चंडीगढ़ में घूमने की जगह
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चंडीगढ़ में घूमने की जगह

चंडीगढ़ में घूमने की जगहें जानना चाहते हैं? यहां जानिए उन प्रमुख स्थलों और मंदिरों के बारे में, जिन्हें देखे बिना चंडीगढ़ की यात्रा अधूरी मानी जाती है।

चंडीगढ़ में घूमने की जगह के बारे में

चंडीगढ़ में माता मनसा देवी मंदिर, छत्तबीड़ साहिब गुरुद्वारा और इस्कॉन मंदिर प्रमुख धार्मिक स्थल हैं। ये स्थान श्रद्धालुओं को शांति और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करते हैं। साथ ही रॉक गार्डन और सुखना लेक भी दर्शनीय स्थल हैं।

चंडीगढ़ में घूमने की जगह: जानें मंदिर एवं धार्मिक स्थलों के बारे में

अगर आप सोचते हैं कि चंडीगढ़ सिर्फ रॉक गार्डन, सुखना लेक या रोज़ गार्डन के लिए ही जाना जाता है, तो आप आधी तस्वीर देख रहे हैं। यह 'सिटी ब्यूटीफुल' ना सिर्फ आधुनिकता और हरियाली का मेल है, बल्कि इसमें छिपे हैं कुछ ऐसे मंदिर, जो आस्था, इतिहास और शांति के प्रतीक हैं।

घूमने की जगह वाले इस टॉपिक में, आज हम बात करेंगे चंडीगढ़ के उन 5 सबसे पॉपुलर मंदिरों की, जिन्हें देखने देशभर से लोग आते हैं। ये मंदिर न सिर्फ धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि उनके स्थापत्य, वातावरण और उनसे जुड़ी लोककथाएं भी आपको मंत्रमुग्ध कर देंगी। अगर आप चंडीगढ़ घूमने का प्लान बना रहे हैं और अपनी ट्रिप में आध्यात्मिक ऊर्जा भी शामिल करना चाहते हैं, तो इस लेख में बताए गए मंदिरों को अपनी लिस्ट में ज़रूर जोड़िए।

1. छतबीर हनुमान मंदिर

मुख्य तथ्य

  • छतबीर हनुमान मंदिर चंडीगढ़ से लगभग 10 किलोमीटर दूर, ज़ीरकपुर-पटना हाईवे पर स्थित है।
  • यह मंदिर भगवान हनुमान जी को समर्पित है और यहां उनकी एक विशाल प्रतिमा स्थापित है।
  • भक्तों में ऐसा विश्वास है कि यदि इस मंदिर में सच्चे मन से कोई मुराद मांगी गई हो, तो वह ज़रूर पूरी होती है।
  • अत्यंत शांत और सकारात्मक ऊर्जा से भरा हुआ है मंदिर का वातावरण।
  • परिसर में अन्य मंदिर जैसे राम दरबार, शिव मंदिर, और नवग्रह मंदिर भी स्थित हैं।
  • मंगलवार और शनिवार को यहां विशेष भीड़ रहती है, क्योंकि ये दिन हनुमान जी को समर्पित माने जाते हैं।
  • मंदिर का स्थान हरियाली से घिरा है और यहां फैमिली पिकनिक या ध्यान/प्रार्थना के लिए अच्छा वातावरण है।

चंडीगढ़ के पास स्थित छतबीर हनुमान मंदिर न सिर्फ एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह श्रद्धा और आस्था का जीवंत उदाहरण भी है। शहर की भागदौड़ से दूर, ज़ीरकपुर-पटना हाइवे पर स्थित यह मंदिर भक्तों के लिए शांति और ऊर्जा का केंद्र बन चुका है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर स्थित भगवान हनुमान की विशाल प्रतिमा श्रद्धालुओं का ध्यान तुरंत अपनी ओर खींचती है। यह प्रतिमा शक्ति और समर्पण की प्रतीक मानी जाती है।

