कोलकाता में घूमने की जगह
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कोलकाता में घूमने की जगह

कोलकाता घूमने का मन बना रहे हैं? तो यहां पढ़िए उन खास जगहों के बारे में, जो इस सांस्कृतिक शहर की आत्मा को दर्शाती हैं और हर पर्यटक को लुभाती हैं।

कोलकाता में घूमने की जगह के बारे में

क्या आपने कभी किसी शहर को देखा है जो एक ही समय में श्रद्धा, संस्कृति और शांति की मिसाल हो? कोलकाता ऐसा ही एक शहर है — जहाँ हर गली, हर मोड़ पर भक्ति की धड़कन सुनाई देती है। यहाँ के मंदिर न सिर्फ ईश्वर के दर्शन के लिए हैं, बल्कि वे आत्मा को भी एक नई दिशा देते हैं।

कोलकाता में घूमने की जगह

दक्षिणेश्वर की घंटियों की गूंज हो या कालीघाट में माँ की उग्र मूर्ति की अनुभूति, कोलकाता के मंदिर एक आध्यात्मिक यात्रा हैं — आत्मा से आत्मा तक। यहाँ हिंदू, जैन, बौद्ध और पारसी धर्मों के मंदिर एक साथ मिलकर यह बताते हैं कि यह शहर केवल संस्कृति नहीं, सह-अस्तित्व का प्रतीक भी है।

इस लेख में हम आपको ले चलेंगे कोलकाता के ऐसे 10 प्रसिद्ध मंदिरों की यात्रा पर, जो न केवल श्रद्धालुओं बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र हैं। आइए जानें इन मंदिरों की विशेषताएं, ऐतिहासिकता और उनसे जुड़े रोचक तथ्य।

1. दक्षिणेश्वर काली मंदिर

  • स्थान: हुगली नदी के किनारे, उत्तरी कोलकाता
  • स्थापना वर्ष: 1855
  • मुख्य देवी: माँ भवतारिणी काली

तथ्य:

  • इस मंदिर का निर्माण रानी रश्मोणि द्वारा करवाया गया था, जो एक प्रसिद्ध समाजसेवी थीं।
  • महान संत रामकृष्ण परमहंस ने यहाँ वर्षों तक माँ काली की आराधना की और यहीं उन्हें भगवान के साक्षात् अनुभव हुए।
  • मंदिर परिसर में 12 शिव मंदिर और राधा-कृष्ण मंदिर भी हैं।

2. कालीघाट काली मंदिर

  • स्थान: दक्षिण कोलकाता
  • शक्तिपीठ: माँ सती का दायाँ पैर यहाँ गिरा था
  • मुख्य देवी: काली माँ

तथ्य:

  • यह भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है और कोलकाता के नाम की उत्पत्ति "कालीघाट" से ही मानी जाती है।
  • यहाँ की काली माँ की मूर्ति काले पत्थर से बनी हुई है, जो अद्वितीय है।
  • विशेष अवसरों पर यहाँ हजारों श्रद्धालु पूजा और बलि अर्पण के लिए पहुँचते हैं।
  • मंदिर परिसर में पवित्र 'Adi Ganga' नदी भी बहती है।

3. बिरला मंदिर

  • स्थान: बालीगंज
  • निर्माण काल: 1970 से 1996 तक
  • मुख्य देवता: लक्ष्मी नारायण, भगवान राम, श्रीकृष्ण

तथ्य:

  • यह आधुनिक वास्तुकला और सफेद संगमरमर से बना भव्य मंदिर है।
  • रात के समय इसकी रोशनी से सज्जित इमारत अत्यंत आकर्षक लगती है।
  • यहाँ शांत वातावरण में ध्यान और पूजा के लिए उपयुक्त स्थान मिलता है।
  • यह कोलकाता के सबसे स्वच्छ और सुव्यवस्थित मंदिरों में से एक है।

4. पारसनाथ जैन मंदिर (Pareshnath Jain Temple)

  • स्थान: मुरलीधर सेन लेन
  • स्थापना वर्ष: 1867
  • मुख्य तीर्थंकर: भगवान शांतिनाथ

तथ्य:

  • मंदिर की सजावट में रंगीन कांच, दर्पण, संगमरमर और आकर्षक बाग-बगिचों का उपयोग हुआ है।
  • यहाँ एक दीपक सदियों से अखंड रूप से जल रहा है, जिसे अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • मंदिर चार भागों में विभाजित है, जिनमें अलग-अलग तीर्थंकरों की प्रतिमाएं विराजमान हैं।
  • पर्यटक यहाँ न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि वास्तुशिल्प के लिए भी आते हैं।

