिश्री, फल या ताजा दूध अर्पित करें।
  • अंत में श्रीकृष्ण से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु प्रार्थना करें। और उनके चरणों में कृतज्ञता अर्पित करें।

यह पाठ आप रोजाना, विशेषकर बुधवार और गुरुवार के दिन कर सकते हैं। जन्माष्टमी के दिन इसका पाठ 108 बार करने से विशेष लाभ मिलता है।

कृष्ण स्तुति पाठ के चमत्कारी फायदे

  • मन को शांति मिलती है: जब जीवन में तनाव, चिंता और अवसाद घेर ले, तो कृष्ण स्तुति मन को स्थिर और शांत करने में सहायक होती है।
  • कठिनाइयों में रक्षा: श्रीकृष्ण को संकटमोचक कहा जाता है। नियमित स्तुति से जीवन की बाधाएं और शत्रुओं का भय दूर होता है।
  • आर्थिक स्थिति में सुधार: गोविंद का नाम धन-धान्य और समृद्धि का भी प्रतीक है। उनका स्मरण करने से लक्ष्मी कृपा बनी रहती है।
  • संतान सुख: संतान प्राप्ति की कामना रखने वालों के लिए यह स्तुति विशेष फलदायी मानी जाती है।
  • रोगों से मुक्ति: मानसिक और शारीरिक रोगों से बचाव होता है। यह स्तुति इम्युनिटी बढ़ाती है और सकारात्मक ऊर्जा देती है।
  • रिश्तों में मधुरता: श्रीकृष्ण प्रेम और सौहार्द के देवता हैं। स्तुति पाठ से पारिवारिक कलह शांत होता है और प्रेमभाव बढ़ता है।
  • बुद्धि और विवेक में वृद्धि: विद्यार्थियों के लिए यह स्तुति विशेष लाभकारी है, इससे स्मरण शक्ति और मनोबल बढ़ता है।
  • भक्ति में स्थिरता: श्रीकृष्ण की स्तुति आत्मा को भक्ति मार्ग पर दृढ़ करती है, जिससे जीवन में अध्यात्मिक उन्नति होती है।
  • रोजगार और करियर में सफलता: नौकरी में प्रमोशन, व्यापार में लाभ और करियर में उन्नति हेतु कृष्ण स्तुति का पाठ अत्यंत शुभफलदायी है।
  • कृष्ण कृपा का आशीर्वाद: नियमित पाठ करने से जीवन में सफलता, विजय और अनुकूल अवसर स्वतः मिलने लगते हैं।

कृष्ण स्तुति का गहरा महत्व

कृष्ण केवल द्वारका के राजा नहीं हैं, वे जगतगुरु हैं। उनके उपदेश आज भी गीता के रूप में जीवन के हर मोड़ पर हमारा मार्गदर्शन करते हैं। जब अर्जुन का मन विषाद में डूबा था, तब श्रीकृष्ण ने ज्ञान का दीप जलाया। वैसे ही जब हम कृष्ण स्तुति करते हैं, तो हमारे भीतर भी अज्ञान, भय और अवसाद मिटकर ज्ञान और साहस का प्रकाश भरता है। कृष्ण स्तुति का पाठ करने से हम केवल भौतिक लाभ ही नहीं पाते, बल्कि आत्मा के स्तर पर भी शुद्धि और उन्नति का अनुभव करते हैं।

कब और कैसे करें कृष्ण स्तुति का पाठ?

  • रोजाना सुबह या रात सोने से पहले करें।
  • विशेष फल के लिए बुधवार, गुरुवार और जन्माष्टमी पर करें।
  • एकांत और शांत वातावरण में पाठ करें ताकि मन एकाग्र रहे।
  • श्रद्धा और पूर्ण विश्वास के साथ करें, तभी सच्चा लाभ मिलेगा।

निष्कर्ष

कृष्ण स्तुति केवल मंत्रों का पाठ नहीं है, यह आत्मा की वो आवाज़ है जो सीधे भगवान श्रीकृष्ण के ह्रदय तक पहुंचती है। अगर आपके जीवन में परेशानियां हैं, रिश्तों में तनाव है, करियर में अवरोध हैं या मन अशांत है, तो आज से ही श्रीकृष्ण स्तुति का नियमित पाठ आरंभ करें।

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Published by Sri Mandir·June 6, 2025

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