संतोषी माता स्तुति
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संतोषी माता स्तुति (Santoshi Mata Stuti)

क्या आप जीवन में संतोष, सुख-शांति और समृद्धि चाहते हैं? संतोषी माता स्तुति से पाएं माता संतोषी का आशीर्वाद जानिए इसका पाठ और चमत्कारी लाभ।

संतोषी माता स्तुति के बारे में

संतोषी माता स्तुति एक भक्तिपूर्ण प्रार्थना है जो संतोषी माता की कृपा प्राप्त करने के लिए गाई जाती है। इसका पाठ करने से जीवन में संतोष, सुख-शांति और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। शुक्रवार व्रत में इसका विशेष महत्व है।

संतोषी माता का परिचय

संतोषी माता, सनातन धर्म में पूजनीय देवी मानी जाती हैं। उन्हें भगवान शंकर और माता पार्वती की पौत्री तथा भगवान गणेश की पुत्री के रूप में जाना जाता है। शुक्रवार का दिन संतोषी माता को समर्पित होता है, इसलिए इस दिन विशेष पूजा का महत्व है। उन्हें "संतोष की देवी" भी कहा जाता है, क्योंकि वे मन को संतुष्टि, शांति और समृद्धि प्रदान करती हैं।

संतोषी माता को देवी दुर्गा के सौम्य, कोमल और पवित्र स्वरूप के रूप में भी पूजा जाता है। कमल के फूल पर विराजमान यह देवी अपने भक्तों को धैर्य, संयम और संतोष का मार्ग दिखाती हैं। मान्यता है कि उनकी सच्ची भक्ति से जीवन में सुख-शांति, धन-धान्य और संतुष्टि का आगमन होता है।

श्री संतोषी माता स्तुति

करोड़ों तेरे नाम सुखधाम है,

सभी नामों को मैयां प्रणाम है।

तू है दयालु सदा भक्त वत्सला,

भवसागर से तू ही तो पार लगा।

तू ही संकट हरती मैय्या प्यारी,

तेरे द्वार न कोई लौटे हारी।

गुड़ चने का भोग तुझे है भाता,

श्रद्धा से जो चढ़ाए तू राता।

तेरा व्रत करे जो सच्चे मन से,

भरे भंडार उसके हर कोने से।

शुक्रवार को व्रत जो जन करता,

तेरे नाम का ही जपता और पढ़ता।

तू है सुख की देवी, संतोष स्वरूपा,

तेरी पूजा से मिटती विपदा रूपा।

जो जन तेरा नाम सदा गुण गाता,

मैयां तू उसे सदा सुख पहुँचाता।

तेरे चरणों में जो शीश नवाता,

मैयां उसकी नैया तू पार लगाता।

तेरे गुण गाऊँ मैं दिन रात,

मुझ पर रखना सदा अपना हाथ।

संतोषी माता व्रत पूजन विधि (शुक्रवार को)

  • शुक्रवार के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ, साफ-सुथरे वस्त्र पहने।
  • मां संतोषी का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें।
  • पूजा स्थल को शुद्ध करके वहां माता संतोषी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
  • प्रतिमा के पास एक कलश भी स्थापित करें।
  • माता को अक्षत (चावल), सिंदूर, फूल और माला अर्पित करें।
  • भोग में मां को भीगे हुए चने, गुड़ और केला अर्पित करें।
  • मां संतोषी का ध्यान करके घी का दीपक जलाएं और धूप अर्पित करें। इसके बाद व्रत कथा, चालीसा और आरती श्रद्धा से पढ़ें।
  • पूजा के पश्चात प्रसाद सभी भक्तों और परिवारजनों को बांटें।
  • पूजा में उपयोग किए गए कलश के जल को पूरे घर में छिड़कें, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-शांति बनी रहे।
  • अंतिम शुक्रवार को व्रत का उद्यापन (समापन) करें।
  • इस दिन विशेष रूप से वैभव लक्ष्मी माता की पूजा करें और कन्याओं को खीर और पूरियां बनाकर श्रद्धा से भोजन कराएं।

संतोषी माता स्तुति के लाभ

  • माता संतोषी सब इच्छाओं को पूर्ण करने वाली, सुख, शांति और समृद्धि देने वाली देवी हैं।
  • इनकी पूजा से जीवन के दुःख दूर होते हैं और सभी शुभ कार्य सफल होते हैं।
  • गुड़-चने का भोग इन्हें बहुत प्रिय है, और शुक्रवार को इनकी पूजा विशेष फलदायक मानी जाती है।
  • जो भी श्रद्धा से इनकी स्तुति करता है, उसके जीवन में संतोष, सुख और शांति का वास होता है।
  • संतोषी माता का व्रत श्रद्धा से हर शुक्रवार रखा जाता है। मनोकामना पूर्ति हेतु इसे 16 शुक्रवार तक कर, अंत में उद्यापन किया जाता है।
  • शुक्रवार को संतोषी माता का व्रत और विधिवत पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और धन व विवाह की समस्याएं दूर हो जाती हैं।
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Published by Sri Mandir·July 1, 2025

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