प्राचीन सूर्य कुंड मंदिर अयोध्या
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प्राचीन सूर्य कुंड मंदिर अयोध्या

जानिए अयोध्या के प्राचीन सूर्य कुंड मंदिर का इतिहास, धार्मिक महत्व, दर्शन और पूजा का समय, तथा यहाँ पहुँचने का संपूर्ण मार्ग।

प्राचीन सूर्य कुंड मंदिर अयोध्या के बारे में

प्राचीन सूर्य कुंड मंदिर अयोध्या का एक पवित्र स्थल है, जो सूर्य देव को समर्पित है। यह मंदिर अपनी ऐतिहासिकता और धार्मिक मान्यताओं के लिए विशेष महत्व रखता है। माना जाता है कि यहाँ स्नान और पूजा करने से स्वास्थ्य, ऊर्जा और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस लेख में जानिए प्राचीन सूर्य कुंड मंदिर अयोध्या का इतिहास, धार्मिक महत्व और यहाँ दर्शन करने की खास बातें।

प्राचीन सूर्य कुंड मंदिर अयोध्या का इतिहास

अयोध्या के फैजाबाद क्षेत्र में स्थित प्राचीन सूर्य कुंड मंदिर, दर्शन नगर के समीप एक पवित्र स्थल है। यह मंदिर उसी स्थान पर स्थित है जिसे घोषार्क तीर्थ कहा जाता है और यह राम जन्मभूमि से केवल 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस कुंड का जल अत्यंत चमत्कारी और रोगनाशक माना जाता है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक के अवसर पर सभी देवी-देवता अयोध्या पधारे थे। सूर्य देव भी दर्शन नगर के समीप एक महीने तक ठहरे, जिसके कारण यह स्थान "सूर्य कुंड" के नाम से विख्यात हुआ। इतिहास के अनुसार, 19वीं शताब्दी की शुरुआत में शाकद्वीपीय ब्राह्मण राजा श्री दर्शन सिंह ने इस कुंड का निर्माण करवाया। उन्हें यहां के जल में दिव्य शक्ति का अनुभव हुआ, जिसके बाद उन्होंने सात दिन की तपस्या की। सातवें दिन उन्हें आकाशवाणी द्वारा निर्देश मिला, जिसके अनुसार जब उन्होंने खुदाई करवाई, तब उन्हें सात घोड़ों के रथ पर विराजमान सूर्य देव की मूर्ति, शिवलिंग और अपार धन प्राप्त हुआ। इसी धन से मंदिर का निर्माण किया गया।

सूर्य कुंड मंदिर अयोध्या का महत्व एवं वास्तुकला

प्राचीन सूर्य कुंड मंदिर में स्नान करके सूर्य देव को अर्घ्य देने से सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। एक कथा के अनुसार, घोष नामक राजा ने यहां स्नान कर अपने रोगों से मुक्ति पाई थी। विशेषकर चर्म रोगों के इलाज के लिए यह कुंड प्रसिद्ध है। पौष माह में मकर संक्रांति के दिन यहाँ विशेष पूजा और स्नान के लिए विशाल जनसमूह एकत्र होता है।

सूर्य कुंड की वास्तुकला

मंदिर प्राचीन हिन्दू शिल्पकला के अनुसार निर्मित है। इसका शिखर सीधे सूर्य देव की प्रतिमा के ऊपर है। सूर्य देव के चरणों में उनके पुत्र शनिदेव और पुत्री यमुना की अष्टधातु की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं। इसके अतिरिक्त मंदिर में राम-सीता, शिव परिवार, हनुमान जी और शालिग्राम की भी प्रतिष्ठा की गई है।

सूर्य कुंड मंदिर अयोध्या का समय

सुबह मंदिर खुलने का समय: 06:00 AM - 12:00 PM सुबह की आरती का समय: 07:00 AM - 08:00 AM दोपहर में मंदिर बंद रहने का समय: 12:00 PM - 04:00 PM शाम को मंदिर खुलने का समय: 04:00 PM - 08:00 PM संध्या आरती का समय: 07:00 PM - 08:00 PM

प्राचीन सूर्य कुंड मंदिर अयोध्या का प्रसाद

मंदिर में कुमकुम, चावल, दूध, मिश्री, नारियल, गुड़ और फल अर्पण किए जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि कुमकुम और मिश्री मिले जल से सूर्य देव को अर्घ्य देने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं।

प्राचीन सूर्य कुंड मंदिर अयोध्या कैसे पहुंचें?

निकटतम हवाई अड्डा

लखनऊ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (154 किमी)। यहाँ से बस सेवा उपलब्ध है।

निकटतम रेलवे स्टेशन

अयोध्या जंक्शन (5 किमी)। स्टेशन से सूर्य कुंड मंदिर तक पहुँचने के लिए टैक्सी, ऑटो और बसें आसानी से उपलब्ध हैं।

निकटतम बस स्टैंड

अयोध्या बस डिपो (5 किमी)। यहाँ से उत्तर प्रदेश परिवहन की बसें और स्थानीय ऑटो सेवाएं मंदिर तक जाती हैं।

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Published by Sri Mandir·September 10, 2025

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