मंदिर का वातावरण बहुत ही शांतिपूर्ण और सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण होता है। यहां आने वाले भक्त बताते हैं कि इस स्थान पर आने से मन को गहरी शांति और स्थिरता मिलती है। खासतौर पर मंगलवार और शनिवार को यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। मंदिर परिसर में केवल हनुमान जी का ही नहीं, बल्कि शिवलिंग, राम दरबार और नवग्रहों के लिए भी मंदिर बने हुए हैं। इस कारण यह स्थान न केवल हनुमान भक्तों के लिए, बल्कि उन लोगों के लिए भी खास है जो संपूर्ण पूजन अनुभव चाहते हैं। आसपास की हरियाली और खुले वातावरण के कारण यह जगह फैमिली विजिट, ध्यान या संध्याकालीन आरती में भाग लेने के लिए भी आदर्श है।

2. मंसादेवी मंदिर

मुख्य तथ्य

  • माता मंसादेवी मंदिर चंडीगढ़ से लगभग 8 किलोमीटर दूर पंचकूला में स्थित है।
  • यह मंदिर शक्ति की देवी मंसा को समर्पित है, जो इच्छाओं की पूर्ति करने वाली मानी जाती हैं।
  • मंदिर का निर्माण 19वीं शताब्दी में महाराजा गुलेर ने करवाया था।
  • नवरात्रि के समय यहां लगने वाले विशाल मेले में लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं।
  • यह मंदिर उत्तर भारत के प्रमुख शक्ति पीठों में गिना जाता है।
  • यहां कई छोटे मंदिर भी परिसर में स्थित हैं, जो माता के विभिन्न रूपों को समर्पित हैं।
  • मंदिर परिसर साफ़-सुथरा और हरियाली से घिरा हुआ है।

माता मंसादेवी मंदिर, चंडीगढ़ से सटे पंचकूला जिले में स्थित है और उत्तर भारत के सबसे प्रसिद्ध शक्ति पीठों में से एक है। यह मंदिर उन श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है जो अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए देवी मंसा के चरणों में शीश नवाते हैं। नवरात्रों में यहां का वातावरण भक्तिरस में डूबा होता है। घंटियों की ध्वनि, जयकारों की गूंज और रंग-बिरंगे मेले का दृश्य, मन को छू जाता है। इतिहासकारों के अनुसार यह मंदिर 19वीं सदी में बनवाया गया था और तब से यहां भक्तों की भीड़ लगी रहती है। मंदिर की वास्तुकला पारंपरिक शैली में बनी है और इसकी भव्यता श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर देती है। श्रद्धालु यहां लाल धागा बांधकर मुराद मांगते हैं और पूर्ण होने पर वापस आकर धन्यवाद अर्पित करते हैं।

3. इस्कॉन मंदिर, चंडीगढ़

मुख्य तथ्

  • यह भव्य मंदिर श्रीकृष्ण और राधा रानी के दिव्य प्रेम का प्रतीक है।
  • यह सेक्टर 36-बी में स्थित है और एक शांत एवं सुंदर परिसर में बना हुआ है।
  • मंदिर में रोज़ सुबह-शाम की आरती और कीर्तन विशेष आकर्षण होते हैं।
  • रविवार को विशेष सत्संग और भोग प्रसाद का आयोजन होता है।
  • मंदिर में गौशाला, पुस्तकालय और सत्संग हॉल भी हैं।
  • यह स्थान युवाओं में भी बेहद लोकप्रिय है, खासकर भगवान कृष्ण की लीलाओं को जानने वालों के लिए।
  • यहां जन्माष्टमी बड़े धूमधाम से मनाई जाती है।

इस्कॉन चंडीगढ़ मंदिर उन लोगों के लिए एक आदर्श स्थान है जो भक्ति के साथ-साथ शांति और आध्यात्मिक ज्ञान की तलाश में हैं। सेक्टर 36-बी में स्थित यह मंदिर राधा-कृष्ण की भव्य मूर्तियों, मधुर भजन-कीर्तन और अनुशासित वातावरण के लिए जाना जाता है। यहां आने वाले लोग सिर्फ पूजा नहीं करते, बल्कि सत्संग, गीता पाठ और ध्यान की प्रक्रियाओं में भी भाग लेते हैं। रविवार को आयोजित होने वाला सत्संग और उसके बाद का प्रसाद यहां की सबसे खास बातों में से एक है। इस्कॉन मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक जीवंत आध्यात्मिक केंद्र है जहाँ आत्मिक शांति मिलती है।

