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विश्वकर्मा पूजा 2025

क्या आप जानते हैं विश्वकर्मा पूजा 2025 कब है? जानें भगवान विश्वकर्मा की आराधना का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व, जिससे घर व कार्यक्षेत्र में सुख-समृद्धि और उन्नति प्राप्त होती है।

विश्वकर्मा पूजा के बारे में

विश्वकर्मा पूजा हर साल 17 या 18 सितंबर को मनाई जाती है। इस दिन भगवान विश्वकर्मा, सृष्टि के प्रथम शिल्पकार और वास्तु देवता की पूजा होती है। लोग औजारों, मशीनों और कार्यस्थलों की पूजा कर समृद्धि और सफलता की कामना करते हैं।

विश्वकर्मा पूजा 2025

हिंदू धर्म में विश्वकर्मा पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इसी दिन जगत के प्रथम शिल्पकार एवं वास्तुकार विश्वकर्मा भगवान का अवतरण हुआ था। अस्त्र-शस्त्र व भवन का निर्माण भगवान विश्कर्मा की ही देन माना जाता है, इसीलिए कारीगर, फर्नीचर बनाने वाले, मशीनरी और कारखानों से जुड़े लोग इस अवसर पर विशेष रूप से भगवान विश्कर्मा की उपासना करते हैं।

चलिए जानते हैं कि साल 2025 में कब है विश्वकर्मा पूजा?

  • विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर, बुधवार को है, जो आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को कन्या संक्रांति पर मनाई जाएगी।
  • विश्वकर्मा पूजा कन्या संक्रान्ति का क्षण रात 01 बजकर 55 मिनट पर रहेगा।

विश्वकर्मा पूजा के शुभ मुहूर्त

  • इस दिन ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 04 बजकर 33 मिनट से प्रातः 05 बजकर 20 मिनट तक रहेगा।
  • प्रातः सन्ध्या मुहूर्त प्रात: 04 बजकर 57 मिनट से सुबह 06 बजकर 07 मिनट तक होगा।
  • अभिजित मुहूर्त कोई नहीं रहेगा।
  • विजय मुहूर्त दिन में 02 बजकर 18 मिनट से 03 बजकर 07 मिनट तक रहेगा।
  • इस दिन गोधूलि मुहूर्त शाम में 06 बजकर से 24 मिनट से 06 बजकर 47 मिनट तक रहेगा।
  • सायाह्न सन्ध्या काल शाम में 06 बजकर 24 मिनट से 07 बजकर 34 मिनट तक रहेगा।
  • अमृत काल 18 सितंबर की रात 12 बजकर 06 मिनट से 01 बजकर 43 मिनट तक रहेगा।
  • निशिता मुहूर्त रात 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट (18 सितंबर) तक रहेगा।

विश्वकर्मा पूजा क्या है?

विश्वकर्मा पूजा हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है जो देव शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा को समर्पित है। भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि का प्रथम वास्तुकार और अभियंता माना जाता है, जिन्होंने स्वर्गलोक, द्वारका, इन्द्रप्रस्थ, पुष्पक विमान और देवताओं के दिव्य अस्त्र-शस्त्रों का निर्माण किया था।

इस दिन कारीगर, मजदूर, इंजीनियर, तकनीकी और औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े लोग अपने औजारों, मशीनों, वाहनों और कार्यस्थलों की पूजा करते हैं। साथ ही अपने काम की सफलता, सुरक्षा और समृद्धि की कामना भगवान विश्वकर्मा से करते हैं।

संक्षेप में, विश्वकर्मा पूजा वह दिन है जब निर्माण, शिल्प, तकनीक और उद्योग से जुड़े सभी लोग भगवान विश्वकर्मा का आशीर्वाद पाकर अपने कार्यक्षेत्र में उन्नति और जीवन में सुख-समृद्धि की प्रार्थना करते हैं।

क्यों मनाते हैं विश्वकर्मा पूजा?

  • हिंदू धर्म में विश्वकर्मा पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इसी दिन जगत के प्रथम शिल्पकार एवं वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था।
  • अस्त्र-शस्त्र, भवन, महल, नगर और मशीनरी निर्माण का श्रेय भगवान विश्वकर्मा को दिया जाता है।
  • इसीलिए कारीगर, शिल्पकार, इंजीनियर, मशीनरी और कारखानों से जुड़े लोग इस दिन विशेष रूप से भगवान विश्वकर्मा की उपासना करते हैं।
  • इस दिन अपने औजारों, मशीनों और उपकरणों की पूजा कर उनकी सुरक्षा और निरंतर प्रगति की कामना की जाती है।

विश्वकर्मा पूजा का महत्व

  • शास्त्रों में बताया गया है कि विश्वकर्मा पूजा से व्यापार में वृद्धि, कामकाज में सफलता और आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है।
  • इस दिन पूजा करने से व्यक्ति को वाहन सुख और कार्यक्षेत्र में उन्नति का आशीर्वाद मिलता है।
  • औद्योगिक संस्थानों और कारखानों में विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं ताकि कार्यों में निरंतरता और सुरक्षा बनी रहे।
  • मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा की कृपा से साधक के कार्यक्षेत्र में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और व्यवसाय दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करता है।

कौन थे भगवान विश्वकर्मा?

