जानिए इस भव्य मंदिर की ऊँचाई, निर्माण की कहानी, दर्शन समय और यात्रा से जुड़ी पूरी जानकारी।
वृंदावन में बन रहा चंद्रोदय मंदिर दुनिया का सबसे ऊँचा मंदिर होने की दिशा में अग्रसर है, जो श्रीकृष्ण भक्तों के लिए भक्ति और आधुनिकता का अद्भुत संगम होगा। यह मंदिर न केवल आस्था का केंद्र बनेगा, बल्कि आध्यात्मिक पर्यटन का भी प्रमुख स्थल होगा। इस लेख में जानिए चंद्रोदय मंदिर की भव्यता, निर्माण से जुड़ी जानकारी और इसकी खास धार्मिक विशेषताएं।
वृंदावन चंद्रोदय मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा जिले के वृंदावन शहर में स्थित है। यह मंदिर अपने निर्माण के पश्चात विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर होगा। यह मंदिर लगभग 26 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है और इसकी ऊंचाई 700 फीट है। यह मंदिर श्रीकृष्ण भक्ति का एक विशाल केंद्र बनने जा रहा है, जिसमें वर्ष भर धार्मिक आयोजन और उत्सव मनाए जाएंगे।
वृंदावन चंद्रोदय मंदिर का निर्माण कार्य वर्ष 2014 में आरंभ हुआ। इसका शिलान्यास तत्कालीन राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा किया गया था। निर्माण कार्य 2024-2025 तक पूरा होने की संभावना है। इस मंदिर का डिज़ाइन IIT दिल्ली के सिविल इंजीनियरिंग विभाग और अमेरिका की कंपनी Thornton Tomasetti द्वारा तैयार किया गया है। गुरुग्राम की InGenious Studio और नोएडा की Quintessence Design Studio इसके आर्किटेक्ट हैं।
मंदिर में एक अत्याधुनिक कैप्सूल एलिवेटर लगाया जाएगा, जिससे श्रद्धालु मंदिर की ऊंचाई से ब्रज मंडल के विहंगम दृश्य का आनंद ले सकेंगे। इसकी कुल लागत 300 करोड़ रुपये आंकी गई है, जिससे यह दुनिया का सबसे महंगा मंदिर भी बन सकता है। मंदिर के चारों ओर ब्रज मंडल के 12 प्रमुख वनों के नाम पर वन विकसित किए जा रहे हैं: महावन, वृंदावन, लोहावन, काम्यवन, कुमुदवन, तलवन, भांडीरावन, मधुवन, बहुलवन, बिल्ववन और भद्रवन।
यह मंदिर पारंपरिक नागर शैली की वास्तुकला और आधुनिक निर्माण तकनीक का मिश्रण है। मंदिर की ऊंचाई 213 मीटर (करीब 700 फीट) होगी। परिसर में कृत्रिम जंगल, जलप्रपात, फूलों और वृक्षों की सजावट, छोटी पहाड़ियों और श्रीकृष्ण लीला से जुड़ी कई दृश्यात्मक झांकियां बनाई जा रही हैं। मंदिर की संरचना अत्यंत विशाल और तकनीकी दृष्टि से परिष्कृत है।
सुबह: 06:00 AM - 12:00 PM
दोपहर/शाम: 01:00 PM - 08:00 PM
श्रीकृष्ण को माखन, मिसरी, दूध से बनी बर्फी और चावल की खीर अर्पित की जाती है। श्रद्धालु भी इन्हीं सामग्रियों से भगवान को भोग लगाते हैं।
निकटतम हवाई अड्डा
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, दिल्ली (164 किमी)। यहां से टैक्सी या बस के माध्यम से मंदिर पहुंचा जा सकता है।
रेल मार्ग
मथुरा कैंट रेलवे स्टेशन मंदिर से लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर है। स्टेशन से टैक्सी, ऑटो या बस के माध्यम से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग
दिल्ली से वृंदावन की दूरी लगभग 185 किलोमीटर है। यमुना एक्सप्रेसवे और NH 44 के माध्यम से यात्रा की जा सकती है। उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों से मथुरा के लिए नियमित राज्य परिवहन और निजी बस सेवाएं उपलब्ध हैं।
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