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वैशाख कब है?

जानें इस वर्ष वैशाख माह की तिथि, महत्व और विशेष दिन

वैशाख माह के बारे में

वैशाख माह हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र के बाद दूसरा महीना होता है। यह धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस माह में स्नान, दान, जप और उपवास का विशेष महत्व होता है। आइये जानते हैं इसके बारे में...

वैशाख कब है?

वैशाख हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हिन्दू वर्ष का दूसरा मास होता है। ग्रेगेरियन कैलेंडर में ये अप्रैल व मई का महीना होता है। आज के इस लेख में आपको वैशाख प्रारंभ उत्तर से जुड़ी संपूर्ण जानकारी मिलेगी।

वैशाख मास कब से शुरू हो रहा है?

चैत्र पूर्णिमा के अगले दिन से ही वैशाख के महीने का आरंभ हो जाता है, जो वैशाख पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है। साल 2025 में वैशाख मास 14 अप्रैल, सोमवार से शुरू हो रहा है। जिसकी समाप्ति 13 मई 2025 को होगी।

इस मास को वैशाख क्यों कहा जाता है?

हिन्दू महीनों के नाम नक्षत्रों पर आधारित होते हैं, और महीनों का बदलाव चन्द्र चक्र पर निर्भर करता है। यानि चन्द्रमा जिस नक्षत्र पर होता है उस महीने का नाम भी उसी नक्षत्र के आधार पर रखा जाता है। इस प्रकार वैशाख मास की पूर्णिमा को चंद्रमा विशाखा नक्षत्र में रहते हैं, इसलिए इस महीने को वैशाख मास कहा जाता है।

वैशाख मास का महत्व

  • वैशाख मास में भगवान विष्णु की उपासना करने का विशेष महत्व है।
  • ऐसी मान्यता है कि वैशाख मास के शुक्ल पक्ष में अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु ने कई अवतार लिए थे, जैसे नर-नारायण, परशुराम, नृसिंह और ह्ययग्रीव अवतार आदि।
  • एक मान्यता के अनुसार ये भी कहा जाता है कि वैशाख शुक्ल पक्ष की नवमी को देवी लक्ष्मी माता सीता के रूप में पृथ्वी से प्रकट हुई थीं।
  • पुराणों के अनुसार त्रेतायुग का आरंभ भी वैशाख माह से ही हुआ था।

वैशाख मास में क्यों खुलते हैं देव मंदिरों के पट?

  • वैशाख माह की पवित्रता और दिव्यता के कारण ही वैशाख मास में अनेक देव मंदिरों के पट खोले जाते हैं, और कई महोत्सवों का आयोजन होता है।
  • हिन्दू धर्म के चार धाम में से एक बद्रीनाथधाम के कपाट वैशाख माह की अक्षय तृतीया के दिन खोले जाते हैं।
  • वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को एक और हिन्दू तीर्थ धाम पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा भी निकालने की परंपरा है।
  • वैशाख कृष्ण पक्ष की अमावस्या को देववृक्ष वट की पूजा करने की भी परंपरा है।

देश-विदेश में बैशाख मास से जुड़ी मान्यताएं

  • वैशाख मास की पूर्णिमा को दक्षिण व दक्षिण पूर्व एशिया, तिब्बत एवं मंगोलिया के बौद्धों के मध्य बुद्ध पूर्णिमा या गौतम बुद्ध के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
  • वैशाख शुक्ल पंचमी को हिंदू धर्म के धर्मशास्त्री एवं महान दार्शनिक आदि शंकराचार्य के जन्मदिन के रूप में मनाने की परंपरा है।
  • तमिलनाडु में वैशाख पूर्णिमा को ‘वैकाशी विशाकम’ नाम से मनाया जाता है, जिसे भगवान मुरुगन के जन्मदिन के रूप में जाना जाता है। आपको बता दें कि 'मुरुगन' भगवान शिव जी के ज्येष्ठ पुत्र हैं।
  • वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सिंहाचलम में श्री वराह लक्ष्मी नरसिंह स्वामीवारी मंदिर में नरसिंह जयंती उत्सव के रूप में मनाने की परंपरा है।

तो दोस्तों, ये तो थी वैशाख प्रारंभ उत्तर से जुड़ी संपूर्ण जानकारी। ऐसे ही व्रत, त्यौहार व अन्य धार्मिक जानकारियों के लिए जुड़े रहिए 'श्री मंदिर' ऐप पर।

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Published by Sri Mandir·March 17, 2025

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