5. इस्कॉन मंदिर (ISKCON Temple, Kolkata) स्थान: अलिपुर मुख्य देवता: श्रीकृष्ण और राधारानी तथ्य: इसे श्री श्री राधा गोविंद मंदिर भी कहा जाता है और यह अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ द्वारा संचालित है।

यहाँ नियमित रूप से कीर्तन, सत्संग, प्रवचन, प्रसाद वितरण और भगवद्गीता अध्ययन होता है।

यह भक्तों को श्रीकृष्ण भक्ति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

विशेष अवसरों पर यहाँ विदेशी भक्तों की बड़ी संख्या में उपस्थिति देखने को मिलती है।

  1. चीनी काली मंदिर स्थान: तांगरा (चाइनाटाउन), कोलकाता विशेषता: चीनी और बंगाली परंपराओं का संगम तथ्य: यह मंदिर स्थानीय चीनी समुदाय द्वारा स्थापित किया गया है जो माँ काली के प्रति अत्यंत श्रद्धा रखते हैं।

पूजा में चाइनीज़ भोजन जैसे नूडल्स, फ्राइड राइस को प्रसाद के रूप में अर्पित किया जाता है।

यह मंदिर धार्मिक एकता और सांस्कृतिक समावेश का अद्भुत उदाहरण है।

  1. बाबा तारकनाथ मंदिर स्थान: तारकेश्वर, हुगली जिला (कोलकाता के निकट) मुख्य देवता: भगवान शिव (तारकनाथ रूप) तथ्य: यह मंदिर बंगाल के प्रमुख शिव मंदिरों में से एक है।

विशेषकर सोमवार और महाशिवरात्रि के दिन यहाँ भारी भीड़ उमड़ती है।

भक्त "पंचमुखी जल" के साथ बाबा को जल अर्पण करते हैं, जिसे अत्यंत फलदायी माना जाता है।

यहाँ का परिसर साधकों और ध्यान करने वालों के लिए आदर्श स्थल है।

  1. अग्नि मंदिर स्थान: मेट्रो सिनेमा के पास, लिंडसे स्ट्रीट धर्म: पारसी (ज़रथुष्ट्रियन) तथ्य: यह मंदिर पारसी समुदाय के लिए अत्यंत पवित्र स्थल है जहाँ अग्नि की पूजा की जाती है।

यहाँ केवल पारसी धर्मावलंबियों को प्रवेश की अनुमति है, परंतु बाहर से इसकी भव्यता देखी जा सकती है।

यह मंदिर पारसी संस्कृति, दर्शन और परंपराओं को समझने के लिए अद्वितीय स्थान है।

  1. कोलकाता में बौद्ध मंदिर स्थान: लेक रोड, साउथ कोलकाता संप्रदाय: जापानी बौद्ध (निप्पोंज़ान म्योहो जी) तथ्य: यह मंदिर शांति, ध्यान और प्रार्थना का शांतिपूर्ण केंद्र है।

यहाँ जापानी बौद्ध मंत्र “नम म्योहो रेंगे क्यो” का जाप किया जाता है।

मंदिर की संरचना और सजावट जापानी शैली की है।

यहाँ नियमित ध्यान सत्र और बुद्ध पूर्णिमा जैसे त्योहार मनाए जाते हैं।

  1. कालीबाड़ी झील मंदिर (Lake Kalibari) स्थान: लेक मार्केट, दक्षिण कोलकाता मुख्य देवी: माँ काली तथ्य: यह मंदिर माँ काली के एक शांत और सौम्य रूप को समर्पित है।

यहाँ का वातावरण अत्यंत शांतिपूर्ण और ध्यान के लिए उपयुक्त है।

कोलकाता के स्थानीय लोग यहाँ नियमित दर्शन के लिए आते हैं।

विशेष पर्वों पर यहाँ सुंदर सजावट और विशेष पूजा होती है।

जुड़े रहें श्री मंदिर के साथ- कोलकाता के मंदिर धार्मिक विविधता, आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक हैं। यहाँ का हर मंदिर न केवल ईश्वर के प्रति श्रद्धा को दर्शाता है, बल्कि समाज की एकता, सांस्कृतिक सह-अस्तित्व और स्थापत्य सौंदर्य को भी प्रस्तुत करता है। यदि आप कोलकाता की यात्रा पर हैं, तो इन मंदिरों की यात्रा अवश्य करें – यह यात्रा न केवल पर्यटन होगी, बल्कि आत्मिक अनुभव भी।

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Published by Sri Mandir·May 7, 2025

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