जानिए अयोध्या के पंचमुखी महादेव मंदिर का पौराणिक इतिहास, धार्मिक महत्व, दर्शन और पूजा का समय, तथा मंदिर तक पहुँचने का सम्पूर्ण मार्गदर्शन।
पंचमुखी महादेव मंदिर अयोध्या का एक प्राचीन और पवित्र धार्मिक स्थल है, जहाँ भगवान शिव पंचमुखी रूप में विराजमान हैं। माना जाता है कि इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का मार्ग खुलता है। इस लेख में जानिए पंचमुखी महादेव मंदिर अयोध्या का इतिहास, धार्मिक महत्व और यहाँ दर्शन करने की खास बातें।
पचमुखी महादेव मंदिर उत्तर प्रदेश के अयोध्या शहर में स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर है। यह मंदिर सरयू नदी के पवित्र गुप्तार घाट पर स्थित है और पूरी तरह से लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है। मंदिर का प्रमुख आकर्षण पांच मुखों वाला शिवलिंग (मुखलिंग) है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान विष्णु के सौम्य किशोर रूप को देखकर भगवान शिव ने यह कामना की कि यदि उनके भी अनेक मुख और नेत्र होते तो वे उस रूप का अधिक रसास्वादन कर पाते। इस इच्छा से उनके पांच मुख प्रकट हुए और वे पंचमुखी कहलाए।
पंचमुखी महादेव मंदिर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। मान्यता है कि लगभग 2000 वर्ष पूर्व सूर्यवंश के राजाओं द्वारा इस विशेष मुखलिंग की स्थापना की गई थी। वर्तमान मंदिर का स्वरूप लगभग 250 वर्ष पुराना माना जाता है। इसके ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के कारण यह मंदिर आज भी भक्तों का प्रमुख आस्था केंद्र बना हुआ है।
मुखलिंग प्रत्यक्ष रूप से मुख वाला शिवलिंग होता है और इसका पूजन विशेष फलदायी माना जाता है। शिवोपासना में मुखलिंग की उपासना से भोग और मोक्ष दोनों की प्राप्ति संभव है। पंचमुखी शिवलिंग के दर्शन मात्र से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जब भगवान शिव ने सृष्टि की रचना का विचार किया, तब उन्होंने पंचमुख रूप धारण किया। इन पांच मुखों से ही पंचतत्वों पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, और आकाश की उत्पत्ति हुई, जिनसे जीवन का आधार बना।
महादेव मंदिर अयोध्या की वास्तुकला
पंचमुखी महादेव मंदिर उत्तर भारतीय नागरा शैली में निर्मित है, जो इसकी स्थापत्य कला को विशेष बनाती है। मंदिर का मुख्य शिखर ऊँचा और कलात्मक है। शिखर के ठीक नीचे पंचमुखी मुखलिंग स्थापित है, और उसके नीचे गर्भगृह स्थित है। इस गर्भगृह में भक्त ध्यानपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं। मंदिर की संपूर्ण बनावट लाल बलुआ पत्थर की है, जो इसे प्राचीनता और गरिमा प्रदान करती है।
महाशिवरात्रि और श्रावण मास के दौरान विशेष पूजा एवं उत्सव का आयोजन होता है।
पंचमुखी महादेव मंदिर अयोध्या का प्रसाद
मंदिर में प्रतिदिन सरयू जल से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है। इसके साथ ही धतूरा, बिल्वपत्र, दूध, फूल, लड्डू आदि महादेव को अर्पित किए जाते हैं। प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव का विशेष श्रृंगार होता है, जिसमें भांग, भस्म और अन्य पूजन सामग्री चढ़ाई जाती है। भगवान शिव को बिल्वपत्र अत्यंत प्रिय होते हैं, इसलिए ये विशेष रूप से चढ़ाए जाते हैं।
हवाई मार्ग
निकटतम हवाई अड्डा: फैजाबाद एयरपोर्ट, जो मंदिर से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित है।
रेल मार्ग
निकटतम रेलवे स्टेशन: अयोध्या जंक्शन, जो मंदिर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर है।
सड़क मार्ग
निकटतम बस स्टैंड: अयोध्या बस डिपो, जो मंदिर से लगभग 13 किलोमीटर दूर है। अयोध्या शहर सड़क मार्ग से देश के प्रमुख नगरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। टैक्सी, बस या ऑटो के माध्यम से मंदिर तक सरलता से पहुँचा जा सकता है।
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