जानिए गोरखपुर के प्रसिद्ध श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर का पौराणिक इतिहास, धार्मिक महत्व, दर्शन व आरती समय, तथा मंदिर तक पहुँचने का संपूर्ण मार्गदर्शन।
पंचमुखी हनुमान मंदिर गोरखपुर का एक प्रसिद्ध और आस्था से जुड़ा स्थल है। यह मंदिर भगवान हनुमान जी के पंचमुखी स्वरूप को समर्पित है। मान्यता है कि यहाँ दर्शन और पूजा करने से भक्तों को संकटों से मुक्ति, साहस और शक्ति की प्राप्ति होती है। इस लेख में जानिए पंचमुखी हनुमान मंदिर गोरखपुर का इतिहास, धार्मिक महत्व और दर्शन से जुड़ी खास बातें।
श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिले में बरगदवा क्षेत्र में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। इस मंदिर में संकट मोचन हनुमान जी की लगभग 31 फुट ऊँची पंचमुखी प्रतिमा स्थापित है, जो दक्षिण दिशा की ओर मुख किए हुए है। इसी कारण इसे दक्षिणमुखी पंचमुखी हनुमान मंदिर भी कहा जाता है। यह गोरखपुर में पंचमुखी हनुमान जी की सबसे ऊंची मूर्ति मानी जाती है और इसे अत्यंत चमत्कारी माना जाता है।
इस मंदिर की स्थापना वर्ष 2012 में की गई थी। यह मंदिर तीन मंजिलों में बना हुआ है, जिसमें मुख्य आकर्षण पंचमुखी स्वरूप में हनुमान जी की 31 फुट ऊँची प्रतिमा है। इसे "सर्व कार्य सिद्धक मंदिर" के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर की स्थापना के बाद से यह भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र बन चुका है और यहाँ प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में हनुमान जी की 11 परिक्रमाएं करने से सभी प्रकार की परेशानियाँ दूर हो जाती हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सच्ची श्रद्धा से की गई साधना के फलस्वरूप भक्त को सफलता प्राप्त होती है। यह स्थान आध्यात्मिक ऊर्जा और चमत्कारी प्रभाव के लिए प्रसिद्ध है।
मंदिर की वास्तुकला
मंदिर में स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा अत्यंत विशाल और प्रभावशाली है। प्रतिमा के हृदय स्थल पर भगवान श्रीराम और माता सीता की मूर्ति स्थापित है, जो यह दर्शाता है कि हनुमान जी के हृदय में सिया-राम विराजमान हैं।
मंदिर की संरचना तीन मंजिला है
प्रथम तल पर वायुपुत्र हनुमान जी के चरणों के दर्शन होते हैं।
दूसरे तल पर प्रभु राम-सीता के हृदय स्थल के दर्शन होते हैं।
तीसरे तल से पंचमुखी हनुमान जी के स्वरूप के दर्शन होते हैं।
मंदिर परिसर में अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियाँ भी स्थापित की गई हैं जैसे महालक्ष्मी-नारायण, शिव-गौरी, गणेश, कार्तिकेय, नंदी, राधा-कृष्ण आदि।
मंदिर खुलने का समय: 12:00 AM - 12:00 AM (24 घंटे) सुबह की आरती: 06:00 AM - 07:00 AM सायंकाल आरती: 07:00 PM - 08:00 PM
मंदिर का प्रसाद
हनुमान जी को प्रसाद स्वरूप शुद्ध घी के बेसन के लड्डू और बूंदी के लड्डू अर्पित किए जाते हैं। मंदिर में हनुमान जी के गले में गेंदे और तुलसी की माला सुशोभित रहती है। भक्त अपनी श्रद्धा अनुसार भगवान को भोग अर्पित करते हैं।
निकटतम हवाई अड्डा
महायोगी गोरखनाथ हवाई अड्डा मंदिर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एयरपोर्ट से मंदिर तक जाने के लिए बस और ऑटो की सुविधा उपलब्ध है।
रेलवे स्टेशन
गोरखपुर रेलवे स्टेशन मंदिर से करीब 8 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ से मंदिर तक पहुंचने के लिए बस, ऑटो या टैक्सी की सुविधा आसानी से मिलती है।
सड़क मार्ग
उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों से गोरखपुर के लिए नियमित रूप से राज्य परिवहन निगम की बसें चलती हैं। साथ ही निजी बस ऑपरेटरों की भी सेवाएं उपलब्ध हैं। श्रद्धालु निजी वाहन से भी सड़क मार्ग द्वारा मंदिर आसानी से पहुंच सकते हैं।
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