4. शक्ति मंदिर, सेक्टर 47

मुख्य तथ्य

  • यह मंदिर सेक्टर 47-बी में स्थित है और स्थानीय लोगों में अत्यधिक लोकप्रिय है।
  • यह मंदिर शक्ति, संपत्ति और विद्या की देवियों दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती को समर्पित है।
  • यहां नवरात्रि के अवसर पर विशेष पूजा और हवन का आयोजन किया जाता है।
  • मंदिर परिसर में सामूहिक भजन संध्या और महिला मंडली द्वारा पूजा-गायन भी होता है।
  • यह मंदिर स्थानीय रहवासियों के लिए सामूहिक धार्मिक गतिविधियों का केंद्र है।
  • परिसर शांत, स्वच्छ और अनुशासित है, जहां ध्यान और प्रार्थना के लिए आदर्श वातावरण है।

सेक्टर 47 में स्थित शक्ति मंदिर स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए एक विश्वास का केंद्र है। देवी दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती को समर्पित यह मंदिर, विशेष रूप से महिलाओं और परिवारों में बहुत लोकप्रिय है। यहां नियमित रूप से आरती, पाठ और सामूहिक पूजा होती है। नवरात्रों में यहां भव्य झांकी, हवन और कन्या पूजन जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। मंदिर का वातावरण बहुत ही अनुशासित और शांतिपूर्ण होता है, जिससे मन और आत्मा दोनों को सुकून मिलता है। यह मंदिर स्थानीय संस्कृति और धर्म का जीवंत उदाहरण है।

5. साईं बाबा मंदिर, सेक्टर 29

मुख्य तथ्य

  • यह मंदिर सेक्टर 29 में स्थित है और साईं बाबा को समर्पित है।
  • हर गुरुवार को यहां विशेष आरती और भंडारा आयोजित होता है।
  • साईं बाबा की शांत और करुणामयी प्रतिमा यहां का प्रमुख आकर्षण है।
  • मंदिर परिसर में ध्यान केंद्र और लाइब्रेरी भी मौजूद है।
  • मंदिर में आने वाले श्रद्धालु न केवल पूजा करते हैं, बल्कि सेवा कार्यों में भी भाग लेते हैं।
  • यहां आने वालों को एक विशेष प्रकार की आंतरिक शांति महसूस होती है।

साईं बाबा मंदिर, सेक्टर 29 का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहां हर गुरुवार श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगती हैं। बाबा की करुणामयी प्रतिमा और आरती की मधुर ध्वनि वातावरण को भक्तिरस में डुबो देती है। मंदिर केवल पूजा का स्थान नहीं, बल्कि सेवा और समर्पण का प्रतीक भी है।

यहां नियमित रूप से भंडारे, गरीबों के लिए वस्त्र वितरण और अन्य सेवा कार्य किए जाते हैं। साईं बाबा में आस्था रखने वाले श्रद्धालु यहां आकर एक अलौकिक ऊर्जा और सुकून का अनुभव करते हैं। मंदिर का परिसर साफ, अनुशासित और सौम्य वातावरण लिए होता है।

निष्कर्ष

चंडीगढ़ केवल एक आधुनिक शहर नहीं, बल्कि यह आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विविधता का भी केंद्र है। यहां के मंदिर न केवल पूजा स्थल हैं, बल्कि यह शहर की आध्यात्मिक आत्मा को दर्शाते हैं। अगर आप अगली बार चंडीगढ़ घूमने जाएं, तो इन मंदिरों को अपनी यात्रा का हिस्सा ज़रूर बनाएं। ये स्थान आपको भक्ति के साथ-साथ मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा भी प्रदान करेंगे।

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Published by Sri Mandir·April 30, 2025

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