  • भगवान विश्वकर्मा को देवताओं के शिल्पकार, अभियंता और वास्तुकार माना जाता है।
  • वे ब्रह्माजी के मानस पुत्र बताए गए हैं।
  • महाभारत और पुराणों के अनुसार द्वारका नगरी, इन्द्रप्रस्थ, हस्तिनापुर, स्वर्गलोक के महल, पुष्पक विमान और भगवान शिव का त्रिशूल भी विश्वकर्मा की ही अद्भुत कारीगरी थी।
  • इन्हें वास्तुशास्त्र और शिल्पशास्त्र का जनक माना जाता है और यही कारण है कि निर्माण, उद्योग और तकनीकी क्षेत्र से जुड़े लोग इन्हें अपना आराध्य देव मानते हैं।

विश्वकर्मा पूजा के सामग्री लिस्ट

विश्वकर्मा जयंती पर भगवान विश्वकर्मा की पूजा से पहले ही इस विशेष पूजा की तैयारी पूरी कर लें। पूजा के लिए सर्वप्रथम पूजन सामग्री एकत्रित कर लें, जिसमें यह सामग्री अवश्य शामिल करें -

  • सुपारी
  • रोली
  • पीला अश्वगंधा
  • हल्दी
  • लॉन्ग
  • मौली
  • लकड़ी की चौकी
  • पीला कपड़ा
  • मिट्टी का कलश
  • नवग्रह
  • जनेऊ
  • इलायची
  • इत्र
  • सुखा
  • गोला
  • जटा वाला नारियल
  • धुपबत्ती
  • अक्षत
  • फल
  • मिठाई
  • कपूर
  • देसी
  • घी
  • हवन कुंड
  • आम की लकड़ी
  • दही
  • फूल
  • खीरा

विश्वकर्मा पूजा की विधि

चलिए अब भगवान विश्वकर्मा जी की पूजा आरंभ करते हैं:

श्री विश्वकर्मा पूजा के दिन ऑफिस, वर्कशॉप, दुकान आदि विभिन्न व्यापारों के मालिक प्रातः स्नान आदि करके भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा सहित अपने सभी यंत्रों की विधिपूर्वक पूजा करते हैं। आज के दिन अस्त्रों और औज़ारों, उद्योगों में प्रयोग होने वाली मशीनों की पूजा का खास महत्व है।

  • सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें, नए और साफ कपड़े पहनें और फिर पूजा की तैयारियां शुरू कर दें।
  • पूजा के लिए सबसे पहले पूजा स्थल को साफ और शुद्ध कर लें, वहां पर चौकी स्थापित करें और उसपर कपड़ा बिछाएं।
  • इसके बाद आसन पर विश्वकर्मा जी प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • जैसा कि हमें पता है, इस दिन औजारों की पूजा का भी विधान है, इसलिए आप अपने व्यापार से संबंधित सभी औजारों या उपकरणों को पूजा स्थल पर रख लें।
  • अब भक्त भगवान विश्वकर्मा एवं सभी औजारों को धूप-दीप दिखाएं।
  • इसके पश्चात् विश्वकर्मा जी को और साथ में औजारों को भी रोली और हल्दी का तिलक लगाएं।
  • तिलक लगाने के बाद पूजा स्थल पर भगवान जी को और औजारों को अक्षत, फूल, पान, लौंग, सुपारी, मिठाई, फल और मोली समेत संपूर्ण पूजन सामग्री भी अर्पित करें।
  • पूजा के दौरान हाथ में फूल एवं अक्षत लेकर भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए ॐ आधार शक्तपे नम:, ओम कूमयि नम:, ओम अनन्तम नम:, पृथिव्यै नम: इन मंत्रों का जाप करें। इससे आपको पूजा का विशेष फल मिलेगा।
  • अब भक्तजन भगवान विश्वकर्मा जी से प्रार्थना करें कि हे प्रभु हमारी मशीनें और औजार निरन्तर, बिना किसी बाधा के कार्य करें और हमारे उद्योग देश की उन्नति में सहायक बने।
  • पूजा के अंत में भगवान विश्वकर्मा को प्रणाम करें और लोगों में प्रसाद बांटें।

