सीता की रसोई अयोध्या
image
downloadDownload
shareShare
ShareWhatsApp

सीता की रसोई अयोध्या | Sita Ki Rasoi Ayodhya

जानिए अयोध्या के पवित्र स्थल सीता की रसोई का धार्मिक और पौराणिक महत्व, दर्शन समय, विशेष अवसरों पर आयोजित अनुष्ठान, और यहाँ पहुँचने की सम्पूर्ण जानकारी।

सीता की रसोई अयोध्या के बारे में

सीता की रसोई अयोध्या का एक प्राचीन और श्रद्धा से जुड़ा स्थान है, जो माता सीता से संबंधित माना जाता है। मान्यता है कि यहाँ माता सीता ने स्वयं भगवान राम के साथ वनवास से लौटने के बाद भोजन बनाया था। यह स्थल आज भी धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है और यहाँ दर्शन करने से भक्तों को सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस लेख में जानिए सीता की रसोई अयोध्या का इतिहास, धार्मिक महत्व और यहाँ दर्शन की खास बातें।

सीता की रसोई अयोध्या का इतिहास (Sita Ki Rasoi Ayodhya)

सीता की रसोई उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित एक प्राचीन और पवित्र स्थल है। यह राम जन्मभूमि के उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थित है। ऐसी मान्यता है कि माता सीता ने विवाहोपरांत इस रसोई का उपयोग अपने परिवार के लिए भोजन बनाने हेतु किया था। वर्तमान में यह स्थल एक मंदिर का रूप ले चुका है, जिसमें एक कोने में प्राचीन रसोई का स्वरूप दर्शाया गया है। इस मंदिर में देश-विदेश से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

सीता की रसोई का इतिहास त्रेता युग से जुड़ा हुआ है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस रसोई का निर्माण राजा दशरथ ने माता सीता के लिए करवाया था। माना जाता है कि विवाह के पश्चात माता सीता ने इस रसोई में पहली बार भोजन बनाकर अपने परिवार को परोसा था। एक अन्य मान्यता के अनुसार, माता सीता ने इसी रसोई में पंच ऋषियों को भी भोजन कराया था, जिसके फलस्वरूप उन्हें अन्नपूर्णा देवी का स्वरूप माना गया।

सीता की रसोई अयोध्या का महत्व एवं वास्तुकला

पौराणिक ग्रंथों में माता सीता को देवी अन्नपूर्णा का स्वरूप माना गया है। इस मान्यता के अनुसार अयोध्या की नववधुएं अपने ससुराल में पहली बार भोजन पकाने से पहले सीता की रसोई में दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करना आवश्यक मानती हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां दर्शन करने से माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और नववधु के जीवन में समृद्धि व सौहार्द बना रहता है।

सीता की रसोई मंदिर अयोध्या स्थित राजमहल का ही एक भाग है। मूल रूप से इसे त्रेता युग में रसोईघर के रूप में निर्मित किया गया था। मंदिर के भीतर भगवान राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और उनकी पत्नियों की सुंदर प्रतिमाएं स्थापित हैं। इन प्रतिमाओं को परंपरागत परिधान व आभूषणों से सजाया गया है। एक ओर प्राचीन रसोईघर के प्रतीकस्वरूप मिट्टी से बने बर्तन भी रखे गए हैं, जो उस युग की संस्कृति को दर्शाते हैं।

सीता की रसोई अयोध्या का समय

मंदिर सुबह खुलने का समय: 08:00 AM - 06:30 PM सुबह आरती का समय: 10:00 AM - 10:30 AM संध्या आरती का समय: 06:00 PM - 06:30 PM

सीता की रसोई अयोध्या का प्रसाद

इस मंदिर में माता सीता द्वारा बनाए गए व्यंजनों को प्रतीकस्वरूप प्रसाद के रूप में अर्पित किया जाता है। इनमें तीन प्रकार की खीर, मटर की घुघरी, कढ़ी, मालपुए आदि प्रमुख हैं। श्रद्धालु इन्हीं वस्तुओं को प्रसाद स्वरूप चढ़ाते हैं।

सीता की रसोई अयोध्या कैसे पहुँचें?

निकटतम हवाई अड्डा

अयोध्या का सबसे निकटतम हवाई अड्डा लखनऊ हवाई अड्डा है, जो लगभग 150 किलोमीटर दूर स्थित है। दूसरा विकल्प गोरखपुर हवाई अड्डा है, जो लगभग 158 किलोमीटर दूर है। दोनों स्थानों से टैक्सी या बस की सहायता से मंदिर तक पहुँचा जा सकता है।

रेलवे स्टेशन

अयोध्या रेलवे स्टेशन मंदिर से मात्र 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। स्टेशन से मंदिर तक ऑटो और टैक्सी की सुविधा उपलब्ध रहती है।

सड़क मार्ग

अयोध्या-फैज़ाबाद बस स्टैंड मंदिर से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां से ऑटो, टैक्सी या स्थानीय परिवहन से मंदिर आसानी से पहुंचा जा सकता है। उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख नगरों से अयोध्या के लिए राज्य परिवहन निगम की नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं।

divider
Published by Sri Mandir·December 8, 2025

Did you like this article?

आपके लिए लोकप्रिय लेख

और पढ़ेंright_arrow
Card Image

शीतला माता मंदिर, इंदौर

शीतला माता मंदिर, इंदौर का प्राचीन इतिहास, दर्शन और पूजा का समय, धार्मिक महत्व और मंदिर तक पहुँचने का मार्ग जानिए। यह मंदिर आस्था और प्रकृति के अद्भुत संगम का प्रतीक है।

right_arrow
Card Image

श्री मध्य स्वामी मलाई मंदिर, भोपाल

जानिए श्री मध्य स्वामी मलाई मंदिर, भोपाल का इतिहास, दर्शन और अभिषेक का समय, मंदिर की वास्तुकला और मंदिर तक पहुँचने का मार्ग। भगवान कार्तिकेय को समर्पित यह मंदिर दक्षिण भारतीय संस्कृति की झलक प्रस्तुत करता है।

right_arrow
Card Image

गीता भवन मंदिर इंदौर

गीता भवन मंदिर इंदौर का इतिहास, दर्शन का समय, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व, वास्तुकला की विशेषता और यहाँ तक पहुँचने का मार्ग जानिए। यह मंदिर सभी धर्मों के श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक केंद्र है।

right_arrow
srimandir-logo

श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 100 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

हमारा पता

फर्स्टप्रिंसिपल ऐप्सफॉरभारत प्रा. लि. 435, 1st फ्लोर 17वीं क्रॉस, 19वीं मेन रोड, एक्सिस बैंक के ऊपर, सेक्टर 4, एचएसआर लेआउट, बेंगलुरु, कर्नाटका 560102
YoutubeInstagramLinkedinWhatsappTwitterFacebook