हिंदू परंपराओं और ज्योतिष के अनुसार सुहाग से जुड़ी चीजों जैसे चूड़ी, बिंदी, सिंदूर आदि खरीदने के लिए कुछ विशेष दिन बेहद शुभ माने जाते हैं। जानिए सप्ताह के कौन-से दिन चूड़ी खरीदना अच्छा होता है और किन दिनों में इसे खरीदने से परहेज करना चाहिए।
चूड़ियां सिर्फ हाथों की खूबसूरती नहीं बढ़ातीं, बल्कि सुहाग और खुशहाल जीवन की भी निशानी होती हैं। ऐसे में इन्हें सही दिन खरीदना बेहद खास माना जाता है। इस आर्टिकल में जानिए चूड़ी खरीदने के वो शुभ दिन, जब ये आपके जीवन में और भी रंग, प्रेम और सौभाग्य लेकर आएंगी।
भारतीय परंपराओं में चूड़ी सिर्फ एक गहना नहीं है, बल्कि स्त्री-सौंदर्य, सौभाग्य और संस्कृति की पहचान है। किसी भी शुभ अवसर जैसे विवाह, तीज, करवा चौथ, रक्षाबंधन या त्योहारों में चूड़ियों की खनक हर महिला के श्रृंगार को संपूर्ण बनाती है। चूड़ियां पहनना नारीत्व और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चूड़ी खरीदने के भी विशेष दिन और नियम होते हैं? धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुछ दिनों में चूड़ी खरीदना शुभ होता है, जबकि कुछ दिन ऐसे भी होते हैं जब चूड़ी खरीदने से बचना चाहिए। चलिए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
विवाहित स्त्रियों के लिए चूड़ी सौभाग्य और पति की लंबी उम्र का प्रतीक होती है। ऐसा माना जाता है कि चूड़ी की खनक घर में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है और नकारात्मक शक्तियों को दूर करती है।
विवाह के समय कन्या को चूड़ियां पहनाई जाती हैं, जो यह दर्शाती हैं कि अब नारी अपने पति के सौभाग्य की रक्षा करने वाली शक्ति बन चुकी है। वहीं गर्भवती महिलाओं को भी विशेष प्रकार की हरी-लाल चूड़ियां पहनाई जाती हैं, जिससे उनके और शिशु के स्वास्थ्य की रक्षा हो।
हिंदू पंचांग और ज्योतिष के अनुसार, सप्ताह में कुछ दिन चूड़ी खरीदने के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं:
शुक्रवार: शुक्रवार को मां लक्ष्मी और माता संतोषी का दिन माना जाता है। इस दिन चूड़ी खरीदने से घर में सुख-समृद्धि और सौभाग्य का आगमन होता है। यह स्त्रियों के लिए अत्यंत शुभ दिन होता है, खासकर हरी और लाल चूड़ियां खरीदने के लिए।
बुधवार: बुधवार को बुद्धि और समृद्धि का दिन माना जाता है। इस दिन चूड़ी खरीदना भी शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इससे घर में प्रेम और सकारात्मकता बढ़ती है।
पर्व पर: तीज, करवा चौथ, रक्षाबंधन, हरियाली तीज जैसे पर्वों के दिन चूड़ी खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। इन दिनों पर खरीदी गई चूड़ियों को विशेष सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
पूर्णिमा व शुक्रवार का संयोग: जब शुक्रवार के दिन पूर्णिमा हो, तब चूड़ी खरीदना अत्यंत फलदायी और शुभ माना जाता है।
जैसे कुछ दिन चूड़ी खरीदने के लिए शुभ माने जाते हैं, वैसे ही कुछ दिन अशुभ माने गए हैं, जिनमें चूड़ी खरीदने से बचना चाहिए:
शनिवार: शनिवार को शनि देव का दिन माना जाता है। यह दिन श्रृंगार और सौंदर्य प्रसाधन खरीदने के लिए अशुभ माना जाता है। ऐसे में इस दिन चूड़ी खरीदना महिलाओं के सौभाग्य में बाधा ला सकता है।
मंगलवार: मंगलवार को हनुमान जी और मंगल ग्रह का दिन होता है। यह दिन उग्रता और अग्नि तत्व से जुड़ा हुआ माना गया है, जो शांति और सौंदर्य से जुड़ी चीज़ों जैसे चूड़ी खरीदने के लिए अशुभ होता है।
अमावस्या व ग्रहण के दिन: अमावस्या व ग्रहण के दिन श्रृंगार से जुड़ी वस्तुएं खरीदना वर्जित माना जाता है। ऐसे में इस समय चूड़ी खरीदने से बचें।
मासिक धर्म के दौरान: मान्यताओं के अनुसार, स्त्रियों को मासिक धर्म के समय चूड़ी खरीदने या पहनने से बचना चाहिए, क्योंकि यह समय धार्मिक रूप से अशुद्ध माना जाता है। हालांकि यह नियम पूरी तरह व्यक्तिगत आस्था पर निर्भर करता है।
चूड़ी खरीदते समय रंगों का चयन सोच समझकर करें। लाल, हरा, पीला और सुनहरा रंग चूड़ियों के लिए शुभ माने जाते हैं। वहीं सुहागन स्त्रियों के लिए काले और नीले रंग की चूड़ियां पहनना अशुभ माना जाता है।
टूटी या दरार वाली चूड़ियां अपशगुन मानी जाती हैं। यह अशांति और दुर्भाग्य का प्रतीक होती हैं। इसलिए चूड़ी खरीदते समय उन्हें ध्यान से जांच लें। जिन चूड़ियों में दरार आ गई हो उसे न पहनें।
चूड़ी व्यक्तिगत सौभाग्य का प्रतीक मानी गई है, ऐसे में इसे किसी के साथ साझा करना अशुभ माना जाता है। इसलिए ध्यान रखें कि किसी अन्य स्त्री की चूड़ी न पहनें, न ही अपने द्वारा पहनी गई चूड़ी किसी को पहनने को दें।
चूड़ी खरीदते समय आपका मन प्रसन्न, शांत और सकारात्मक होना चाहिए। सौभाग्य से जुड़ी ये वस्तु तनाव या विवाद के समय खरीदने से जीवन में नकारात्मकता आ सकती है।
मान्यता के अनुसार पहली बार यदि घर की कोई सुहागन महिला सदस्य जैसे माँ या सास चूड़ी पहनाए, तो स्त्री को विशेष रूप से सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इस लेख में अपने जाना चूड़ी खरीदने या उसे पहनने से जुड़ी कई धार्मिक मान्यताएं, जिसे ध्यान में रखकर आप अपने सुख-सौभाग्य को कई गुना बढ़ा सकते हैं। इसलिए अगली बार जब आप चूड़ी खरीदने जाएं तो सिर्फ डिजाइन या रंग ही नहीं, बल्कि शुभ - अशुभ समय व सावधानियां का भी विशेष ध्यान रखें।
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