विश्वकर्मा पूजा के लाभ

भगवान विश्वकर्मा को वास्तुकला, शिल्पकला और तकनीक का देवता माना जाता है। उनकी पूजा करने से व्यक्ति के जीवन, व्यापार और कार्यक्षेत्र में अनेक शुभ फल प्राप्त होते हैं। विश्वकर्मा पूजा करने के प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं –

व्यापार में वृद्धि – इस दिन पूजा करने से व्यवसाय और कारोबार में तरक्की मिलती है।

आर्थिक समृद्धि – भगवान विश्वकर्मा की कृपा से धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

कामकाज में सफलता – औजार, मशीनरी और वाहनों की पूजा करने से कार्यों में रुकावटें दूर होती हैं और सफलता मिलती है।

सुरक्षा का आशीर्वाद – मशीन, वाहन और औजारों के प्रयोग में दुर्घटनाओं से सुरक्षा प्राप्त होती है।

उद्योग और तकनीकी क्षेत्र में उन्नति – फैक्ट्री, उद्योग और इंजीनियरिंग क्षेत्र से जुड़े लोगों को विशेष लाभ मिलता है।

जीवन में सुख-शांति – पूजा से घर और कार्यस्थल में सकारात्मक ऊर्जा और शांति बनी रहती है।

वाहन सुख की प्राप्ति – मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से वाहन संबंधी सुख और बाधामुक्त यात्रा का आशीर्वाद मिलता है।

विश्वकर्मा पूजा के पूजन मंत्र

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ॐ आधार शक्तपे नम:, ओम कूमयि नम:, ओम अनन्तम नम:, पृथिव्यै नम:

विश्वकर्मा पूजा के दिन क्या करें? क्या ना करें?

भगवान विश्वकर्मा की पूजा के दिन कुछ ऐसे भी कार्य हैं जिन्हें करना वर्जित माना गया है। आइए जानते हैं कि कौन से वो कार्य हैं जो विश्वकर्मा पूजा के दिन नहीं करना चाहिए और कौन-कौन से कार्य करना चाहिए। विश्वकर्मा पूजा पर भूलकर भी औजारों को इधर- उधर न फेंके नहीं तो आपको विश्वकर्मा भगवान के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है।

  • इस दिन आप न तो स्वयं अपने औजारों का इस्तेमाल करें और न हीं किसी और को करने दें

  • जिन वस्तुओं का आप अपने जीवन में रोज प्रयोग करते हैं उनकी विश्वकर्मा पूजा पर साफ-सफाई करना न भूलें।

  • अगर आप विश्वकर्मा भगवान की मूर्ति रखकर उनकी पूजा कर रहे हैं तो अपने औजारों को पूजा में रखना न भूलें।

  • अगर आपकी कोई फैक्ट्री है तो विश्वकर्मा पूजा के दिन उनकी पूजा न करना भूलें।

  • जिन लोगों की भी फैक्ट्री आदि है या फिर उनका मशीन से जुड़ा कोई काम है तो उन्हें विश्वकर्मा पूजा के दिन अपनी मशीनों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

  • यदि आपके पास कोई वाहन हैं तो आपको विश्वकर्मा पूजा के दिन उसकी साफ-सफाई और पूजा करना नहीं भूलना चाहिए।

  • विश्वकर्मा पूजा के दिन किसी भी पुराने औजार को अपने घर, फैक्ट्री या दुकान से बाहर न फेंकें, ऐसा करना विश्वकर्मा जी का अपमान जाता है।

  • आपको विश्वकर्मा पूजा के दिन भूलकर भी मॉस और मदिरा का सेवन भी नहीं करना चाहिए।

  • अपने व्यापार की वृद्धि के लिए आपको विश्वकर्मा पूजा के दिन निर्धन व्यक्ति और ब्राह्मण को दान अवश्य देना चाहिए।

भक्तों तो यह थी भगवान विश्वकर्मा जयंती पर मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि, मंत्र सहित संपूर्ण जानकारी। हम आशा करते हैं कि यह लेख आपकी पूजा को सार्थक करेगा और आपको भगवान विश्वकर्मा जी की विशेष कृपा का अधिकारी बनाएगा। हमारी कामना है कि आपको इस पर्व का संपूर्ण फल प्राप्त हो, और भगवान विश्वकर्मा की कृपा से जीवन में सुख सम्पन्नता बनी रहे।

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Published by Sri Mandir·September 4, 2025

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