जानिए वृंदावन के प्रसिद्ध राधा दामोदर मंदिर का पौराणिक इतिहास, धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व, दर्शन और पूजा का समय, तथा मंदिर तक पहुँचने का संपूर्ण मार्गदर्शन।
राधा दामोदर मंदिर वृंदावन का एक प्राचीन और अत्यंत श्रद्धेय मंदिर है, जो श्री राधा रानी और भगवान दामोदर (कृष्ण) को समर्पित है। यह मंदिर अपनी भक्ति, ऐतिहासिकता और आध्यात्मिक महत्व के लिए विशेष स्थान रखता है। मान्यता है कि यहाँ दर्शन और पूजा करने से भक्तों को भक्ति, प्रेम और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस लेख में जानिए राधा दामोदर मंदिर वृंदावन का इतिहास, धार्मिक महत्व और यहाँ दर्शन की खास बातें।
राधा दामोदर मंदिर उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित श्रीधाम वृंदावन का एक प्रमुख मंदिर है। यह मंदिर न केवल गौड़ीय संप्रदाय, बल्कि अन्य वैष्णव संप्रदायों के लिए भी आस्था का केंद्र रहा है। वृंदावन को सात प्रमुख देवताओं की प्राकट्य स्थली माना जाता है, और उन्हीं में से एक राधा दामोदर जी हैं, जिनकी स्थापना श्रीरूप गोस्वामी ने की थी। इस मंदिर में दर्शन करने और परिक्रमा करने का विशेष धार्मिक महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर की चार परिक्रमा करने से गिरिराज गोवर्धन की परिक्रमा का पुण्य प्राप्त होता है।
राधा दामोदर मंदिर की स्थापना संवत 1599 (1542 ई.) की माघ शुक्ल दशमी के दिन श्रीरूप गोस्वामी ने की थी। इसके पश्चात मंदिर की सेवा का उत्तरदायित्व जीव गोस्वामी को सौंपा गया। यह मंदिर उन छह गोस्वामियों की साधना स्थली है, जिन्होंने चैतन्य महाप्रभु की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुँचाया। श्रीरूप गोस्वामी की भजन-कुटी यहीं स्थित है। मंदिर में इष्टगोष्ठी, श्रीमद्भागवत की व्याख्या और विभिन्न वैष्णव सभाएँ आयोजित होती थीं, जिनमें रघुनाथभट्ट जैसे संत अपनी मधुर वाणी से कथा सुनाते थे।
राधा दामोदर मंदिर को अंतरराष्ट्रीय इस्कॉन संस्था के संस्थापक श्री प्रभुपाद महाराज ने अपने वृंदावन प्रवास के दौरान सर्वप्रथम आराधना का केंद्र बनाया था। मान्यता है कि इस मंदिर में विराजमान गिरिराज शिला की परिक्रमा करने से स्वतः गिरिराज गोवर्धन की परिक्रमा हो जाती है। चार परिक्रमा करने से लगभग 25 किलोमीटर लंबी गिरिराज परिक्रमा का पुण्य फल प्राप्त होता है।
मंदिर की वास्तुकला
मंदिर की वास्तुकला में राजस्थानी शैली की झलक मिलती है। भव्य प्रवेश द्वार, नक्काशीदार खंभे, खुले आंगन और चित्रित छत इसकी प्रमुख विशेषताएँ हैं। गर्भगृह में श्री वृंदावनचंद्र, श्री छैलचिकनिया, श्री राधाविनोद, श्री राधामाधव आदि विग्रह स्थापित हैं। मंदिर परिसर में श्री जीव गोस्वामी और श्री कृष्णदास गोस्वामी की समाधियाँ स्थित हैं। उत्तर भाग में श्रीपाद रूप गोस्वामी की भजन कुटी और समाधि है। पास में श्री भूगर्भ गोस्वामी की समाधि भी देखी जा सकती है।
सुबह मंदिर खुलने का समय: 04:30 AM - 01:00 PM मंगला आरती का समय: 04:30 AM - 05:00 AM शाम को मंदिर खुलने का समय: 04:30 PM - 09:00 PM
राधा दामोदर मंदिर वृंदावन का प्रसाद
मंदिर में श्रीकृष्ण को फल, माखन, मिश्री, ड्राई फ्रूट्स और खीर का भोग लगाया जाता है। भक्तजन श्रद्धा से यह प्रसाद अर्पित करते हैं और वही प्रसाद उन्हें वितरित किया जाता है।
हवाई मार्ग
निकटतम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। वहाँ से टैक्सी या बस के माध्यम से वृंदावन आसानी से पहुँचा जा सकता है।
रेल मार्ग
वृंदावन का निकटतम प्रमुख रेलवे स्टेशन मथुरा कैंट है। स्टेशन से मंदिर तक ऑटो, बस और टैक्सी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
सड़क मार्ग
दिल्ली से वृंदावन की दूरी लगभग 185 किलोमीटर है, जिसे यमुना एक्सप्रेसवे या एनएच 44 से लगभग तीन घंटे में तय किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश राज्य के सभी प्रमुख नगरों से मथुरा के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं। अनेक निजी तीर्थ यात्रा कंपनियाँ भी वृंदावन के लिए सेवाएं प्रदान करती हैं।
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