क्या आप जानते हैं विश्वकर्मा पूजा 2025 कब है? जानें भगवान विश्वकर्मा की आराधना का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व, जिससे घर व कार्यक्षेत्र में सुख-समृद्धि और उन्नति प्राप्त होती है।
विश्वकर्मा पूजा हर साल 17 या 18 सितंबर को मनाई जाती है। इस दिन भगवान विश्वकर्मा, सृष्टि के प्रथम शिल्पकार और वास्तु देवता की पूजा होती है। लोग औजारों, मशीनों और कार्यस्थलों की पूजा कर समृद्धि और सफलता की कामना करते हैं।
हिंदू धर्म में विश्वकर्मा पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इसी दिन जगत के प्रथम शिल्पकार एवं वास्तुकार विश्वकर्मा भगवान का अवतरण हुआ था। अस्त्र-शस्त्र व भवन का निर्माण भगवान विश्कर्मा की ही देन माना जाता है, इसीलिए कारीगर, फर्नीचर बनाने वाले, मशीनरी और कारखानों से जुड़े लोग इस अवसर पर विशेष रूप से भगवान विश्कर्मा की उपासना करते हैं।
विश्वकर्मा पूजा हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है जो देव शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा को समर्पित है। भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि का प्रथम वास्तुकार और अभियंता माना जाता है, जिन्होंने स्वर्गलोक, द्वारका, इन्द्रप्रस्थ, पुष्पक विमान और देवताओं के दिव्य अस्त्र-शस्त्रों का निर्माण किया था।
इस दिन कारीगर, मजदूर, इंजीनियर, तकनीकी और औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े लोग अपने औजारों, मशीनों, वाहनों और कार्यस्थलों की पूजा करते हैं। साथ ही अपने काम की सफलता, सुरक्षा और समृद्धि की कामना भगवान विश्वकर्मा से करते हैं।
संक्षेप में, विश्वकर्मा पूजा वह दिन है जब निर्माण, शिल्प, तकनीक और उद्योग से जुड़े सभी लोग भगवान विश्वकर्मा का आशीर्वाद पाकर अपने कार्यक्षेत्र में उन्नति और जीवन में सुख-समृद्धि की प्रार्थना करते हैं।
विश्वकर्मा जयंती पर भगवान विश्वकर्मा की पूजा से पहले ही इस विशेष पूजा की तैयारी पूरी कर लें। पूजा के लिए सर्वप्रथम पूजन सामग्री एकत्रित कर लें, जिसमें यह सामग्री अवश्य शामिल करें -
श्री विश्वकर्मा पूजा के दिन ऑफिस, वर्कशॉप, दुकान आदि विभिन्न व्यापारों के मालिक प्रातः स्नान आदि करके भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा सहित अपने सभी यंत्रों की विधिपूर्वक पूजा करते हैं। आज के दिन अस्त्रों और औज़ारों, उद्योगों में प्रयोग होने वाली मशीनों की पूजा का खास महत्व है।
भगवान विश्वकर्मा को वास्तुकला, शिल्पकला और तकनीक का देवता माना जाता है। उनकी पूजा करने से व्यक्ति के जीवन, व्यापार और कार्यक्षेत्र में अनेक शुभ फल प्राप्त होते हैं। विश्वकर्मा पूजा करने के प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं –
व्यापार में वृद्धि – इस दिन पूजा करने से व्यवसाय और कारोबार में तरक्की मिलती है।
आर्थिक समृद्धि – भगवान विश्वकर्मा की कृपा से धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
कामकाज में सफलता – औजार, मशीनरी और वाहनों की पूजा करने से कार्यों में रुकावटें दूर होती हैं और सफलता मिलती है।
सुरक्षा का आशीर्वाद – मशीन, वाहन और औजारों के प्रयोग में दुर्घटनाओं से सुरक्षा प्राप्त होती है।
उद्योग और तकनीकी क्षेत्र में उन्नति – फैक्ट्री, उद्योग और इंजीनियरिंग क्षेत्र से जुड़े लोगों को विशेष लाभ मिलता है।
जीवन में सुख-शांति – पूजा से घर और कार्यस्थल में सकारात्मक ऊर्जा और शांति बनी रहती है।
वाहन सुख की प्राप्ति – मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से वाहन संबंधी सुख और बाधामुक्त यात्रा का आशीर्वाद मिलता है।
ॐ आधार शक्तपे नम:, ओम कूमयि नम:, ओम अनन्तम नम:, पृथिव्यै नम:
भगवान विश्वकर्मा की पूजा के दिन कुछ ऐसे भी कार्य हैं जिन्हें करना वर्जित माना गया है। आइए जानते हैं कि कौन से वो कार्य हैं जो विश्वकर्मा पूजा के दिन नहीं करना चाहिए और कौन-कौन से कार्य करना चाहिए। विश्वकर्मा पूजा पर भूलकर भी औजारों को इधर- उधर न फेंके नहीं तो आपको विश्वकर्मा भगवान के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है।
इस दिन आप न तो स्वयं अपने औजारों का इस्तेमाल करें और न हीं किसी और को करने दें
जिन वस्तुओं का आप अपने जीवन में रोज प्रयोग करते हैं उनकी विश्वकर्मा पूजा पर साफ-सफाई करना न भूलें।
अगर आप विश्वकर्मा भगवान की मूर्ति रखकर उनकी पूजा कर रहे हैं तो अपने औजारों को पूजा में रखना न भूलें।
अगर आपकी कोई फैक्ट्री है तो विश्वकर्मा पूजा के दिन उनकी पूजा न करना भूलें।
जिन लोगों की भी फैक्ट्री आदि है या फिर उनका मशीन से जुड़ा कोई काम है तो उन्हें विश्वकर्मा पूजा के दिन अपनी मशीनों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
यदि आपके पास कोई वाहन हैं तो आपको विश्वकर्मा पूजा के दिन उसकी साफ-सफाई और पूजा करना नहीं भूलना चाहिए।
विश्वकर्मा पूजा के दिन किसी भी पुराने औजार को अपने घर, फैक्ट्री या दुकान से बाहर न फेंकें, ऐसा करना विश्वकर्मा जी का अपमान जाता है।
आपको विश्वकर्मा पूजा के दिन भूलकर भी मॉस और मदिरा का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
अपने व्यापार की वृद्धि के लिए आपको विश्वकर्मा पूजा के दिन निर्धन व्यक्ति और ब्राह्मण को दान अवश्य देना चाहिए।
भक्तों तो यह थी भगवान विश्वकर्मा जयंती पर मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि, मंत्र सहित संपूर्ण जानकारी। हम आशा करते हैं कि यह लेख आपकी पूजा को सार्थक करेगा और आपको भगवान विश्वकर्मा जी की विशेष कृपा का अधिकारी बनाएगा। हमारी कामना है कि आपको इस पर्व का संपूर्ण फल प्राप्त हो, और भगवान विश्वकर्मा की कृपा से जीवन में सुख सम्पन्नता बनी रहे।
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