इस विशेष दिन के महत्व और अनुष्ठानों के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
हिंदू धर्म के अनुसार, दर्श अमावस्या के दिन चंद्र देव की विशेष पूजा का विधान है। इस दिन पूरी श्रद्धा के साथ चंद्रमा की आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही, इस पावन तिथि पर पितरों की पूजा, तर्पण, स्नान एवं दान करना विशेष फलदायी माना गया है। पूर्वजों के निमित्त अनुष्ठान करने की परंपरा के कारण इस दिन को 'श्राद्ध अमावस्या' भी कहा जाता है।
मुहूर्त | समय |
ब्रह्म मुहूर्त | 03:47 ए एम से 04:28 ए एम |
प्रातः सन्ध्या | 04:08 ए एम से 05:09 ए एम |
अभिजित मुहूर्त | कोई नहीं |
विजय मुहूर्त | 02:18 पी एम से 03:13 पी एम |
गोधूलि मुहूर्त | 06:51 पी एम से 07:11 पी एम |
सायाह्न सन्ध्या | 06:52 पी एम से 07:54 पी एम |
अमृत काल | 11:34 पी एम से 01:02 ए एम, जून 26 |
निशिता मुहूर्त | 11:40 पी एम से 12:21 ए एम, जून 26 |
Did you like this article?
अगर आप सावन का व्रत न कर पाएं तो चिंता न करें। जानें आसान और प्रभावी उपाय जो आपके व्रत के फल को प्राप्त करने में मदद करेंगे। ये उपाय आपके जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य लाएंगे।
शिव जी को क्या चढ़ाएं? जानिए पूजा में जल, दूध, बेलपत्र, भस्म, फल-फूल आदि चढ़ाने का महत्व और सही तरीका। शिव कृपा पाने के सरल उपाय।
शिवजी की पूजा से जीवन में आती है सुख-शांति, नकारात्मक ऊर्जा होती है दूर और मिलती है ईश्वर की कृपा। जानिए शिव पूजन के अद्भुत लाभ।