जानें इस वर्ष वैशाख माह की तिथि, महत्व और विशेष दिन
वैशाख माह हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र के बाद दूसरा महीना होता है। यह धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस माह में स्नान, दान, जप और उपवास का विशेष महत्व होता है। आइये जानते हैं इसके बारे में...
वैशाख हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हिन्दू वर्ष का दूसरा मास होता है। ग्रेगेरियन कैलेंडर में ये अप्रैल व मई का महीना होता है। आज के इस लेख में आपको वैशाख प्रारंभ उत्तर से जुड़ी संपूर्ण जानकारी मिलेगी।
चैत्र पूर्णिमा के अगले दिन से ही वैशाख के महीने का आरंभ हो जाता है, जो वैशाख पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है। साल 2025 में वैशाख मास 14 अप्रैल, सोमवार से शुरू हो रहा है। जिसकी समाप्ति 13 मई 2025 को होगी।
हिन्दू महीनों के नाम नक्षत्रों पर आधारित होते हैं, और महीनों का बदलाव चन्द्र चक्र पर निर्भर करता है। यानि चन्द्रमा जिस नक्षत्र पर होता है उस महीने का नाम भी उसी नक्षत्र के आधार पर रखा जाता है। इस प्रकार वैशाख मास की पूर्णिमा को चंद्रमा विशाखा नक्षत्र में रहते हैं, इसलिए इस महीने को वैशाख मास कहा जाता है।
तो दोस्तों, ये तो थी वैशाख प्रारंभ उत्तर से जुड़ी संपूर्ण जानकारी। ऐसे ही व्रत, त्यौहार व अन्य धार्मिक जानकारियों के लिए जुड़े रहिए 'श्री मंदिर' ऐप पर।
Did you like this article?
2025 में भाद्रपद माह का प्रारम्भ उत्तर भारत में कब से होगा? जानिए तिथि, मुहूर्त, धार्मिक महत्व, इस माह में किए जाने वाले अनुष्ठान और व्रत-पर्व की पूरी सूची।
2025 में गायत्री जापम कब है और क्यों है ये इतना खास? जानिए पूजा का सही तरीका, लाभ, तिथि व शुभ मुहूर्त। साथ ही समझें गायत्री जयंती से इसका अंतर।
सावन पूर्णिमा व्रत 2025 कब है और क्यों है इसका धार्मिक महत्व इतना गहरा? जानिए शुभ मुहूर्त, व्रत की विधि, पूजन सामग्री और इस दिन को क्यों माना जाता है विशेष।